शहडोल ( कोबरा) : आदर्श आचार संहिता लागू होनेेे के दौरान धरना प्रदर्शन की अनुमति ना मिलना तो आम बात है किंतु दो भिन्न-भिन्न अधिकारियों द्वारा अनुमति ना देने का अलग-अलग कारण बताया जाना मामले को संदेहास्पद बनाता है और इस प्रश्न को जन्म देता है कि कहीं भी जिला प्रशासन के अधिकारी कलेक्टर श्री दाहिमा को सेफ जोन पहुंचाने के लिए तो अनुमति नही दे रहें हैं , हालकि यह सिर्फ एक प्रश्न है जिसकी पुष्टि हम नहीं कर सकते गौरतलब है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के बाद भी 20 अप्रैल 2019 की देर शाम जिले के प्रभारी मंत्री ओमकार सिंह मरकाम की कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूदगी का मामला दिन बा दिन गर्माता जा रहा है। एक और भाजपा के लोकसभा प्रभारी गिरीश द्विवेदी द्वारा उक्त मामले की शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर संसदीय क्षेत्र शहडोल से की गई थी। जिस पर जांच प्रतिवेदन निर्वाचन आयोग को भेजा जा चुका है वहीं दूसरी ओर पत्रकार वार्ता का आयोजन कर भाजपा लोकसभा संयोजक अनिल गुप्ता द्वारा आरोप लगाया गया था कि कलेक्टर श्री ललित दाहिमा क्षेत्र में कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं यदि उन्हें शहडोल से पदस्थापित नहीं किया गया तो भाजपा धरना प्रदर्शन कर विरोध प्रकट करेगी जिस हेतु भाजपा संभागीय कार्यालय लोकसभा प्रभारी गिरधर प्रताप सिंह द्वारा अनुमति हेतु कोतवाली में आवेदन दिया गया था जिस पर अनुमति नहीं जारी की गई।
एक की दलील का दूसरे ने किया खंडन...
भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया गया था कि धरना की अनुमति हेतु आवेदन लगाया गया है जिस पर अनुमति मिली कि नहीं यह जानने के लिए जब हमारी टीम ने सहायक निर्वाचन अधिकारी जयसिंह नगर सुरेश अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने पुलिस बल की कमी होने के कारण अनुमति निरस्त होना बताया। क्योंकि अनुमति हेतु प्रतिवेदन कोतवाली से सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के पास भेजा गया था इसलिए पुलिस बल की कमी है या नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए जब कोतवाली प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी से संपर्क किया गया तो उन्होंने दूरभाष ने बताया कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के कारण अनुमति नहीं दी गई है किंतु जब उनसे बल की कमी की बात पूछी गई तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि बल की कमी है। संभव है कि यह गलतफहमी हो अथवा समझने का फेर किन्तु मामला अपने आप मे एक अनसुलझा सवाल बन चुका है ।
पत्र में था दोनों कारणों का उल्लेख...
कथित दोनों अधिकारियों द्वारा अनुमति निरस्त करने के भले ही दो अलग-अलग कारण बताया गया हो लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे पास सहायक निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमति निरस्त हेतु प्रेषित पत्र की प्रति हमें प्राप्त हुई पत्र में दोनों ही कारणों का उल्लेख किया गया है पत्र में लिखा गया है कि जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है तथा पुलिस बल की कमी के कारण धरना प्रदर्शन की अनुमति देना उचित नहीं होगा इन्हीं कारणों से अनुमति निरस्त की गई ।
इनका कहना है ....
अनुमति हेतु पत्र प्राप्त हुआ था हमने उनको बता दिया था कि आदर्श आचार संहिता लागू है अनुमति हेतु मामला सक्षम अधिकारी एसडीएम के पास संप्रेषित कर दिया गया था । हमारे पास बल की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है आचार संहिता लागू होने की वजह से अनुमति दिया जाना संभव नहीं है।
रावेंद्र द्विवेदी
कोतवाली प्रभारी, शहडोल
आवेदन प्राप्त हुआ था पुलिस ने रिपोर्ट दी थी कि उनके पास बल की कमी है इसलिए अनुमति निरस्त की गई थी।
सुरेश अग्रवाल
सहायक निर्वाचन अधिकारी ,जयसिंहनगर
आगे पढ़ें.... comming soon
1. प्रभार लेते ही छोटे साहब ने निगल लिया घरौला में जिंदा तालाब...
2. वर्जन में अधिकारी ने माना की दबाव बना रहे थे मंत्री जी....
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