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रेल यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बना संभागीय मुख्यालय का रेलवे स्टेशन



मूलभूत सुविधाओं का आभाव, यात्रियों को होती है परेशानी, प्रबंधन उदासीन

शहडोल। संभागीय मुख्यालय के बी-ग्रेड का दर्जा प्राप्त रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक से बिलासपुर की ओर रिजर्वेशन कराकर यात्रा करने वाले यात्रियों की यात्रा आसान नहीं रहती और उन्हे अपनी ट्रेन छूट जाने का भय सताता रहता है, क्योंकि उन्हे अपना कोच ढूढऩे में ही इतना ज्यादा समय लग जाता है कि उनकी ट्रेन गंतव्य को रवाना हो जाती है, मगर उन्हे उनका कोच नहीं मिल पाता। जागरूक रेलयात्री तो इंक्वायरी काउंटर में जाकर कोच का पता लगा लेतें हैं, लेकिन अधिकांश यात्री प्लेटफार्म में ही कोच की लोकेशन पता करते नजर आते हैं। इंक्वायरी में कोच की सही लोकेशन पता नहीं रहती। वहां भी अनुमान लगा कर कोच की जानकारी दी जाती है। जिससे संबंधित यात्री ट्रेन आने तक संसय में रहता है। इस समस्या की मुख्य वजह प्लेटफार्म नम्बर एक में कोच इंडीकेशन डिस्प्ले बोर्ड का नहीं लगना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर दो व तीन में कोच इंडीकेशन डिस्प्ले बोर्ड लगा हुआ है, मगर प्लेेटफार्म नम्बर एक के साथ रेल विभाग द्वारा आज तक सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

इन्हें होती है सर्वाधिक परेशानी

बताया गया है कि प्लेटफार्म नम्बर एक में कोच इंडीकेशन डिस्प्ले के नहीं होने का सर्वाधिक खामियाजा दिव्यांग व मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है। प्लेटफार्म नम्बर एक में ट्रेन आने के बाद ही उन्हे कोच की लोकेशन पता चलती है। ऐसी दशा में उन्हे अपने कोच तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कई बार तो ट्रेन छूट जाती है या फिर वह सामने आए किसी भी कोच में चढ़ जाते हैं।
केटल गार्ड हैं क्षतिग्रस्त

रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार में लगे केटल गार्ड कई जगहों से टूट गए है और दिव्यांगों के लिए बनाए गए पार्किंग स्थल का गेट खुला रहता है। जिससे आवारा मवेशी आसानी से अंदर घुस जाते हैं। इसके अलावा स्टेशन के दोनों इंड प्वाइंट पर भी काउकेचर लगाए जाने की जरूरत है।

सुरक्षा के नही इंतजाम

रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक में कई स्थानों पर अघोषित मार्ग और टैक्सी स्टैण्ड बने हुए हैं। जहां से बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री आसानी से बाहर हो जाते हैं और टिकट चेकर हाथ मलते रह जाते हैं। यह अघोषित मार्ग जीआरपी के बगल और लॉबी क्रू ऑफिस के पास है।
नहीं हो रहा रैम्प का निर्माण

पिछले एक दशक से शहडोल के रेलवे स्टेशन में रैम्प के निर्माण की मांग की जा रही है। इसके लिए सांसद, विधायक, नपाध्यक्ष, पार्षद, सीनीयर सिटीजन, रेल यात्री संघ सहित अन्य सामाजिक व जागरूक नागरिकों ने कई बार लिखित व मौखिक तौर पर रेल प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराया है। जिस पर उन्हे सिवाय आश्वासन के आज तक कुछ हासिल नहीं हुआ है। रेल विभाग के जिम्मेदारों का यही कहना रहता है कि प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही रैम्प का निर्माण होगा। कब होगा? यह कोई नहीं बताता।

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