जरवाही खदान में जोरो पर रेत का अवैध खनन,रोजना निकल रहे एक सैकड़ा से अधिक वाहन
शहडोल। बुढ़ार थाना क्षेत्र अंतर्गत जरवाही रेत खदान में इन दिनों अवैध उत्खनन का कार्य जोरों पर है जंहा से प्रतिदिन एक सैकड़ा से अधिक वाहन प्रशासनिक निर्देशों को रौंदते हुए जिले की सीमा पार कर रीवा,इलाहाबाद व मुख्यालय से लगे अन्य स्थानों में चोरी की रेत पहुंचा रहे हैं । स्थानीय रेत माफियाओं द्वारा ना सिर्फ धड़ल्ले से रेत की चोरी की जा रही है अपितु रेत माफियाओं द्वारा नदी के बीचो-बीच रास्ता निर्मित कर नदी का भौगोलिक स्वरूप भी परिवर्तित किया गया है। सोन के सीने पर दौड़ते वाहनों ने बहती नदी को छिछले तालाबों में परिवर्तित कर दिया है। इसके बाद भी गहरी नींद में सोए जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है। आलम तो यह है कि माफिया प्रशासनिक बल के समानांतर एक मुखबिर तंत्र बना कर धड़ल्ले से रेत चोरी का कार्य कर रहे हैं।
अनावंटित खदान पर कब्जा
जरवाही स्थित रेत खदान जिसे पूर्व में राजस्थान के एसआर ट्रेडर्स नामक कंपनी को लीज पर आवंटित की गई थी बीते वर्ष ग्राम पंचायतों की खदान चालू होने पर एसआर ट्रेडर्स द्वारा खदान खनिज विभाग को सरेंडर कर दी गई थी। किंतु विभाग द्वारा घाट पर खनन रोकने के लिए किसी प्रकार के कोई इंतजाम बात नहीं किए गए नतीजा यह हुआ कि मानसून सत्र समाप्त होते ही इस वर्ष स्थानीय रेत माफियाओं द्वारा जुगलबंदी कर खदान पर कब्जा जमा लिया गया। अवैध रेत के कारोबार से पूंजीपति बने तथाकथित लोगों द्वारा स्थानीय स्तर पर सांठगांठ कर ना सिर्फ रेत निकाली जा रही है बल्कि एनजीटी के निर्देशों को धता बताकर जलमग्न भाग से भी रेत खनन का कार्य किया जा रहा है।
किसकी शह पर अवैध खनन
जरवाही स्थित रेत माफियाओं का इस तरह से खुलेआम प्राशशन को चुनौती देना और प्राशशन का मामले में चुप्पी साधे रखना खनिज विभाग की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिंह का कार्य कर रही है।वंही घाट पर मौजूद माफियाओं के गुर्गों से जब हमारी टीम द्वारा बात की गई तो मुंशी द्वारा उक्त प्रकरण में हाइलेबल का मेजमेंट बताया गया, कथित व्यक्ति ने बताया की खनिज निरीक्षक मैडम व सर के पास प्रति वाहन की दर से रकम पहुंचाई जाती है जिससे खनिज का दल निकलने से पहले दूरभाष के माध्यम से बॉस के पास सूचना पहुंच देते हैं और गाड़ियां घाट से निकाल कर घने जंगलों में छिपा दी जाती है।


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