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रेलवे फुट ओवर ब्रिज बना शराबियों का अड्डा



देर शाम से छलकते हैं जाम प्रशासन को कार्यवाही से परहेज


शहडोल : संभागीय मुख्यालय के रेलवे स्टेशन के पास पुरानी बस्ती और रेलवे स्टेशन को जोडऩे वाला आउटर फुट ओवर ब्रिज पिछले कई वर्षों से बेकार पड़ा है। जहां देर शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है और आधी रात तक शराबी आग तपते हुए जाम का भरपूर मजा ओवरब्रिज में ही उठाते हैं इतना ही नहीं आधी रात के बाद उपद्रवी तत्वों का आशियाना भी ओवरब्रिज में ही रहता है। बताया गया है यह फुट ओवर ब्रिज इतनी जर्जर अवस्था में हो चुका है कि इसमें चलने से लोगों को डर लगता है। नीचे ट्रेनें गुजरने से यह ब्रिज कांपता है। यह ब्रिज करीब पच्चीस वर्ष पूर्व रेलवे स्टेशन के पश्चिम केबिन के पास बनवाया गया था। जिसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य पुरानी बस्ती एवं लोको कॉलोनी के लोगों को सुलभ आवागमन उपलब्ध कराना था। जहां वर्तमान में असमाजिक तत्वों और नशेडिय़ों का जमघट लगा रहता है। खासतौर पर रात्रिकाल में नशेडिय़ों के लिए यह ब्रिज वरदान साबित हो रहा है।


जोखिम भरा सफर
ब्रिज से रात्रिकाल में गुजरना काफी जोखिम भरा होता है, क्योंकि वहां नशेडिय़ों और असमाजिक तत्वों का जमघट रहता है। अंधेरा रहता है। रोशनी की व्यवस्था नहीं है। इस प्रकार ब्रिज बने होने के बाद भी लोग इस सुविधा का लाभ नहीं ले रहे हैं और इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं होने की वजह से विभाग भी उसके रख रखाव में ध्यान नही दे रहा है।


पहल की जरूरत
लोको कॉलोनी एवं पुरानी बस्ती से स्टेशन आने-जाने वाले लोग अपनी जान-जोखिम में डालकर आज भी पटरी पार कर स्टेशन जाते हैं, खासतौर पर कई स्कूली बच्चे। जीआरपी के अनुसार सर्वाधिक दुर्घटनाएं स्टेशन के समीप होती हैं। पुरानी बस्ती से शहर को जोडऩे वाले दो मार्ग है। पहला रेल फाटक से दूसरा अंडर ब्रिज से। इसके अलावा पैदल वालों के लिए सबसे बेहतर मार्ग ये फुटओवर ब्रिज है, फिर भी लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते।

नींद में माई बाप
जीआरपी थाने से कुछ ही कदमों की दूरी पर बने फुट ओवर ब्रिज में शराबियों का जमावड़ा लगता है और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अपनी दफ्तर में आग का मजा लेते नजर आते हैं इतना ही नहीं सांपों को श्री की चाय की चुस्की भी लग चुकी है एक तरफ जहां जिम्मेदार फ्री की चाय के साथ तारा बिस्कुट का मजा उठाते हैं वहीं दूसरी तरफ फुटओवर ब्रिज में उपद्रवी तत्वों आग में कब आप भूल से नजर आते हैं लेकिन जिम्मेदारों ने फिर भी अपनी आंख मूंद रखी है।

इनका कहना है
इस संबंध में जानकारी के लिए जब थाना प्रभारी को संपर्क किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।
एल पी कश्यप
थाना प्रभारी जी आर पी शहडोल

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