शिवराज की खास बताई जाने वाली कंपनी कर रही सोन का सीना छलनी
प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों कि मूक सहमति से हो रहा कारोबार
शहडोल(कोबरा) : सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा रेत के अवैध खनन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाने के लिए निर्देश सभी जिला कलेक्टर को जारी किए गए थे इन निर्देशों का पालन कागजों तक ही सीमित रहा और अवैध उत्खनन का कारोबार सत्ता परिवर्तन के बाद दुगनी तेजी से शहडोल संभाग में फैलने लगा। ग्राम पंचायत की तमाम खदानों को बंद कर संभाग में शिवा कार्पोरेशन नामक कंपनी रेत खनन व परिवहन के मामले में एकमुश्त राज करने की अनुमति दे दी गई हालांकि तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव द्वारा उमरिया व शहडोल जिले की सीमा पर संचालित मसीरा रेत खदान से हो रहे अवैध परिवहन पर लगाम कसने के उद्देश्य से लगभग 2 दर्जनों वाहनों पर कार्यवाही की गई थी किंतु इस कार्यवाही के बाद कुछ ही समय तक यह खनन व परिवहन का अवैध कारोबार थमा रहा और देखते ही देखते सांठगांठ कर एसआर कंपनी के कारिंदों द्वारा कारोबार को एक बार फिर दुगनी रफ़्तार के साथ प्रारंभ किया गया।
देर रात निकलते हैं ओव्हरलोड वाहन...
जिले की सीमा पर एसआर को स्वीकृत मसीरा रेत खदान से सारी रात रेत का अवैध खनन कर रेत के ओवरलोड भारी वाहन जयसिंहनगर के रास्ते रीवा एवं अन्य आस-पड़ोस के क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं जिस पर एसडीएम सतीश राय द्वारा कार्यवाही भी की गई थी । जिसके बाद परिवहन कुछ घंटों के लिए थम सा गया किंतु अब आलम फिर वैसा ही है खनिज अधिकारियों व थानों के हाई लेवल मैनेजमेंट के बाद लगभग आधा सैकड़ा रेत के ओवरलोड वाहन शहडोल की सीमा को पार कर रहे हैं जिन पर प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारियों को चुप्पी के एवज में कंपनी के कारिंदों द्वारा गुलाबी कड़क नोटों की भेंट दी जाती है यही कारण है कि प्रशासन की इन पर मेहरबानियां बरस रही है।
मामले पर हावी मुकेश का मैनेजमेंट
शहडोल संभाग के मसीरा, रोहनिया ही नहीं अन्य खदानों से कंपनी की गाड़ी द्वारा रेत निकलवाकर रीवा भेजी जा रही है सड़क पर दौड़ते इन ओवरलोड वाहनों को खुली छूट का कारण मुकेश के हाई लेवल का मैनेजमेंट बताया जा रहा है प्रतिमाह मुकेश द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों को चुप्पी की एवज में चढ़होत्री चढ़ाई जा रही है इतना ही नहीं मुकेश ने हर विभाग के अधिकारीयों के लिए उनके पद के हिसाब से अलग रकम तय कर रखी है ।
चडहोत्री के एवज में प्रशासन इन पर इस कदर मेहरबान है कि इनकी खदानों के समीप संचालित अन्य खदानों को अवैध बता कर अथवा नुस्ख निकालकर बंद कर दिया जाता है ताकि स्थानीय कारोबारी कथित कंपनी से ही रेत खरीदने व बेचने के लिए मजबूर रहे।वंही प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में मैनेजमेंट की कमान कंपनी के दूसरे कारिंदे को सौंप दी गई है।
नए प्रशानिक अधिकारियों को नही खबर...?
हाल ही में शहडोल जिले में नए कलेक्टर ने चार्ज लिया है नए कलेक्टर के चार्ज लेने के बाद से साहब का सख्त रवैये से आमजन को यह उम्मीद थी कि जल्द ही कार्यवाही की गाज कंपनी पर गिरेगी किन्तु नए कलेक्टर की खामोशी इस बात का परिचायक बन रही है कि या तो साहब को इस कारोबार की भनक ही नहीं है या फिर मुकेश का मैनेजमेंट फिर एक बार काम कर गया ऐसा ही कुछ पटकथा नए कमिश्नर के मामले में भी सामने आ रही है।
सांठगांठ का या खेल यही समाप्त नहीं होता चर्चा का विषय यह भी है कि और हनिया में नदी की धार रोककर परिवहन हेतु मार्ग निर्माण की अनुमति किस विभाग द्वारा दी गई और लीज क्षेत्र से बाहर खनन किए जाने पर वन विभाग एवं अन्य जिम्मेदार क्यों खामोश हैं
आगे पढ़ें..... अब सिर्फ एस आर के पास पोकलेन की अनुमति बांकी खदानों पर हुई कार्यवाही.......
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