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साहब ओर साहब का छिलटा....

(कोबरा टेढ़ी बात) 
शहडोल: अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है पर थोड़ा बोलने में हर्ज ही क्या है । परिवहन वाले नए दादा भाई का छिलटा इन दिनों 'मथुरा के पेड़े'जैसा तीनों जिले में मशहूर हो चुका है। अब छिलटा सिंह को ठाकुर जी का ड्राइवर कहे कि बस मालिक या दादा भाई का आफ रिकार्ड सिपहसलार यह अब तक निश्चित हुआ ही नही था ,वंही कार्यलय से जुड़े लोगों ने पाठे के छिलटा को साहब के ...लाल की उपाधि तक दे डाली है। लेकिन कुछ भी कहो छिलटा सिंह अपने काम के पक्के हैं ₹300 में हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग स्कूल का सर्टिफिकेट जारी कर देते हैं भले ही उनके पास सिखाने व दिखाने के लिए सिर्फ दबल कंट्रोल वाले छोटे वाहन ही हों। इतना ही नहीं छिलटा सिंह तो आधा पचाने और आधा पहुंचाने के गुण में भी निपुण है। देखना यह है कि आलम तब क्या होंगे जब साहब के छिलटा की पोल खुलेगी ।
कोबरा जहर के साथ
संपादक....गजेंद्र सिंह परिहार

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