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साहब का तुगलकी फरमान नहीं दूंगा मीडिया को बयान



स्वीप प्लान पर बयान देने से कतरा रहे कलेक्टर और सीइओ जिम्प

शहडोल (कोबरा फार मीडिया ) : जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है स्वीप प्लान के नाम पर करोड़ों पानी की तरह बहाए जा रहे हैं लेकिन उसी स्वीप प्लान की जानकारी मीडिया को देने से जिले के आला अधिकारी कतरा रहे हैं। हालांकि मीडिया के माध्यम से यह जानकारी प्रत्यक्ष रूप से आमजन तक ही पहुंचेगी लेकिन इसकी टोपी उसके सर के तर्ज पर बयान के लिए मीडिया कर्मियों को दफ्तरों के चक्कर कटवाए जा रहे हैं, जहां जिला निर्वाचन अधिकारी खुद को निर्वाचन बैठक में व्यस्त होना बता रहे हैं वहीं उनके  दरबान अपने  साहब तक आम जनता व मीडिया कर्मियों के नाम की पर्ची पहुंचाने से भी कतरा रहे हैं दरबानों की मानें तो साहब ने साफ तौर पर किसी को भी अंदर भेजने से व विजिटिंग कार्ड अथवा नाम की पर्ची लाने से साफ तौर पर इंकार कर रखा है। इतना ही नहीं साहब का भय दरबान पर इस कदर हावी है कि मीडिया कर्मियों व आमजन से दरबान को इस बात की गुहार लगाने से गुरेज नहीं है की पर्ची ले जाने में साहब नाराज हो जाते हैं।

दस लाख 66 हजार लोग और सिर्फ 60 मिनट...
शहडोल जिले की आबादी 10 लाख 64 हजार की है और साहब के तुगलकी फरमान के अनुसार कलेक्टर अथवा जिला पंचायत सीईओ से मिलने के लिए 1 घंटे का समय निर्धारित किया गया है निर्धारित समय के बाद यदि कोई पीड़ित मिलने आता है तो उसे बाहर से ही खाली हाथ लौटा दिया जाता है। ऐसे में दूरदराज के क्षेत्रों से आए पीड़ित अपनी व्यथा भला किस को सुनाएंगे ,आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने की वजह से जन सुनवाई भी चुनाव तक स्थगित कर दी गई है। कथित साहब के कार्यालय के सामने चस्पा हुए नोटिस की मानें तो जिले की कुल आबादी को मिले हुए समय से  भाग  करें तो प्रति व्यक्ति 0.00337 सेकेंड मिलता है जितने में लोगो को अपनी समस्या साहब को सुनानी होती है।
यह कहते हैं जिम्मेदार 


कर लूंगा साहब से बात नही दूंगा बयान:  सीईओ जिम्प 
जिला निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात ना होने के बाद जब मीडिया कर्मी निर्वाचन के नोडल अधिकारी जिला पंचायत
 सी ई ओ एस. कृष्ण चैतन्य से   स्वीप प्लान के लिए जानकारी लेने पहुंचे तो सीईओ जिला पंचायत ने मीडिया को बयान देने के लिए स्पष्ट शब्दों में इंकार कर दिया। वहीं इस बात की जानकारी जब हमारे टीम द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को दी गई तो उन्होंने पूरी जानकारी लेने की बाद जिला पंचायत सीईओ से कहीं तथा यह भी कहा कि मैं उन्हें बोल देता हूं , जिसके बाद दूरभाष द्वारा दोबारा जिला पंचायत सीईओ से संपर्क किया गया उन्होंने दोबारा भी स्पष्ट शब्दों में मीडिया को बयान देने के लिए मना कर दिया और यह कहकर कि मैं निर्वाचन अधिकारी से बात कर लूंगा  फोन काट दिया।

मैं बोल देता हूं  सीईओ से ले लो.....: निर्वाचन अधिकारी

आम जनता तो बड़ी दूर की बात है जब मीडिया कर्मियों के लिए साहब से मिलना इतना कठिन हो चुका है , तो इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आमजन की समस्याओं का समाधान कैसे होगा बीते दिनों जनसंपर्क कार्यालय से प्रसारित समाचार में जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आमजन को समय देकर स्वयं अपनी पीठ थपथपाई थी किंतु जब इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर ललित दाहिमा जी से संपर्क किया गया तो उन्होंने स्वयं को निर्वाचन की बैठक में व्यस्त होना व दरबान को फटकार लगाने की बात कही लेकिन बयान के लिए फिर इसकी टोपी उसके सर की तर्ज पर मीडिया कर्मियों को सीईओ जिला पंचायत की ओर इंगित कर दिया । वंही साहब के निर्देश व दूरभाष में हुई वार्ता  को  बताने के बाद भी श्री चैतन्य ने  साफ तौर  पर बयान देने के लिए इंकार कर दिया। और इस उधेड़बुन में घंटों तक मीडिया कर्मी दफ्तरों के चक्कर काटते रहे कभी अधिकारियों ने कहा स्वीप प्लान  प्रभारी शुश्री पूजा तिवारी  से बयान ले लो तो कभी सीईओ जिला पंचायत की दुहाई देते रहे।

क्या कहते हैं पत्रकार......

जिले के अधिकारी कहीं ना कहीं पत्रकारों का नहीं बल्कि जनता की समस्या सुनने के लिए मना कर रहे हैं क्योंकि पत्रकार हमेशा अधिकारियों और जनता के बीच एक मुख्य कड़ी का कार्य करते आए हैं और हमेशा प्रशासन पत्रकारों से सहयोग की भावना भी रखती है
विनय केवट 
अनादि न्यूज चैनल,शहडोल






...................................................................कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी जिले के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं इनके  मीडिया कर्मियों को अपना बयान नहीं देने  से चैनल से आये एसाइनमेंट पूरे नहीं हो पाते समाचार पूरा न होने की वजह से आम जन जागरुकता के आभाव में रह जाते हैं।
शैलेन्द्र तिवारी 
हिंदी खबर न्यूज चैनल, शहडोल






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पत्रकार जनता की भलाई के लिए ही न्यूज़ कवरेज करते हैं।और उनकी बात प्रशासन तक  पहुंचाते हैं अपने लिए नहीं तो प्रशासन को भी पत्रकारों का सहयोग करना चाहिए अगर प्रशासन उनकी उपेक्षा और टालमटोल करेगा तो पत्रकार भी कब तक ऐसे ही उपेक्षित होकर सहयोग करेगा अगर प्रशासन पत्रकारों का सहयोग करेगा तो पत्रकार भी प्रशासन का पूरा सहयोग करेगा और जनहित में अपना पूरा सहयोग दे पाएगा।

राहुल मिश्रा 
दैनिक विजयमत शहडोल





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जिले के अधिकारी कहीं ना कहीं पत्रकारों का नहीं बल्कि जनता की समस्या सुनने के लिए मना कर रहे हैं क्योंकि पत्रकार हमेशा अधिकारियों और जनता के बीच एक मुख्य कड़ी का कार्य करते आए हैं और हमेशा प्रशासन पत्रकारों से सहयोग की भावना भी रखती है।


जगदीश सेन 
खुलासा न्यूज़,शहडोल





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अधिकारियों के फोन ना उठाने व वर्जन ना देने की वजह से कई खबरें अधूरी रह जाती हैं जिससे अधिकारी जनता की समस्याओं वह अपराधों से रूबरू नहीं हो पाते ऐसे में चौथे स्तंभ का अपमान तो होता ही है साथ ही जनता प्रशासन के बीच की कड़ी भी टूटती है। अगर आलम ऐसे ही बने रहे हमें मुख्य सचिव व निर्वाचन आयुक्त से रूबरू होकर ज्ञापन सौपना पड़ेगा।


संजीव प्रताप सिंह 
कोबरा न्यूज,शहडोल 

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