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शोषण का पर्याय बनी गुप्ता हुंडई, विभाग ने जांच में पाया दोषी




उपभोक्ता ही नहीं कर्मचारियों का भी शोषण कर रहे हैं गुप्ता हुंडई शोरूम संचालक



गरीब का शोषण  इन दिनों  पूंजीपतियों का शौक बन चुका है , पूंजीपति बड़े-बड़े शोरूम संचालक  अपनी निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ना सिर्फ  उपभोक्ताओं की गाढ़ी कमाई  पर हाथ साफ करते हैं बल्कि इन्हें तो बेरोजगारी और महंगाई  के इस दौर में अपने कर्मचारियों के शोषण से भी गुरेज नहीं है । चंद रुपयों के लिए जाल साज और धोखेबाज शोरूम संचालक रोज कमाने रोज खाने वाले  मजदूर  और मजबूर  तबके के कर्मचारियों  के हक पर डाका डाल रहे हैं । पूंजीपतियों के लालच के आगे मानवता का वजन कितना हल्का हो चुका है कि पूंजीपति बरसों से सेवा कर रहे अपने ही कर्मचारियों पर कहर बरसाने में कोई कसर नही छोड़ रहे ।


शहडोल (कोबरा) : उपभोक्ताओं के शोषण को लेकर बीते दिनों चर्चा में रही 'गुप्ता हुंडई' शोरूम पर सिर्फ उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी का आरोप ही नहीं है, अपितु अधीनस्थ कर्मचारियों के शोषण व श्रम विभाग के नियमों के उल्लंघन मामले में शोरूम संचालक दोषी पाए गए हैं। रिटायर्ड सैनिक रिची जगवानी द्वारा मीडिया से मुकातिफ होकर
कथित शोरूम संचालक द्वारा उपभोक्ताओं के साथ की जा रही धोखा धड़ी व टैक्स चोरी के दस्तावेज मीडिया को दिखाए गए थे तथा वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी लिखित शिकायत भी की गई थी। किन्तु आरोप-प्रत्यारोपों के उधेड़बुन के बीच एक मामला जो ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया ,वह था शोरूम संचालक द्वारा अधीनस्थ कर्मचारियों के शोषण का जिसकी शिकायत श्रम विभाग को की गई थी। जिस पर श्रम विभाग के आला अधिकारियों द्वारा शोरूम का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था तथा अनियमितता पाए जाने पर शोरूम संचालक को जवाब तलब भी किया गया था। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायत निरीक्षण और कार्यवाही की इस कड़ी में श्रम विभाग के परिहार साहब ने जुगाड़ भिड़ाने की काफी कोशिश भी की लेकिन कामयाब ना हो सके और अंततः मामला ठंडे बस्ते के हवाले ना किया जा सका ।


यह था शिकायत में...
रिची  कुमार जगवानी द्वारा श्रम आयुक्त कार्यालय में की गई शिकायत में अधीनस्थ कर्मचारियों के शोषण के संबंध में कई सारे आरोप लगाए गए । शिकायत में बताया गया कि शोरूम संचालक द्वारा किसी भी कर्मचारी को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाता है और ना ही उससे कार्य के एवज में अनुबंध अथवा अन्य कार्यवाही की जाती है। साथ ही कर्मचारियों को उनकी योग्यता के अनुसार वेतन भी नहीं दिया जाता है इतना ही नहीं शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन का वेतन में पूर्ण रूप से अवहेलना की जाती है। इसके अलावा श्रम विभाग के निर्देशों के अनुसार कर्मचारियों को बीएफ ग्रेजुएटी जैसी सुविधाओं से भी मोहताज रखा जाता है साथ टी कंपनी में अपनी सेवा दे रहे कर्मचारियों के कार्य का समय अभी तय नहीं है और ना ही अधिक कार्य लेने पर कर्मचारियों को
ओवर टाइम भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही अधिकतर कर्मचारियों को भुगतान भी कह नहीं किया जाता है तथा भुगतान में मिनिमम वेजेस एक्ट की भी अवहेलना की जाती है ।

सिर्फ होली दिवाली मिलती है छुट्टी..
शिकायत में बताया गया कि कर्मचारियों को सिर्फ होली और दिवाली और यदा कदा ही सवैतनिक अवकाश दिया जाता है इतना ही नहीं कर्मचारियों को सैलेरी स्टेटमेंट भी प्रोवाइड नहीं की जाती वहीं शोरूम संचालक की नाराजगी का खामियाजा भी कई बार कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है जज साहब का गुस्सा इस कदर उन पर बरसता है कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है तथा बचे हुए वेतन के लिए भी उन्हें काफी चक्कर काटने पड़ते हैं इसके अलावा महिला कर्मचारियों को सवैतनिक गर्भावस्था अवकाश भी नही दिया जाता जो कि प्रशासनिक निर्देशों के साथ साथ मानवता की दृष्टि से भी गलत है। इसके साथ ही कर्मचारियों को मिलने वाली अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी शोरूम में अभाव है, मेडिकल एवं अनुभव प्रमाण पत्र जैसी मूलभूत चीजें तो मानो कर्मचारियों के लिए कुबेर के खजाने से कम नहीं।

इनका कहना है 
श्रमविभाग समेत कई अन्य विभागों में भी शिकायत कर्ता द्वारा शिकायत की गई है। निरीक्षण हेतु श्रम विभाग की टीम आई थी । कुछ कर्मचारियों का पीएफ कटता है अब शिकायत में तो काफी कुछ है सब उपलब्ध नही करा सकते ।
शशांक गुप्ता 
संचालक, गुप्ता हुंडई 

शिकायत के आधार पर शोरूम का निरीक्षण किया गया था कई अनियमिताएँ पाई गई हैं । जिन पर उन्हें जवाब तलब किया गया था किंतु संतोष जनक जवाब न मिलने की वजह से जल्द  ही कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया जाएगा ।
संध्या सिंह
सहायक श्रम आयुक्त ,शहडोल संभाग



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