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| आरोपो से घिरा शोरूम |
हुंडई शोरूम संचालक पर लगे कई गंभीर आरोप , प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान
शहडोल (कोबरा) : एक मध्यमवर्गीय परिवार पाई पाई जोड़कर परिवार की खुशियों के लिए कार का बजट बनाता है और चंद मुनाफाखोर जालसाज शोरूम संचालक आम आदमी के इस बजट पर कूटरचना कर दाड़ी मारने पर उतारू है। और यदि आम आदमी ने इसका विरोध किया तो उसका झूठे मामले में फसना और उस पर ब्लैक मेलिंग के आरोप लगना तो तय है ऐसे में उपभोक्ता करें भी तो क्या यह एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है। इतना ही नहीं इस मामले में प्रशासन की मदद भी सिर्फ पूंजीपतियों को ही मिलती है यह किसी एक मामले की बात नहीं है ऐसा हमेशा से होता आया है जिसके पास पैसा है उसी से कानून और प्रशासन पूछता है की वो कैसा है। ऐसा ही एक मिलता-जुलता मामला हाल ही में शहडोल में प्रकाश में आया जिसमें पूंजी पतियों ने आम आदमी की शिकायत को रसूख के बलबूते ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया। पारिवारिक जिम्मेदारियों से त्रस्त आम आदमी का रसूख के सामने घुटने टेकना आम बात है किंतु मामला शहडोल में पेचीदा फस गया जब सामने वाला पक्ष आम आदमी से बढ़कर सेना में रहकर देश की सेवा करने वाला, हर परिस्थिति का डटकर सामना करने वाला , देश के लिए अपनी जान भी देने को तैयार रिटायर्ड सैनिक निकला अब मरता क्या न करता आरोप- प्रत्यारोपों की श्रंखला चालू हुई और कभी ठंडे बस्ते के हवाले किया हुआ मामला फिर गर्माने लगा।
संचालक पर धोखाधड़ी का आरोप
शिकायतकर्ता रिटायर्ड सेना कर्मी रिची जगवानी ने प्रेस कांफ्रेंस कर शोरूम संचालक
के तमाम धोखाधड़ी के मामले मीडिया के सामने रख दिए। शिकायतकर्ता ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि कैसे उपभोक्ता से धोखाधड़ी कर शोरूम संचालक लाखों की हेरा फेरी करते हैं। अपने मित्र के वाहन का उदाहरण देते हुए शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि जिस वाहन के एवज में उपभोक्ता से लगभग 7 लाख 8 हजार रुपये लिए गए। उसका वास्तविक मूल्य परिवहन विभाग के दस्तावेजों के अनुसार लगभग 1 लाख रुपये कम होना पाया गया जिसकी शिकायत प्रमाणित दस्तावेजों के साथ संबंधित थाने में की गई और मामला अब तलक लंबित ही है। इतना ही नहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कथित शोरूम संचालक का सारा काला चिट्ठा श्री जगवानी द्वारा खोल दिया गया इस मामले के अलावा अन्य मामलों में भी शोरूम संचालक पर गंभीर आरोप लगाए गए और प्रशासन एवं शोरूम संचालक की मिलीभगत जमकर उजागर की गई।
फर्जी बिल व दस्तावेजो का खेल
शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि शोरूम संचालक शशांक गुप्ता द्वारा फर्जी बिल एवम फर्जी इंसोरेंस दस्तावेज तैयार किये जाते हैं जो की कानूनन अपराध है । शिकायतकर्ता द्वारा दिखाए गए प्रमाणिक दस्तावेज झूठलाए नहीं जा सकते किन्तु यदि सिर्फ यह माना जाए कि दस्तावेजों में मात्र 10% की सकता है इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है । की इससे पूर्व में भी न ना जाने कितने उपभोक्ता धोखाधड़ी का शिकार हुए है । उपभोक्ताओं की संख्या दो विधिवत जांच के बाद ही पुष्ट हो पाएगी।लेकिन मामला दिन प्रति-दिन गर्माता जा रहा है ऐसे में यदि पुलिस के आलाधिकारियों द्वारा मामले में गंभीरता नही बरती गई तो सेना कर्मी के सम्मान में आम जन का आक्रोश प्रशाशन को झेलना पड़ सकता हैं।
इनका कहना है।
शिकायत की जांच क्यों और कहां लंबित है मैं दिखवाता हूँ, पूरी जानकारी लेने के बाद ही मैं इस संबंध में जानकारी दे पाऊंगा।
प्रवीण कुमार भूरिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,शहडोल
उक्त आरोपो की सत्यता व पक्ष जानने के लिए जब शोरूम संचालक से संपर्क किया गया तो उन्होंने हमारी टीम द्वारा किए गए कई फोन काल का उत्तर नहीं दिया।
शशांक गुप्ता
संचालक, गुप्ता हुंडई शहडोल
आगे पढ़ें :
1.आखिर क्यों लंबित है शिकायतों की जांच
2.शोरूम संचालक ने कैसे दिया कूटरचना को अंजाम
3.टैक्स चोरी मामले में क्या रहती है परिवहन विभाग की भूमिका



2 Comments
Mere sath bhi dhokha hua hai Main apake sath hun
ReplyDeleteaap detail bataiye
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