कोबरा-टेढी बात : अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है लेकिन थोड़ा बोलने और पोल खोलने में कोई हर्ज भी नहीं अपन बात कर रहे हैं शहर के एक ऐसे जिम्मेदार साहब की जिन्होंने कम ही उम्र में पूरी शिद्दत के साथ मेहनत कर आज वह मुकाम हासिल किया है की वसूली और कमाई के मामले में साहब ने अपने ही पद में पदस्थ रहे पुराने साहब के आंकड़ों के साथ पुराने बड़े साहब के आंकड़ों को भी पार कर लिया है... हालांकि इस काम में साहब को मेहनत बहुत लगी लेकिन फल भी अब प्रति डग्गी के हिसाब से मिलने लगा है, भगवान झूठ न बुलाये कम से कम शहर में दौड़ते सौ गाड़ियों से साहब का पांच हजार के हिसाब से पांच लाख का कोटा तो पूरा हो ही जाता है और बची कूची कसर पूरा करने वालो की कमी तो है ही नही। वैसे कबाड़ का जुगाड़ और हैवी वाहनों से हैवी कमाई को भी नकारा नही जा सकता रही बात सवारी वालो से तो उनसे अपना अलग हिसाब रखने का हुनर भी साहब जानते हैं । लेकिन मानना पड़ेगा साहब ने अपनी सूझबूझ से नए नवेले मझले साहब को इसकी भनक तो लगने ही नहीं दी और तो और बड़े साहब भी इस हकीकत से पूरी तरह वाकिफ नही हो पाएं, खैर सवाल तो यह भी है कि तबादले कई बार थोक में हुए पर साहब ने खुद पर आंच भी न आने दी अब देखना है कि हिसाब किताब का चिट्ठा बड़े साहब के दफ्तर में पहुंचने के बाद साहब अपनी सफाई में क्या सफाई पेश करते हैं।
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कोबरा- मुहिम में चर्चा एवं सर्वे पर आधरित खबर
➡️ omg... इस थाने की इतनी ऊपरी कमाई की पढ़ कर चौक जाएंगे आप


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