शहडोल (कोबरा-टेढी बात) : अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है पर थोड़ा बोलने और पोल खोलने में हर्ज ही क्या है, बाबा एक जादू की छड़ी मुझे भी दिला दो... की बस मैं घुमाऊं और सब मेरे मन मुताबिक हो जाये।लेकिन कुछ भी कहो साहब वाली जादू की छडी है बहुत काम की एक बार घुमाओ और किसी को वश में कर लो। सुना है और भी फायदे है इस छड़ी के पहले जो वोट दिलाती थी अब नोट दिलाती है। पहले ये नोटिस कटवाती थी अब बहलाती- फुसलाती है।मेरे कलम के भाइयों के नक्शे कदम में चलने वाले मेरे साहब की बस एक दुआ ऐसी भी कबूल हो जाये तो क्या बात क्या बात...
ऐ छड़ी....ऐ छड़ी.....एक मेरा काम कर दे
जो गुम हुई है शोहरत फिर मेरे नाम कर दे
कलम की आंच न लगे बस ऐसी शाम कर दे
ऐ छड़ी....ऐ छड़ी.....एक मेरा काम कर दे
....बांकी सब बढ़िया है हमारे सायर की कहा सुनी माफी अभी के लिए इतना काफी , रात बांकी बात बांकी ।
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