Ticker

6/recent/ticker-posts

सारी खुदाई एक तरफ जोरु का भाई एक तरफ@ पोड़ी


भोपाल (कोबरा- टेढी बात) अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है  लेकिन थोड़ा बोलने और पोल खोलने में हर्ज क्या है ।कहते हैं चर्चा बड़ी जल्दी जोर पकड़ती है लेकिन धुँआ तभी उठता है जब आग लगती है ,निर्वाचन निपटने के बाद मुख्यमंत्री की ज़ीरो टॉलरेन्स नीति लेकर भोपाल से फिर एक बार जब मुखिया शहडोल पहुंचे तो अधूरी वसूली को पूरा करने का काम तो प्रारम्भ हुआ ही किन्तु  साहब ने जादू की छड़ी घुमाकर  अपने साथ लाये साले को  रेत तस्करी   की कमान सौंप दी फिर क्या पोड़ी का आसमान तो नील- नील हो गया लेकिन घी हजम न होने की कहावत तब चरितार्थ हुई जब  रेत की कमान मिलने के बाद साले की हालत  ऐसी हो गई जैसे "ललहा पाइस रोटी पेट लिहिस छुपकाये"।और बांकी सब बढ़िया है...कोबरा कहा सुनी माफी अभी के लिए इतना,  काफी बांकी रात... बांकी बात बांकी....


आगे पढ़ें -
..........जब जीजा ने कर दी मुखबिरी 

Post a Comment

0 Comments