उपभोक्ता जिम्मेदार बनो और जाग जाओ क्योकि जिम्मेदार सो रहे हैं
जांच परख कर करे खरीददारी क्योंकि आप शहडोल में हैं...!
शहडोल (कोबरा-मुहिम) : अच्छे स्वास्थ्य और उचित विकास के लिए आप अपने बच्चों और परिवार के लिए बेस्ट प्रोडक्ट खरीदते हैं किंतु यह प्रोडक्ट आपके लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। बेशक खरीदारी को लेकर आप सजक है किंतु जांच पड़ताल की आवश्यकता अधिक इसलिए है क्योंकि खाद्य विभाग के जिम्मेदार कुंभकरनी है नींद में सो रहे हैं। कई वर्षों से जिला मुख्यालय में पदस्थ खाद्य निरीक्षक की कार्यवाही न सिर्फ दफ्तर तक की सीमित है बल्कि जानकारों की मानें तो कथित जिम्मेदार ने शहर में हर दुकान से अपना महीना बांध रखा है यही कारण है कि साहब कभी दफ्तर से निकलने की जहमत नही उठाते और यदि किसी उपभोक्ता ने शिकायत की भी तो कार्यवाही सिर्फ सैंपल कलेक्शन तक की सीमित रह जाती है। फिर शिकायत चाहे डेयरी संचालक के खिलाफ हो या मामला रेस्टोरेंट में परोसे जा रहे गुणवत्ताहीन भोजन का। वैसे तो नगर में संचालित तमाम दुकाने और डेयरी साहब की कार्यशैली का परिचायक साबित हो सकती है किंतु आज हम आपका ध्यान आकर्षण कर रहे हैं शहर के बीचो बीच संचालित रमेश तेल मिल की ओर जंहा बनाया गया तेल संभाग भर के दुकानों में बेचने के लिए पहुंचाया जाता है जंहा से तेल आपके घर तक पहुंचता है आपको बता दें की रमेश तेल मील बीते वर्ष तब चर्चे में आई थी जब तात्कालीन लोकप्रिय एसडीएम लोकेश जांगीड़ ने छापेमारी के दौरान गुणवक्ता ही नही बल्कि तेल मिल संचालक के काले कारनामो की भी पोल खोल दी थी ।
खुली थी पोल पर दब गया मामला....
उपभोक्ताओं द्वारा प्राप्त हो रही शिकायत पर बीते वर्ष जब तत्कालीन एसडीएम दल बल के साथ खेरमाई तालाब के पास संचालित रमेश तेल मिल पहुंचे तो वहां रोंगटे खड़े कर देने वाला सच सामने आया। मौके पर जांचकर्ता अधिकारी के साथ हमारी टीम भी वहां मौजूद थी ऊपर से साफ सुथरा दिखने वाले तेल को कितने गंदे तरीके से पकाया जा रहा था यह कृत्य हमारे टीम के कैमरे समेत कई अन्य मीडिया कर्मियों के कैमरे में कैद हुआ था इसके अलावा भारी मात्रा में तेल जप्त कर कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए थे। इतना ही नहीं संबंधित अधिकारी द्वारा अपने बयान में यह बात स्पष्ट की गई थी कि तेल के डिब्बे के मैन्यूफैक्चर डेट व एक्सपायरी डेट के साथ भी छेड़छाड़ की जा रही थी। फिर भी मामला समय के साथ ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया और दोबारा जिम्मेदारों ने जिम्मेदारी निभाने की जहमत नहीं उठाई।
सरसों बताकर बेच रहे थे डोरी का तेल...
तत्कालीन एसडीएम श्री जांगिड़ द्वारा मीडिया को दिए गए बयान में स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया था की तेल में संचालक द्वारा डोरी के तेल को सरसों का तेल बता कर डिब्बों में भरकर बेचा जा रहा था। आपको बता दें की डोरी के तेल का लगातार सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है।
इतना ही नहीं कथित संचालक द्वारा पुराने खराब तेल को भी मिलावट कर गर्म करने के बाद रीपैक कर बेचा जा रहा था।
कब टूटेगी निद्रा होगी जांच ....
बाजार में जब तेल की गुणवत्ता को लेकर चर्चा फिर गर्म होने लगी तो हमारी टीम द्वारा तेल को लेकर गर्म किया गया गर्म करने के पश्चात रमेश तेल मिल द्वारा सप्लाई किए गए तेल व शुद्ध देसी सरसों तेल की महक में काफी अंतर आया । जिसके बाद जांच हेतु खाद्य निरीक्षक श्री विश्वकर्मा को इस बात की सूचना दूरभाष द्वारा दी गई जिसके बाद कथित अधिकारी द्वारा जांच किए जाने का आश्वासन देकर मामला ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया दूसरी बार जब कुछ दिनों बाद पुनः मामला संज्ञान में लाया गया तो साहब द्वारा पुनः जांच कर कार्यवाही के आश्वासन दिए गए किंतु आश्वासन को कई सप्ताह बीत चुके हैं और जिम्मेदार साहब अब तक अपने दफ्तर की चारदीवारी तक ही सीमित हैं।
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