कॉलोनी बनने के पहले ही विवादों में घिरा कॉलोनाइजर लगा रास्ता बंद करने का आरोप
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कलेक्टर की जनसुनवाई में हुई शिकायत के मुताबिक जिस तरह से श्रीराम रेसीडेंसी विवादों में घिर गई है, उसे देखते हुए मध्यम वर्गीय परिवार को ऐसे विवादित स्थल में अपनी जमा पूंजी निवेश करने से पूर्व अच्छी तरह विचार-विमर्श कर लेना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो कि विवादों के चक्कर में आपको भी कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ जाएं, लिहाजा सोच विचार कर निर्णय लेने में ही भलाई है। हालांकि श्रीराम रेसीडेंसी के संबंध में की गई शिकायत पर अभी तक किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्यवाही सामने नहीं आई है, फिर भी मध्यम वर्गीय परिवार को विवादों से दूर रहकर ही अपनी पूंजी निवेश करने का निर्णय लेना चाहिए।
शहडोल। हाल ही में अस्तित्व में आए श्रीराम रेजिडेंसी के मालिकों पर आम रास्ते की भूमि हड़पकर लोगों के आवागमन में बाधा उत्पन्न करते हुए स्थानीय लोगों का जीना हराम कर देने का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि पूर्व भूमि स्वामी द्वारा रास्ते की भूमि अलग से दिए जाने के बावजूद श्रीराम रेजिडेंसी के निर्माणकर्ताओं द्वारा रास्ते की भूमि हड़प ली गई और शेष भूमि स्वामियों का आवागमन अवरुद्ध कर दिया गया हैकलेक्टर की जनसुनवाई में उक्त मामले की शिकायत करते हुए पीडि़त भूस्वामियों हर्ष शर्मा, बृजेश तिवारी, राजेश पांडेय, संजय उदानिया, शरद उदानिया, केएम मिश्रा, आशा श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र मिश्रा, घनश्याम मिश्रा, अनिल तिवारी तथा अन्नू दहिया ने चर्चा के दौरान बताया कि श्रीराम रेजीडेंसी का निर्माण कराने वाले शहर के काफी प्रभावशाली लोग हैं जिनकी ऊपर तक पहुंच होने के दावे किए जा रहे हैं। उक्त व्यक्तियों पर सार्वजनिक उपयोग वाले रास्ते की भूमि को अपने कब्जे में लेकर लोगों का आवागमन बाधित करने का आरोप लगाते हुए जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से आवश्यक कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।
आवागमन हुआ बाधित
पीडि़त भू-स्वामियों एवं स्थानीय रहवासियों ने बताया कि श्रीराम रेजिडेंसी की भूमि भी उसी विक्रेता द्वारा विक्रय की गई है जिससे अन्य भूमि स्वामियों ने भूमि क्रय की थी। अन्य भूमि स्वामियों के बाद श्रीराम रेजिडेंसी के लिए भूमि खरीदी गई और निर्माण कार्य होने के साथ ही श्रीराम रेजिडेंसी के कर्ताधर्ताओं द्वारा अन्य भूमि स्वामियों के आवागमन के लिए पूर्व भूमि स्वामी द्वारा छोड़ी गई रास्ते की जमीन पर बलात् कब्जा कर उस पर बाउंड्री खड़ी कर दी गई जिससे आवागमन बाधित हो गया है।
अन्य भूखंडों पर अतिक्रमण
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि श्रीराम रेजिडेंसी के कर्ताधर्ताओं द्वारा शासकीय एवं आदिवासी वर्ग के निजी स्वामित्व की भूमियों पर बलात कब्जा कर श्रीराम रेजिडेंसी को विस्तार देने का कार्य किया गया है जिससे पीडि़त भूमि स्वामियों को नित नई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह भी आरोपित किया गया है कि ऊंची राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच का लाभ उठाते हुए रेजीडेंसी निर्माताओं द्वारा गरीब परिवारों के हितों का शोषण किया जा रहा है। आरोपित किया गया है कि कई आदिवासी परिवारों की भूमि पर भी एजेंसी के आवासीय भवन का निर्माण कराया गया जिसके कारण गांव के बहुत से किसान अपनी खेती-बाड़ी और आवास भवनों का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं।
निर्माण हटाने रास्ता खुलवाने की मांग
पीडि़त भूमि स्वामियों ने बताया कि श्रीराम रेजिडेंसी एवं अन्य भू-स्वामियों द्वारा जिस किसान की भूमि खरीदी गई उसके द्वारा विक्रय पत्र में बनाई गई चौहद्दी पर रास्ते का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। जिसके लिए पूर्व भूमि स्वामी द्वारा जगह भी छोड़ी गई थी, लेकिन श्रीराम रेजिडेंसी के कर्ता-धर्ताओं द्वारा भूमि पर बलात् कब्जा कर निर्माण कार्य करा लिया गया और अब उक्त भूमि स्वामियों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पीडि़त भू-स्वामियों ने जिला एवं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए श्रीराम रेजिडेंसी के नाम पर कराए गए अवैध निर्माण को हटाकर सभी पीडि़त भूमि स्वामियों को रजिस्ट्री में पूर्व निर्धारित आम रास्ता आवागमन हेतु खुलवाए जाने की मांग की है ताकि सभी लोग अपने अपने भूखंड पर बने आवासों तक सुगमता पूर्वक आवागमन कर सकें। मामला यहीं समाप्त नहीं होता सूत्रों की मानें तो ढोल में काफी बड़ा पोल है जिसकी जानकारी जल्दी हमारे द्वारा आमजन के सामने लाई जाएगी।
इनका कहना है
श्रीराम रेजीडेंसी पर जो आरोप लगाए गए, वह निराधार हैं। कालोनी वाले रास्ता मांग रहे रास्ता क्यों दे हमारी तो खुद की जमीन है हम क्यो रास्ता दे दें । हमारे पास परमिशन है उनकी अनाथराइज प्लाटिंग हुई है जो रास्ता है उसी का इस्तेमाल करें ।
विजय दुबे
श्रीराम रेजिडेंसी


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