शहडोल ( कोबरा-टेढ़ीबात) : अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है पर थोड़ा बोलने और पोल खोलने में हर्ज ही क्या है। अपने शहडोल और शहडोल के साहब के किस्से तो किसी से छुपे नही हैं पर आप ने यह सुना की नही की करोड़ों के बंगले में रहने वाला सोगहगपुर का एक भ्रष्टाचारी बाबू खुल कर ताल ठोक रहा मैंने तो साहब को ही पांच लाख में खरीद लिया और अब हो किसी की औकात जो मुझे जैत-पुर भेज सके मामला यंहा तक होता तो फिर भी ठीक था लेकिन बाबू का जादू ऐसा चला कि बाबू के आका भी उसका पक्ष लेते नजर आ रहे और सीन कुछ ऐसा दिखा की 'सारी खुदाई एक तरफ वसूली भाई एक तरफ' हालांकि मामला प्रदेश के नाथ तक पहुंच गया अब बाबु , बाबू के साहब , और बड़े साहब सेफ प्ले में क्या कदम बढ़ाते है देखना पड़ेगा ।बांकी कहा सुनी माफी अभी के लिए इतना काफी , रात बांकी बात बांकी ।


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