बाबू और उपसरपंच की कूट रचना का शिकार हुई आदिवासी महिला.....!
मामला तहसील में पदस्थ बहुचर्चित आरोपों से घिरे बाबू रजनीश मिश्रा का...
बैंक अकाउंट में रिश्वत लेने की की थी शिकायत, धोखाधड़ी कर मामले से छुड़ाया था पीछा...
शहडोल( कोबरा ) : रजनीश मिश्रा नाम तो आपने सुना ही होगा जी हां हम सोहागपुर तहसील न्यायालय में पदस्थ हमेशा चर्चा में बने रहने वाले बाबू रजनीश मिश्रा की बात कर रहे हैं हाल ही में कथित बाबू का स्थानांतरण जैतपुर के लिए तत्काल प्रभाव से कर दिया गया था इस आदेश को तीन दिवस में पालन करना था किंतु लगभग 2 सप्ताह बाद वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपने ही आदेश का खंडन कर नया आदेश जारी कर दिया गया था जिसकी चर्चा कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर आम हुई । प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस शिकायत के आधार पर बाबू को स्थानांतरित किया गया था उस शिकायत पर उप सरपंच के साथ मिलकर शिकायतकर्ता को धोखे में रखकर राजीनामा वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाया गया ताकि कमाई की गद्दी यूं ही बरकरार रहे।
यह था मामला...
बीते दिनों एक आदिवासी महिला द्वारा कलेक्टर ललित दाहिमा से शिकायत करते हुए शिकायत में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि वरिसाना में नाम दर्ज करने के एवज में तहसील न्यायालय में पदस्थ रजनीश मिश्रा द्वारा ₹10000 रिश्वत की मांग आदिवासी महिला से की गई थी। इतने रुपए ना होने की दरखास्त जब महिला द्वारा कथित बाबू से की गई तो प्रतिउत्तर में बाबू द्वारा कुछ रकम देने की बात कही गई जिस पर शिकायतकर्ता आदिवासी महिला द्वारा बाबू के अकाउंट में ₹1000 ट्रांसफर कराए गए किंतु फिर भी काम ना होने और डिमांड को मद्देनजर रखते हुए महिला द्वारा कर्ज लेकर ₹2000 साहब को दिए गए। मामले का विचारणीय पहलू यह है की घूस की रकम जो कभी टेबल के नीचे से ली जाती थी आज कैशलेस हो गई और बाबू प्रत्यक्ष रूप से बैंक अकाउंट में घूस की रकम मंगाने लगे हैं हालांकि इस बात की पुष्टि तो बैंक स्टेटमेंट की जांच के बाद ही हो पाती किंतु इसके पहले बाबू द्वारा एक और दांव खेला गया और शिकायतकर्ता के ग्राम पंचायत के उपसरपंच से मिलकर कूटरचना को जन्म दिया गया।
ऐसी की कूटरचना....
शिकायतकर्ता द्वारा पूर्व में ही पुलिस अधीक्षक से यह शिकायत की गई थी कि घूस की पूरी रकम ना मिलने पर रजनीश मिश्रा द्वारा शिकायतकर्ता से जातिगत गाली गलौज की गई जिसकी जांच पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा सोहागपुर थाने को विवेचना हेतु सौंपी गई सोहागपुर पुलिस द्वारा जब राजीनामा का कागज शिकायतकर्ता को दिखाया गया तो शिकायतकर्ता को पूरा माजरा समझ में आया शिकायतकर्ता द्वारा मंगलवार को की गई शिकायत में बताया गया कि रजनीश मिश्रा की शिकायत के कुछ दिनों बाद ग्राम पंचायत देवगंवा के उप सरपंच अरुण तिवारी द्वारा शिकायतकर्ता के घर पहुंचकर आवास योजना के नाम पर शासकीय कागज बताते हुए कोरे कागज में हस्ताक्षर करा लिए गए और हस्ताक्षर किया हुआ कागज बाबू रजनीश मिश्रा के साथ मिलकर राजीनामा के तौर पर प्रस्तुत कर दिया गया।
की गई शिकायत में स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया कि तहसील में पदस्थ बाबू रजनीश मिश्रा ग्राम पंचायत के उपसरपंच ने मिलकर धोखे से कोरे कागज में हस्ताक्षर करा कर उनके साथ धोखाधड़ी की है जिस पर पुलिस द्वारा रजनीश मिश्रा व अरुण तिवारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाये।
कौन है रजनीश मिश्रा..?
सोहागपुर तहसील न्यायालय में कई वर्षों से पदस्थ बाबू रजनीश मिश्रा के चर्चे तो आप से छिपे हुए नहीं हैं यह वही रजनीश मिश्रा है जो आए दिन शिकायतों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। जनचर्चाओं की माने तो कई वर्षों से पदस्थ कथित बाबू तहसीलदार साहब का वसूली भाई है और इसी वसूली भाई ने अपना स्थानांतरण रुकवाने के लिए साहब को भी बड़ी चढ़ोत्तरी चढ़ाई है पर इसमे कितनी हकीकत है यह तो साहब और बाबू ही जाने किंतु जिस स्थानांतरण आदेश को 3 दिनों के अंदर पालन करना था उसे ठंडे बस्ते के हवाले कर 2 सप्ताह बाद निरस्त कराया गया ऐसा क्यों यह एक गंभीर जांच का विषय है।
अरुण तिवारी ये वही तो नही..?
कुछ दिनों पूर्व समाचार पत्रों के माध्यम से आपको यह जानकारी तो मिली होगी कि एक किसान नेता ने कलेक्ट्रेट परिसर में मादक पदार्थ खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी, उसके बाद यह भी जरूर पढ़ा होगा स्थानीय अखबारों में की कथित नेता को जिला प्रशासन द्वारा मीडिया को दिए गए बयान में मानसिक रूप से विक्षिप्त करार दिया गया था जी हां यह पूरा मामला देवगवा के उपसरपंच अरुण तिवारी का ही है। और आप यह नई कूटरचना निकलकर सामने आई है। वहीं सूत्रों की माने तो खुदकुशी का पूरा प्रपंच स्थानांतरण से नाराज बाबू के इशारे में बदले की भावना से रचाया गया था।
इनका कहना है
मेरे ऊपर लगाए गए आरोप गलत है।ऐसा कुछ भी नही है
राजनीश मिश्रा
बाबू तहसील न्ययालय सोहागपुर
आरोप गलत है मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है जिला प्रशासन द्वारा मानसिक रूप से विक्षिप्त होने का दावा भी गलत है आप मेरा टेस्ट करा सकते हैं।
अरुण तिवारी
उपसरपंच देवगंवा
मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है शिकायत के आधार पर थाना प्रभारी सोहागपुर से जांच कराकर उचित कार्यवाही की जाएगी।
प्रवीण भूरिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहडोल




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