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सलाम है एमपी पुलिस के इस जवान के जज्बे को....


यह कोई मजदूर नही जो ....स्टूडेंट्स ने किया कैमरे में कैद 



शहडोल (कोबरा) : पिकनिक स्पॉट छीर सागर के नाम से चर्चित जिले की सीमा पर सोन का यह घाट जहां शहडोल के दर्जनों परिवार ने अपने परिजन खोए हैं निश्चित ही स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रही है ऐसा ही एक मामला कुछ दिनों पहले प्रकाश में आया शहडोल शहर में शोक की लहर दौड़ गई जब पूरे संभाग के विद्यार्थियों के चहेते पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में पदस्थ व्याख्याता नितेश मोदी की छीर सागर घाट में सोन नदी में डूबने से मौत हो गई। घटना के 2 दिन बाद सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो पर हमारी नजर पड़ी तो हमने वीडियो की छानबीन की तो पता चला की शव की तलाश में सोहागपुर पुलिस और होमगार्ड के जवानों को कितनी कठनाई का सामना करना पड़ा ,जब घंटों तक होमगार्ड के जवान कंदराओं के बीच फसा शव तलासते रहे और अंततः सब की हिम्मत टूट गयी किन्तु सुहागपुर थाने में पदस्थ एक जवान ने हिम्मत नहीं हारी और टीम के साथ तलाश जारी रखी नतीजा सामने आया और घाट से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर गहराई में फंसी व्याख्याता श्री मोदी का शव परिजनों को सौंपा गया ।

बहाव के विपरीत डेढ़ किलोमीटर का सफर...
आमजन के मन में पुलिस के प्रति बनी नकारात्मकता की वजह से ही किसी की नजारा एमपी पुलिस के इस जवान और उसकी टीम की कड़ी मेहनत पर नहीं पड़ी  पर घटना का यह पहलू अपने व्याख्याता के प्रति प्रेम में वशीभूत एक छात्र ने अपने कैमरे में कैद कर लिया भारी मशक्कत के बाद सुहागपुर थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक रजनीश तिवारी को होमगार्ड के कुछ जवानों के साथ रेस्क्यू के दौरान डेढ़ किलोमीटर दूर कंदराओं में शव फसा हुआ मिला तो बहाव के विपरीत घाट के किनारे तक शव को  लाना कथित पुलिसकर्मी व उसकी टीम के लिए एक चुनौती साबित हुई। किंतु कथित पुलिसकर्मी ने हार नहीं मानी और शव को बोट पर रख कर शुरू कर दिया ढेड़ किलोमीटर तक बोट को घसीटने का सफर....।

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फूलती सांस के साथ बोट को घसीटता एक पुलिस कर्मी....देखें वीडियो ⬆️⬆️⬆️⬆️
थक चुकी थी टीम ....
नदी का तेज बहाव ,पब्लिक का बढ़ता प्रेशर,और घण्टो से गहराइयों में शव की तलाश कर रहे एनडीआरफ के जवान थक कर चूर हो चुके थे तब सहायक उपनिरीक्षक रजनीश तिवारी ने लाइव जैकेट पहनकर कुछ जवानों के साथ नदी में छलांग लगा दी और अन्ततः मेहनत रंग लाई किन्तु बहाव के विपरीत डेढ़ किलोमीटर तक बोट घसीट कर लाना भी एक बड़ी चेतावनी थी किन्तु टीम ने हार नही मानी और रजनीश तिवारी  ने स्वयं कमान संभालते हुए बोट को घसीटना शुरू किया और टीम के साथ घाट पर पहुंचे।

जरा यह चश्मा उतार कर देखिए....
आमजन की धारणा ऐसी बन चुकी है कि हमारी आंखों पर पुलिस के प्रति नकारात्मकता का मानो ऐनक लगा हुआ है जिससे हमें हर मामले में पुलिस ही गलत लगती है किंतु यह सही नही है बोट को घसीट कर घाट तक लाने वाला एम पी पुलिस का एक जवान था न की कोई मजदूर  जो उसकी यह जिम्मेदारी हो किंतु मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए कठिन पुलिसकर्मी ने मजदूरों का इंतजार ना करते हुए जल्द से जल्द शव परिजनों को सुपुर्द करने के लिए यह कार्य स्यवं अपनी टीम के साथ मिलकर किया ।




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