जांच जारी खुल सकती है अवैध उत्खनन और माफिया गिरोह की पोल...!
इंट्रो: खादी की आड़ में अवैध कारोबार को संरक्षण देना तो अब आम हो चुका है किंतु यह मामला कुछ नया है जिसमें पत्रकारिता की आड़ में खुद को मीडिया संगठन का अध्यक्ष बताने वाला पत्रकार का नाम कोयला चोरी मामले से जुड़ा है पुलिस ने कथित कोयला चोर बद्री के खिलाफ मामला कायम कर लिया है हालांकि पुलिस अभी बद्री को फरार बता रही है किंतु सूत्रों की माने तो बद्री दफ्तर दफ्तर जुगाड़ जमा रहा है ।
शहडोल(कोबरा) । कोयलाचल के पनपते काले कारोबार की कलई बीते दिनों तब खुली जब रात के अंधेरे में बुढ़ार थाना प्रभारी ने एलआईसी तिराहा के समीप से कोयले का जखीरा मय वाहन जप्त किया और फिर क्या सामने आया कोल तस्कर बद्री पाण्डेय का नाम हालांकि पुलिस ने बद्री के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है निश्चित ही जांच में चौकाने वाले तथ्य सामने आएंगे और बद्री की मुश्किलेां में इजाफा होगा।
कौन हैं बद्री पाण्डेय....
सूत्रों की माने तो संभाग भर में खप रहे कबाड़ और कबाडिय़ों का सरगना कथित कारोबारी है जो सारा कबाड़ बुढ़ार के एलआईसी तिराहा से रात के अंधकार में जबलपुर रवाना करता है किंतु बीते कुछ दिनों से बद्री का नाम कोयले के कारोबार से भी जुड़ चुका है ओर कबाड़ का काम शहडोल के अनीस कबाड़ी ने संभाल ली है । पूर्व में गोली काण्ड को लेकर भी बद्री चर्चा में रह चुका है किंतु कलम और खादी दोनेा का संरक्षण प्राप्त उक्त कारोबारी लंबे समय से पुलिस की पहुंच सेे बाहर था।
कलम का नाम काला काम...
कहने केा तो बद्री पाण्डेय जिले का वरिष्ठ पत्रकार कहलाता था किंतु उसकी काली हकीकत किसी से भी छिपी नहीं थी। जिसकी पुष्टि अब पुलिस ने कर दी है। बद्री जो खुद को न सिर्फ पत्रकार बताता था अपितु कथित पत्रकार संगठन का जिला अध्यक्ष भी है के पत्रकारिता के आड़ में संचालित काले कारोबार की कलई खुलने लगी है। इस तरह अवैध कारोबारियों का पत्रकारिता का दामन ओढक़र काले कारनामों को अंजाम देना चौथे स्तंभ की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा करने का कार्य कर रही है।
फरार है बद्री पांडेय: पुलिस
खुद को व्हाइट कॉलर बताकर काला कारोबार करने बाला बद्री पाण्डेय पुलिस की डर से अब तक फरार है। जिसकी तलाश स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है। सूत्रों की माने तो गाड़ी जप्त होने के बाद बद्री मुख्यालय में जुगत जुगाड़ भिड़ाते देखा गया था। किंतु जुगत जुगाढ़ काम न आया और मामला अंतत: बद्री पाण्डेय पर कायम हो ही गया। इतना ही नहीं सूत्रों का तो यह भी कहना है कि कलम और खादी की धौंस दिखाकर बद्री अपने गुर्गों के सामने वरिष्ठ अधिकारियों से घनिष्ट होने के दावे भी करता था किंतु दावों की पोल उक्त कार्रवाई ने खोल दी।
जांच में खुलेगी कलई...
कोयला जप्त व बद्री पाण्डेय पर मामला दर्ज करने के बाद बुढ़ार पुलिस अब उक्त मामले की जड़ कहां से जुड़ी हुई है इसके तश्दीक में लग चुकी है। जिससे यह स्पष्ट होगा कि यह कोयला बद्री द्वारा मैनेजमेंट का मकडज़ाल फैलाकर कोल माइंस से चोरी करवाया गया था, याफिर यह चर्चा सही साबित होगी कि बकही में संचालित एक दर्जन से अधिक अवैध खदानों का संचालन बद्री ही कर रहा था। और यह कोयला वहीं से निकला है। बहरहाल पुलिस जांच में जुटी है और यदि कोयला अवैध उत्खनन का पाया गया तो आगे की कार्रवाई के लिए फाइल माइनिंग एक्ट के तहत कारवाई हेतु खनिज विभाग को सुपुर्द की जाएगी।
इनका कहना है
बद्री पाण्डेय के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। बद्री की तलाश जारी है, कोयले के संबंध में जांच जारी है कोयला कहां का है यह सेंपल जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
महेंद्र सिंह चौहान
थाना प्रभारी बुढार


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