नेता बना रेत का शत्रु-घन मीटर के भाव बेच रहा रेत
भाजपा नेता बना माफिया छान रहा रसपुर की रसमलाई, प्रशासन मौनइंट्रो- एक तरफ प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के निर्देश हैं कि प्रदेश माफिया मुक्त कराया जाए तो दूसरी तरफ ब्यौहारी का भाजपा नेता माफिया बनकर झापर नदी का सीना छलनी कर रहा है। कथित भाजपा नेता या यूं कहा जाए कि अध्यक्ष पति अपने रौब का दुरुपयोग कर नियम विरुद्ध अवैध रेत खनन करा रहा हैं और अधिकारी हैं कि लंबी नीद सो रहें हैं इतना ही नही चर्चा तो यह भी है कि वंहा के विधायक ने भी इस खदान में हिस्सा बांध रखा है।
शहडोल(कोबरा) : जिले के अंतिम छोर ब्यौहारी के रसपुर ग्रामपंचायत की खदान भले ही कागजों में शुरू ना हुई हो पर माफियाओं के लिए तो खदान एक माह पूर्व से ही चालू है। जहां प्रतिदिन दो हाइवा रेत लोड करा कर बाहर भेजी जाती है और सैकड़ों ट्रैक्टर टाली रेत का खनन करा कर आसपास के क्षेत्रोंं में विक्रय किया जाता है। हालांकि ग्रामपंचायत के जिम्मेदारों की यदि माने तो खदान आवंटित जरूर हुई है किंतु खनन एवं आवागमन हेतु रैम्प निर्माण का कार्य किया जा रहा है। किंतु हकीकत इससे पूर्णत: अलग है।
नेता बेंच रहा रेत....
ब्यौहारी नगरपंचायत क्षेत्र के बहुचर्चित नेता और इन दिनो रेत का शत्रु-घन मीटर के हिसाब से न सिर्फ रेत का अवैध उत्खनन करा रहा है अपितु प्रदेश कांग्रेस सरकार के हमबिरादर मंत्री जी के नाम को कैश करने में भी कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो सुबह की पहली किरण के साथ रसपुर के झापर नदी के घाट पर नपा अध्यक्ष की गाड़ी रायफल धारी अंग रक्षकों के साथ पहुंच जाती है। हालांकि उसमें अध्यक्ष की जगह अध्यक्ष पति सवार होते हैं और फिर शुरू होता है प्रदेश सरकार के नीति निर्देशों के खरीद फरोख्त का सिलसिला अर्थात रेत खनन और विक्री का काम।
ये भी शामिल
बुड्डिहा रेत खदान जो कुछ ही दिन पहले चर्चे में रही है वहां का बहुचर्चित माफिया उपेन्द्र भी इन दिनोंं कथित भाजपा नेता के साथ मिल कर झापर का ही सीना चीर रहा है हालांकि भाजपा नेता द्वारा हमबिरादरी के मंत्री के नाम का झुनझुना जोर जोर से पीट कर प्रशासन को बंदरभपकी दिखाई जा रही है।
प्रभारी मंत्री ने दिया था आश्वासन
बीते दिनों सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों के द्वारा जब अवैध उत्खनन की जानकारी प्रभारी मंत्री श्रीमरकाम को दी गई थी तो उन्होने यह शुरूआत है कह कर अवैध उत्खनन बंद कराने का आश्वासन दिया था। किंतु यह आश्वासन तो समय के साथ ढोल की पोल साबित होने लगी है क्यों कि माफिया दुगनी रफ्तार के साथ खनन कार्य में जुटे हैं।
इनका कहना है
रसपुर खदान को आईडी पासवर्ड भोपाल से जारी किया गया है। अवैध उत्खनन के संबंध मेंं जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है, मै दिखवाती हूं।
सुश्री फरहत जहां
खनिज अधिकारी, शहडोल
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1. किसकी शह पर जारी जिले में अवैध खनन, साहब को कार्यवाही से गुरेज..


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