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धारा 144 का उल्लंघन करते हुए पलायन करते हुए राज्य की सीमा को पर कर रहे कई आमजन

(कोबरा टीम)
 डोला। जिले की सीमाएं सील होने के बाद भी विभिन्न राज्यों से जिस तरीके से हजारों लोग बिना प्रशासन को सूचित किये अलग अलग गाँव , नगर में आकर घरों में परिवार के बीच रह रहे हैं ऐसे लोगों से ही संक्रमण होने का खतरा बना रहता हैं प्रशासन की लाख सतर्कता व अपील के बावजूद भी जनमानस कोरोना जैसे महामारी बीमारी को लेकर गंभीरता नहीं है। 
प्रशासन द्वारा दिये गए कुछ घंटों की छूट का लोग उठाते हैं फायदा
देश में लाकडाऊन को सात दिन हो गया है फिर भी जनता द्वारा लॉकडाउन का पालन नहीं किया जा रहा है जबकि पुलिस प्रशासन डॉक्टर सफाई कर्मचारी व मीडिया के द्वारा बार समझाने के बाद ही अगर यही दशा रही तो कलेक्टर को जिले के साथ अलग अलग तहसील व नगर की सीमाओं को भी सील करनी पडेगी। कोविड जैसे संक्रमण को रोकने के लिये देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 21 दिन के लाक डाऊन की घोषणा से पूर्व प्रदेश सरकार के निर्देश पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी चन्द्रमोहन ठाकुर ने 22.3.2020 को आदेश क्रमांक 1431 / आर डी एम / 2020 के द्वारा अनूपपुर जिले की सीमाओं को 31 मार्च,2020 तक सील कर दिया था। आदेश में अन्य बिन्दुओं के साथ दो टूक शब्दों में कहा गया है कि ” किसी भी नागरिक का घर से निकलना प्रतिबंधित है। जिले की सभी सीमाओं को सील किया जाता है। जिले की सीमाओं से बाहर जाना तथा रेल , सडक या अन्य माध्यम से जिले में आगमन प्रतिबंधित किया जाता है। 
बाहर से आए लोगों  के लिए स्वास्थ्य परीक्षण के दिये गए आदेश दिया जा रहा उल्लंघन
जैसा कि 1 जनवरी 2020 के बाद जिले में आने वालों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण के निर्देश दिये गए थे। लेकिन जो लोग जिले में आ रहे हैं वो स्वयं प्रशासन को सूचना देना जरुरी नहीं समझ रहे। जम्मू, कश्मीर, उत्तरप्रदेश, छग, महाराष्ट्र,उड़ीसा ,पश्चिमबंगाल, चेन्नई सहित अन्य राज्यों से कोतमा, बिजुरी, राजनगर आने वाले कई लोगों की सूचना मैने स्वयं तथा अन्य जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को दिया है। कलेक्टर अनूपपुर द्वारा सभी का स्वास्थ्य परीक्षण व प्रवासियों व अन्य नागरिकों के घर पहुंच कर परीक्षण करवाने का निर्णय लिया है टीमें लोगों के घर घर जाकर परीक्षण कर भी रही है।

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