मामला जल संसाधन विभाग द्वारा कराए गए नहरों के निर्माण में भ्रष्टाचार का....
कहते हैं झूठ कितना भी बलवान क्यों ना हो सत्य एक दिन सामने आ ही जाता है , बीते कई वर्षों से नहर निर्माण में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला विभाग द्वारा छुपाया गया था, जिसका खुलासा कोबरा न्यूज द्वारा बीते दिनों किया गया था और अब इस मामले में कमिश्नर शहडोल श्री प्रजापति ने जांच के आदेश दे दिए है जिससे भ्रष्टाचार की पूरी पोल खुल सके।
शहडोल(कोबरा) :बीते दिनों मीडिया के माध्यम से जिले के जयसिंहनगर जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम झलमला व आमाझिरिया में अन्नदाताओं की सहूलियत के लिए जलसंसाधन विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से निर्माण कराई गई नहरों में व्यापक भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश मे आया था जिसकी लिखित शिकायत गजेन्द्र सिंह परिहार द्वारा संभाग आयुक्त को दी गई थी जिसे संभाग आयुक्त द्वारा गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। किंतु बताया जा रहा है कि शिकायत के बाद से ही पूरा जल संसाधन विभाग बीते 2 दिनों से झलमला और आमा झरिया में डेरा डाले हुए हैं ताकि किसी प्रकार से कमिश्नर दौरे और निरीक्षण से पहले कुछ तो अच्छा हो जाये और कमियां छुपाई जा सके पर यह इतनी जल्दी संभव नही है।
कार्रवाई का दिया आश्वासन
व्यापक भ्रष्टाचार का मामला जब श्री परिहार द्वारा संभाग आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो किसानों की समस्या सुन संभाग आयुक्त ने जांच के बाद देाषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। बताया जाता है कि उक्त नहरों के निर्माण में विभाग के जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचार की मलाई जम कर चाटी गई थी।यही कारण है कि मामला समाचारों में आने के बाद दो क्षेत्रो का एक साथ प्रभार सम्हाल रहे जिम्मेंदार सीधी से डैमेज कंट्रेाल का प्रयास कर रहे हैं।
यह हुआ था झलमला में
कुछ वर्षों पहले झलमला ग्राम में किसानों की समस्या को देखते हुए जल संसाधन विभाग द्वारा नहर निर्माण का कार्य कराया गया था। किंतु नहर का बहाव एक चौथाई क्षेत्र में भी पूर्णत: नहीं था। शेष नहर सूखी पड़ी थी। कई तकनीकी खामियों के बाद भी विभाग द्वारा बिल भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया था।
आमाझिरिया का मामला
आमाझिरिया में भ्रष्टाचार की आंधी ने झलमला की भी चौहद्दी तोड़ दी थी। पूरी नहर लगभग डेढ़ किमी सूखी पड़ी रहने के बाद भी तत्कालीन एसडीओ श्री द्विवेदी द्वारा तकनीकी खामियों को नजरअंदाज करते हुए पूर्णत: बिल भुगतान कर दिया गया। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियोंं ने भी निरीक्षण के दौरान मामले में चुप्पी साध ली थी। बता दें कि आमाझिरिया नहर में जल का बहाव शून्य है। वर्षा के समय पानी खेत से बांध की ओर चलता है।
इनका कहना है
समाचार पत्रों एवं शिकायत के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई थी जिस पर जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जांच के उपरांत कार्रवाई की जाएगी।
आरबी प्रजापति
कमिश्नर, शहडोल



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