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पैसे की खुमारी,डैमेज कंट्रोल में लगे भ्रष्टाचारी....


कोबरा  (टेढ़ी बात) : अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है पर थोड़ा बोलने और पोल खोलने मैं कोई हर्ज भी नहीं।पड़ोसी जिले में बैठा 35 लाख खर्च कर प्रभार पाने वाला इंजीनियर शहडोल में बैठे 5 लाख खर्च कर प्रभार पाने वाले इंजीनियर को 10 हजार डिस्पैच बाबू को देकर करोड़ों के मामले को बड़े साहब के रिटायरमेंट तक ठंडे बस्ते में डलवाता है ताकि छोटे की सस्पेंसन और बड़े की जांच और सब से रिकवरी कुछ दिनों तक टली रहे।
लेकिन सब के अरमानों पर तब फिर गया पानी जब साहब ने प्रिंट आउट में लिख दी जांच की कहानी,
डी और पी तो झेलोगे ही, साथ ही जाएगी  की एसडीओ की कुर्सी और दो जिलों  का प्रभार,  कैसे झेल पाओगे रिकवरी और ईओडब्लू  की मार। 
और मामलों की अपने पास कमी नहीं
क्योंकि  कुछ तो ऐसी  हैं जो बनी नही ,
अभी टेटका वाली बांकी रह गई
वो तो बनने से पहले ही  बह गई ।
अलविदा अब  मैं चलता हूँ,
कल फिर आप से मिलता हूँ।
अभी इतना काफी , कहा सुनी माफी ।
(clipart only)

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