पत्राचार के नाम पर डैमेज कंट्रोल मामला फिर ठंडे बस्ते के हवाले करने का प्रयास?
शहडोल( कोबरा-फालोअप) : जेल अधीक्षक जी एल नेटी की शहडोल जेल में पदस्थापना के बाद शहडोल जेल आए दिन भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जिले में ही नहीं प्रदेश स्तर पर सुर्खियां बटोरता है। वहीं जेल अधीक्षक जेल की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बजाए जेल के अंदर सक्रिय मीडिया के सूत्रों को खंगालने में जुटे हुए हैं। हमारे सक्रिय सूत्रों की माने तो शक की बुनियाद पर जेल अधीक्षक नेटी अपने खास प्रहरी गोपाल एंड ग्रुप के माध्यम से डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं शक की बुनियाद पर अन्य प्रहरीयों को डराया धमकाया जा रहा इस आस में की इनमें से ही कोई हमारी मीडिया टीम का मुखबिर है जो अंदर की जानकारी हमारी टीम तक पहुंचा रहा है, कहना तो यहां तक है कि बलपुरवा वाले लाल साहब को डैमेज कंट्रोल की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। लगभग 1 वर्ष पूर्व शहडोल के एक दैनिक समाचार पत्र में जेल अधीक्षक नेटी को तानाशाह जेलर की उपाधि दी गई थी। वह उपाधि मानो अब सच हो रही जब जेल की अव्यवस्थाओं को लेकर हमारे द्वारा चलाई जा रही मुहिम में आखिरी समाचार के बाद साहब के गुर्गो द्वारा हमारी टीम का मुखबिर कौन हैं पता करने प्रहरियों को धमकाना चालू कर दिया गया है।
पत्र की प्रतिलिपि भेजी रीवा
महिला बंदी गृह में मोबाइल बरामद मामले में वैधानिक कार्यवाही के नाम से हमारी टीम से प्रमाण हेतु किए गए पत्राचार के पूर्व ही साहब और साहब के गुर्गों ने प्रहरीयों को खुली धमकी दे डाली जिसकी जानकारी भी हमारी टीम तक पहुंच गई। इसके बाद पत्राचार हुआ पत्राचार की विशेष बात यह थी कि पत्राचार के पत्र क्रमांक 2020 की प्रतिलिपि सेंट्रल जेल अधीक्षक रीवा को सूचनार्थ प्रेषित की गई है जिससे यह प्रतीत होता है कि पत्राचार का पूरा प्रपंच सिर्फ और सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखने, व डैमेज कंट्रोल करने की नियत से किया गया है। संभव यह भी है कि पत्राचार के माध्यम से एक तीर से दो निशाना साधते हुए डैमेज कंट्रोल के साथ-साथ हमारी टीम द्वारा जिला जेल में व्याप्त भर्रेशाही एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे मुहिम के माध्यम से उठ रही आवाज को दबाने का प्रयास है।
ऐसा है साहब का सुशासन...
शहडोल जेल की जेल अधीक्षक श्री नेटी का नाम तो आपने सुना ही होगा जी हां यह वही नाम है जो अक्सर सुर्खियों में रहता है। बीते दिनों साहब के मुख्य प्रहरी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर साहब पर एक दर्जन आरोप लगाए थे, शिकायत पत्र में आरोपों की पुष्टि के तथ्य भी प्रस्तुत किये थे, खैर आपको बता दें साहब अभी भी शहडोल जिला जेल के अधीक्षक है और उस मुख्य प्रहरी का स्थानांतरण कर दिया गया है,और मामला दब चुका है। साहब पर जेल के अंदर गांजा जैसे मादक पदार्थ बिकवाने के आरोप तक लगे थे। अपने खास प्रहरी गोपाल और कुछ पुराने कैदियों के माध्यम से कैदियों के परिजनों से अकाउंट में पैसे मंगवाने के आरोप भी लगे थे। कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से साहब का काफी लंबा नाता है इसके बाद बारी आई प्रभाकर केस की जिसने जेल के अंदर रहते हुए जेल के अंदर खींची गई फोटो फेसबुक में अपलोड की इतना ही नहीं धमकी भरे मैसेज और अपना नंबर भी वायरल किया। फिर महिला बंदी ग्रह से मोबाइल बरामद होने का मामला जेल के अंदर सक्रिय हमारे सूत्रों के माध्यम से अब तक पहुंचा जिसे भी दबा दिया गया। और अब साहब को सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे व बल होने के बाद भी कार्यवाही के लिए मीडिया के प्रमाण की आवश्यकता है। इस बात से आप साहब की कार्यकुशलता व निष्पक्षता का अंदाजा लगा सकते हैं।
साहब के खास है गोपाल और टीम...
जेल में सक्रिय हमारे सूत्रों की माने तो जेल अधीक्षक नेटी साहब ने गोपाल, नागेंद्र महेंद्र, रामभरोसे एवं कुछ अन्य लोगों की एक टीम बना रखी है और सबको एक एक मालदार विभाग सौप रखा है, जिसकी शिकायत पूर्व के मुख्य प्रहरी द्वारा राजधानी तक की गई थी की कथित प्रहरियों के मोबाइल एवम एकाउंट की की जांच कराई जाए। साथ ही यह भी अपील की गई थी कि तथ्यात्मक प्रमाण होने के बाद भी जिन खास प्रहरियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है उन पर तुरंत कार्यवाही की जाए पर यह भी मामला समय के साथ दबा दिया गया, बताया तो यह भी जाता है की लेनदेन के लिए गोपाल के साथियों के अकाउंट में इस्तेमाल में लाए जाते हैं। ताजातरीन चर्चा लॉकडाउन के दौरान एक कैदी का ढाई लाख रुपए अकाउंट में मंगाने, चेक कैश करवाने का है जिसकी जांच आसानी से हो सकती है वंही महेंद्र नाम एक अकाउंट में भी पैसे मंगाने की चर्चा आम हो रही है ।
शहडोल( कोबरा-फालोअप) : जेल अधीक्षक जी एल नेटी की शहडोल जेल में पदस्थापना के बाद शहडोल जेल आए दिन भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर जिले में ही नहीं प्रदेश स्तर पर सुर्खियां बटोरता है। वहीं जेल अधीक्षक जेल की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बजाए जेल के अंदर सक्रिय मीडिया के सूत्रों को खंगालने में जुटे हुए हैं। हमारे सक्रिय सूत्रों की माने तो शक की बुनियाद पर जेल अधीक्षक नेटी अपने खास प्रहरी गोपाल एंड ग्रुप के माध्यम से डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं शक की बुनियाद पर अन्य प्रहरीयों को डराया धमकाया जा रहा इस आस में की इनमें से ही कोई हमारी मीडिया टीम का मुखबिर है जो अंदर की जानकारी हमारी टीम तक पहुंचा रहा है, कहना तो यहां तक है कि बलपुरवा वाले लाल साहब को डैमेज कंट्रोल की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। लगभग 1 वर्ष पूर्व शहडोल के एक दैनिक समाचार पत्र में जेल अधीक्षक नेटी को तानाशाह जेलर की उपाधि दी गई थी। वह उपाधि मानो अब सच हो रही जब जेल की अव्यवस्थाओं को लेकर हमारे द्वारा चलाई जा रही मुहिम में आखिरी समाचार के बाद साहब के गुर्गो द्वारा हमारी टीम का मुखबिर कौन हैं पता करने प्रहरियों को धमकाना चालू कर दिया गया है।
पत्र की प्रतिलिपि भेजी रीवा
महिला बंदी गृह में मोबाइल बरामद मामले में वैधानिक कार्यवाही के नाम से हमारी टीम से प्रमाण हेतु किए गए पत्राचार के पूर्व ही साहब और साहब के गुर्गों ने प्रहरीयों को खुली धमकी दे डाली जिसकी जानकारी भी हमारी टीम तक पहुंच गई। इसके बाद पत्राचार हुआ पत्राचार की विशेष बात यह थी कि पत्राचार के पत्र क्रमांक 2020 की प्रतिलिपि सेंट्रल जेल अधीक्षक रीवा को सूचनार्थ प्रेषित की गई है जिससे यह प्रतीत होता है कि पत्राचार का पूरा प्रपंच सिर्फ और सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों को अंधेरे में रखने, व डैमेज कंट्रोल करने की नियत से किया गया है। संभव यह भी है कि पत्राचार के माध्यम से एक तीर से दो निशाना साधते हुए डैमेज कंट्रोल के साथ-साथ हमारी टीम द्वारा जिला जेल में व्याप्त भर्रेशाही एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे मुहिम के माध्यम से उठ रही आवाज को दबाने का प्रयास है।
ऐसा है साहब का सुशासन...
शहडोल जेल की जेल अधीक्षक श्री नेटी का नाम तो आपने सुना ही होगा जी हां यह वही नाम है जो अक्सर सुर्खियों में रहता है। बीते दिनों साहब के मुख्य प्रहरी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर साहब पर एक दर्जन आरोप लगाए थे, शिकायत पत्र में आरोपों की पुष्टि के तथ्य भी प्रस्तुत किये थे, खैर आपको बता दें साहब अभी भी शहडोल जिला जेल के अधीक्षक है और उस मुख्य प्रहरी का स्थानांतरण कर दिया गया है,और मामला दब चुका है। साहब पर जेल के अंदर गांजा जैसे मादक पदार्थ बिकवाने के आरोप तक लगे थे। अपने खास प्रहरी गोपाल और कुछ पुराने कैदियों के माध्यम से कैदियों के परिजनों से अकाउंट में पैसे मंगवाने के आरोप भी लगे थे। कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से साहब का काफी लंबा नाता है इसके बाद बारी आई प्रभाकर केस की जिसने जेल के अंदर रहते हुए जेल के अंदर खींची गई फोटो फेसबुक में अपलोड की इतना ही नहीं धमकी भरे मैसेज और अपना नंबर भी वायरल किया। फिर महिला बंदी ग्रह से मोबाइल बरामद होने का मामला जेल के अंदर सक्रिय हमारे सूत्रों के माध्यम से अब तक पहुंचा जिसे भी दबा दिया गया। और अब साहब को सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे व बल होने के बाद भी कार्यवाही के लिए मीडिया के प्रमाण की आवश्यकता है। इस बात से आप साहब की कार्यकुशलता व निष्पक्षता का अंदाजा लगा सकते हैं।
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| स्थानीय लोकप्रिय अखबार की प्रति |
साहब के खास है गोपाल और टीम...
जेल में सक्रिय हमारे सूत्रों की माने तो जेल अधीक्षक नेटी साहब ने गोपाल, नागेंद्र महेंद्र, रामभरोसे एवं कुछ अन्य लोगों की एक टीम बना रखी है और सबको एक एक मालदार विभाग सौप रखा है, जिसकी शिकायत पूर्व के मुख्य प्रहरी द्वारा राजधानी तक की गई थी की कथित प्रहरियों के मोबाइल एवम एकाउंट की की जांच कराई जाए। साथ ही यह भी अपील की गई थी कि तथ्यात्मक प्रमाण होने के बाद भी जिन खास प्रहरियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है उन पर तुरंत कार्यवाही की जाए पर यह भी मामला समय के साथ दबा दिया गया, बताया तो यह भी जाता है की लेनदेन के लिए गोपाल के साथियों के अकाउंट में इस्तेमाल में लाए जाते हैं। ताजातरीन चर्चा लॉकडाउन के दौरान एक कैदी का ढाई लाख रुपए अकाउंट में मंगाने, चेक कैश करवाने का है जिसकी जांच आसानी से हो सकती है वंही महेंद्र नाम एक अकाउंट में भी पैसे मंगाने की चर्चा आम हो रही है ।




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