गंभीर आरोपों से घिरे कई वर्षों से शहडोल जेल में पदस्थ अधिकारीयों और कर्मचारियों का नही हो रहा स्थान्तरण...
गोपाल वसूलता है पैसा, नागेंद्र बेंच रहा गाँजा, पूरी वसूली रामभरोसे फिर भी कार्यवाही शून्य..!
जेल विभाग के भ्रष्टाचार एवं भर्रेशाही को लेकर लगातार प्रकाशित हो रहे समाचार के बाद अब प्रतीत ऐसा हो रहा है कि जेल प्रबंधन प्रकाशित हो रही खबरों को रोकने के लिए किसी हद 'साम दाम दंड भेद' तक भी जाने के लिए तैयार है। फिर भले ही समाचार की काट समाचार छपा कर के करना पड़े । खैर हमेशा की तरह शहडोल जिला जेल एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है जांच एवं कार्यवाही की दरकार है।
शहडोल (संजीव प्रताप सिंह ) : शहडोल जेल जो कि इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है के कई किस्से आपने सुन रखे होंगे जी हां यहां तो एक बार आता है यहां का होकर रह जाता है हम बात कर रहे हैं जेल के प्रबंधन एवं कर्मचारियों की। भले ही कर्मचारियों की शिकायत भोपाल के विभिन्न दफ्तरों तक पहुच चुकी हो। मध्यप्रदेश स्थान्तरण नीति तो मानो शहडोल जिला जेल में लागू ही नही होती। जेल मंत्री तक शिकायत होने के बाद भी शहडोल जेल अधीक्षक टस से मस नही हुए जबकि साहब पर गभीर आरोप लगाए गए थे इतना ही नही शिकायत पत्र में उलेखित प्रहरियों की भी न तो विस्तृत जांच हुई ना ही पदस्थापना बल्कि हुआ एक काम की शिकायत कर्ता का ही स्थान्तरण कर दिया गया जेल अधीक्षक के खास बताए जाने वाले प्रहरी गोपाल एवं उसकी टीम पर कई गंभीर आरोप लगे मामला दिल की डायरी में पहुचा पर कार्यवाही फिर भी नही हुई इससे आप भलीभांति साहब और साहब के चहेतो के रसूख का अंदाजा लगा सकते हैं ।
कौन है गोपाल.....
पूर्व में हुई शिकायतों में गोपाल को जेल अधीक्षक का खास बताया गया है जिसका काम है जेल के अंदर बंद कैदियों के परिजनों को फोन लगाकर पैसे मंगाना जिस पर शिकायत में अकाउंट की जांच की बात भी कही गई थी खैर यह बात तो पुरानी हो गई हमारे मौजूदा सूत्र बताते हैं कि जेल के अंदर साहब के बाद यदि किसी की हुकूमत चलती है तो वह है गोपाल जो अपने एलआईसी के साथी के साथ मिलकर विभिन्न अकाउंट नंबर्स में गैस की लेनदेन करता है। इतना ही नहीं साहब का पूरा लीगल डिपार्टमेंट भी किसे क्या और कैसे हैंडल करना है गोपाल के ही जिम्मे है, सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि पारिश्रमिक के लिए जो खाते खोले गए हैं उनका लेखा-जोखा भी गोपाल ही संभालता है।
अकेला नही है गोपाल...
यह हम नहीं कहते कि गोपाल अकेला नहीं है यह कहती है शिकायत शिकायत के अनुसार अधीक्षक साहब के खास कुछ अन्य प्रहरी भी हैं जो जेल के अंदर गलत कामों को अंजाम देते हैं, नागेंद्र जो कि जेल के अंदर गांजा एवं अन्य मादक पदार्थ उपलब्ध कराता है तो मुख्य प्रहरी राम भरोसे को साहब का खास बताते हुए विभिन्न वसूली यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वही हमारे सूत्रों की माने तो साहब के खास की सूची मे नया नाम सूरज भी जुड़ चुका है, इसके अलावा धीरज,सोहधीर व कुछ अन्य कैदी भी है जो साहब और साहब के खास बताए जाने वालों के इशारे में उगाही का काम करते हैं।
कौन है मेहरबान....
इन सब मामलों में सवाल ये उठता है कि कई गंभीर आरोप लगने के बाद एवं बड़ी घटनाएं घटने के बाद भी कितने वर्षों से जेल अधीक्षक एवं उनके खास बताए जाने वाले प्रहरियों का स्थानतरण आखिर क्यों नहीं सवाल तो यह भी उठता है कि कौन है जो 'महाभारत के संजय' की भांति पूरे मामले की लाइव कमेंट्री न सिर्फ पास कर रहा है अपितु यंहा तो मोहरे भी उसी के इशारे में चल रहे हैं। खैर यह पूरा मामला तो भोपाल या दिल्ली की जांच टीम कॉल डिटेल खंगाल कर सामने ले ही आएगी पर अब देखना यह होगा कि पत्रकार को डराने धमकाने व नटवरलाल बताकर खबर छपवाने के बाद अब कौन तकनीक मामले से बाहर निकलने में काम आएगी ।
इनका कहना है
जानकारी आपके माध्यम से सज्ञान में आई है, शिकायत के आधार पर जांच कराई जाएगी।
एम आर पटेल
डीआईजी जेल, भोपाल




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