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जेल के अंदर बंद गांजा तस्कर कैदी का 'प्रलाप' सुन साथी तस्कर कर रहा डैमेज कंट्रोल....!



कुर्सी बचाने भ्रष्टाचार छिपाने खुद समाचारों का खंडन कर आ रहा जेल प्रशासन?


शहडोल(कोबरा- संजीव सिंह) :  आपने यह तो सुना ही होगा कि जब किसी भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ समाचार प्रकाशित किया जाता है तो पत्रकार को कानूनी कार्यवाही की धौंस दिखाई जाती है पर शहडोल जिला जेल का मामला अलग है यहां कानूनी कार्यवाही की बजाए समाचारो का खंडन कराया जाता है। वो भी ऐसे अखबार से जिसका शहडोल जिले में कोई वजूद है ही नही न तो कोई रिपोर्टर न कोई ब्यूरो चीफ तब सवाल यह उठता है कि शहडोल से इन खबरों का प्रकाशन आखिर करा कौन रहा है तो क्या जेल अधीक्षक नेटी और जेल प्रहरी गोपाल और उसके साथी सूरज अपनी नौकरी छोड़ कर कैदी प्रभाकर की नौकरी बजाते हुए समाचारों के खंडन में जुट गए हैं? आपको यह भी बता दें की कथित समाचार पत्र में जिस कैदी का स्थानांतरण रोकने का प्रयास किया जा रहा है वह विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी है एवं जेल प्रशासन के जिन कर्मचारियों को पाकसाफ बताया जा रहा है उन पर कई शिकायतें व जांच  लंबित हैं।
रामपुर का तस्कर कर रहा डैमेज कंट्रोल...
हमारे सूत्रों की माने तो खबर से बौखलाए जेल प्रशासन द्वारा जेल में बंद कैदी प्रभाकर द्विवेदी के स्थानांतरण को रोकने के लिए गांजा तस्कर कैदी प्रभाकर द्विवेदी के 'प्रलाप' पर  उसका गांजा तस्कर साथी रामपुर से प्रभाकर के जेल स्थानतरण को रोकने के लिए हाथ पैर पटक रहा है इतना ही नहीं लगातार प्रकाशित समाचारों में प्रभाकर को भी मीडिया कर्मी बताया जा रहा है जो कि चौथे स्तंभ की साख पर बट्टा है। कलम की आड़ में अवैध कारोबार को शह देने वाला रामपुर का गांजा तस्कर जिसकी रोजी प्रभाकर के जेल जाने के बाद बंद हो चुकी है अब वह अपने चिंदी खबार में बार-बार विभिन्न धाराओं के तहत विचाराधीन मामलों में जेल में बंद कैदी को कभी मीडिया चैनल का एंकर तो कभी पत्रकार बता रहे हैं।
खबर के नाम पर जारी सफाई...
हमारी टीम के पत्रकार को फर्जी बताने वाले कथित कलम के द/लाल अपनी प्रारंभिक खबरों से ही लगातार जेल प्रशासन की ओर से सफाई छाप रहे हैं जोकि खबर के नाम पर छपी हुई स्पष्टीकरण को देखकर आसानी से समझ में आता है। सतना में सक्रिय हमारे सूत्रों की मानें तो कथित अखबार सतना में छपता ही नहीं है बल्कि सिर्फ ई-पेपर के नाम पर अखबार के दोनों कारिंदों द्वारा अपने पशु तस्करी गांजा तस्करी जैसे कारोबार का ढाल बनाया हुआ है।
अब क्यों आई शहडोल की सुध...
जिस मामले में लगातार खबर का प्रकाशन किया जा रहा है उस मामले में शुरुआत में प्रकाशित की गई दोनों खबरों में पत्रकार साथी का नाम उजागर नहीं किया गया था, सिर्फ जेल की सफाई ही प्रस्तुत की जा रही थी। किंतु उसके बाद भी जब दबाव बनाने में सफलता नहीं मिली तो प्रहरी से शिकायत करवा कर दोबारा खबर प्रकाशित करवाई गई आपको बता दें कि यदि प्रकाशित की गई खबरें गलत होती तो जेल प्रशासन के अधिकारी मानहानि का दावा करते किंतु इस प्रकार का कोई दावा अभी तक प्रस्तुत नहीं किया गया है सिर्फ कभी अपराधिक प्रवृत्ति के  व्यक्तियों से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से धमका कर तो कभी रुपयों का लालच देकर लगातार खबर रोकने की साजिश की जा रही है। जबकि जेल मामले के अलावा पूर्व में किसी भी मामले को लेकर कथित अखबार का नाम शहडोल में सामने नहीं आया ना ही आज तक कोई रिपोर्टर की नियुक्ति हुई ।( निरन्तर...)
इनका कहना है ।
कैदी प्रभाकर द्विवेदी के स्थानांतरण के संबंध में मैं आपको फोन में नहीं बताऊंगा, प्रकाशित समाचारों के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
जी एल नेटी 
जेल अधीक्षक,शहडोल

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