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जेल अधीक्षक नेटी पर मेहरबान सेंट्रल जेल अधीक्षक रीवा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी..!



अब तक नहीं सुलझी प्रभाकर  केस की गुत्थी,इधर फिर जेल के अंदर से बरामद हुआ मोबाइल ..!


 शहडोल (कोबरा ) : शहडोल जिला जेल इन दिनों प्रदेश भर में सुर्खियां बटोर सा नजर आ रहा है जेल अधीक्षक रियलिटी अपने पूरे कार्यकाल में कई बार गंभीर आरोपों से घिरे रहे हैं। अभी हाल ही में जेल के अंदर से जेल की अंदर की फोटो फेसबुक में अपलोड करने का मामला प्रकाश में आया था और समय के साथ उसकी जांच पूर्ण भी नही हो पाई थी की इधर फिर जेल में महिला बंदी द्वारा जेल के अंदर मोबाइल आपरेट करने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में विचारणीय तथ्य तो यह है कि लगातार शहडोल जेल में भ्रष्टाचार और भरे शाही के मामले प्रकाश में आ रहे हैं फिर भी जेल अधीक्षक की नींद है कि टूटती ही नहीं है। सिर्फ मोबाइल ऑपरेट करने तक ही मामला सीमित नहीं है आपको बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही जेल के अंदर से कैदी के परिवार को फोन लगाकर पैसे मांगने का मामला भी प्रकाश में आया है जिसमें पैसे प्रहरी द्वारा अकाउंट में लिए गए हैं। फिर भी आज दिनांक तक ना तो जेल अधीक्षक द्वारा अपने प्रहरीयों के ऊपर कार्यवाही की गई वही सबसे बड़ी असफलता या मिलीभगत तो तब उजागर होती है जब प्रभाकर केस के बाद 23 मई को महिला बंदी के पास से मोबाइल बरामद होता है।

फिर मोबाइल हुआ बरामद...
प्रभाकर का मोबाइल ऑपरेट केस अभी शांत  ही नहीं हुआ था की एक नया केस  जेल में सामने आया महिला सेल में एनडीपीएस एक्ट के तहत बंद महिला बंदी के पास से 23 मई को सेल फोन बरामद किया गया था जिसके बाद मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा मौके की नजाकत को देखते हुए मामला दबा दिया गया। किंतु धीरे-धीरे मामले की भनक जेल में सक्रिय सूत्रों के माध्यम से हम तक पहुंची तो हमारी तफ्तीश शुरू हुई जिसमें मामले से जुड़ी रिकार्डिंग हम तक पहुची जिसकी पुष्टि एक काल पर स्वयं जेल के स्टाफ द्वारा कर दी गई। हमारे सूत्रों ने बताया की मामले की भनक लगते ही जेल अधीक्षक श्री नेटी ने मामले पर कोई कार्यवाही न करते हुए मामला दबा दिया गया वंही जेल अधीक्षक के खास गुर्गो द्वारा अब जेल के अंदर हमारी टीम के मुखबिर तलाशे जा रहे हैं शक की बुनियाद पर गुर्गे जगह-जगह हाथ पैर मार रहे हैं।

गंदा है पर धंधा है....
लगभग 1 वर्षों से लगातार जेल अधीक्षक नेटी की शिकायत शहडोल से राजधानी के गलियारों तक गूंज रही है इसके बाद भी सेंट्रल जेल अधीक्षक रीवा के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। जेल के अंदर मादक पदार्थों की बिक्री का मामला प्रकाश में आया था जो रिपोर्ट बुक में लिखा भी गया था उसके बाद भी जेल अधीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, प्रभाकर द्वारा फेसबुक में जेल के अंदर की फोटो अपलोड मामले में भी जेल अधीक्षक की असफलता या कहें की  मिलीभगत साबित हो रही थी उस पर भी सेंट्रल जेल अधीक्षक द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई । इतना ही नही हाल ही में सेंट्रल जेल अधीक्षक शहडोल विजिट पर आए थे और विजिट के कुछ दिनों पूर्व ही महिला बंदी गृह में गांजा तस्कर महिला के पास सेल बरामद हुआ था जिस मामले को दबा दिया गया था फिर भी कार्यवाही अथवा पूछताछ नहीं की गई। इसके अलावा बंदियों के खाने पीने अन्य सामानों की सप्लाई में भी प्रतिमाह लाखों का गोरखधंधा किया जाता है जिसकी शिकायतें भी हुई थी पर उस पर भी आज दिनांक तक कार्यवाही नहीं की गई।

राजधानी पहुचा था मामला...
प्रभाकर का जेल के अंदर से सोशल मीडिया ऑपरेट करने का मामला भोपाल तक पहुंचा था एडीजी जेल को हमारी टीम द्वारा मामले से अवगत कराया गया था जिसके बाद जांच की बात कहीं गई थी। पर आज दिनांक तक ना तो जांच हुई ना तो किसी प्रकार की कार्यवाही, इतना ही नहीं फोटो के संबंध में एक अलग ही कहानी जेल प्रबंधन द्वारा बना ली गई और यह क्या कर बात खत्म करने की कोशिश की जा रही है कि होली के समय फोटो खींच कर मीडिया में दी गई थी फोटो वहां से ली गई थी  जबकि साइबर जांच से पूरा मामला खुल कर सामने आ सकता है। वही जेल विभाग से जुड़े हमारे सूत्रों की माने तो जैसे ही प्रभाकर का यह मामला भोपाल तक पहुंचा तो जेल अधीक्षक ने भी स्वयं छुट्टी लेकर भोपाल पहुंचे और लीपापोती कर अपनी कुर्सी को एक बार फिर सेफ जोन में लाने में सफल रहे, सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि रीवा जेल अधीक्षक के मार्गदर्शन पर नेटी भोपाल पहुंचे थे और भोपाल में संबंधित अधिकारी  व नेटी के बीच मैनेजमेंट का लंबा खेल हुआ है, मैनेजमेंट की इस बहती गंगा में रीवा वाले साहब ने भी हाँथ धोने में कोई कसर नही छोड़ी है। वही अब मामले में नई बात यह है कि प्रभाकर केस में सिर्फ सोशल मीडिया में शेयर की गई फोटो  स्क्रीनशॉट ही सामने आई थी तो नए मामले में कॉल रिकॉर्डिंग भी सामने आई है, अब देखना यह होगा कि क्या कॉल रिकॉर्डिंग के बाद भी डीजी जेल  संजय चौधरी व गृहमंत्री मामले में जेल अधीक्षक नेटी पर कार्यवाही करते हैं या फिर जेल प्रशासन को रतलाम जेल जैसे किसी घटना का इंतजार है और घटना के बाद पूर्व पूर्ति करने के लिए कार्यवाही दिखाई जाएगी ।

इनका कहना है 
जेल में दोबारा मोबाइल मिलने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। ना ही मेरे पास कोई रिकॉर्डिंग आई है।
जी एल नेटी
जेल अधीक्षक,शहडोल जेल 









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