लिफाफे में हर हफ्ते भेजते हैं नमस्ते, तो क्या इसलिए मेहरबान है कुलस्ते!
जलीय जीव जंतुओं के प्रजनन काल में चरम पर अवैध रेत उत्खनन...मूकदर्शक बना प्रशाशन
शहडोल (कोबरा ) : भटिगंवा में आपने अवैध खनन,भंडारण,और आजीविका के विनोद के किस्से तो सुन ही रखें हैं की कैसे वेतन राश न आने पर विनोद वस चुंदी नदी के सीने में मशीन का खंजर रात के अंधेरे में उतारा जाता है। लेकिन ब्यौहारी के झापर नदी का हाल तो इन दिनों उससे से भी बदतर है जहा घोरसा वाला राजेश और टिहकी वाले लाला महाराज मिलकर 24×7 नदियों का सीना छलनी कर रहें हैं। हालांकि सवाल यह भी उठता है की 24 घंटे निकल रहे इन भारी वाहनों पर प्रशासन खामोश क्यों है क्या यह पूरा कार्य प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है हालांकि यह पूरा कारोबार खनिज विभाग में निरीक्षक कुलस्ते के निगरानी में हो रहा है इसके चर्चे जम कर आम हो रहे हैं।
24×7 निकल रही रेत की खेप....
नयागांव और भटिगंवा में तो सिर्फ रात में ही माफियाओं द्वारा ठेकेदार के सह पर खनन कार्य कराया जाता है किंतु बात यदि झापर की जाए तो तो झापर में खुले आसमान के तले एनजीटी के कायदों को अंधेरे में रखते हुए जलीय जीव जंतुओं के प्रजनन काल में भी मशीन के माध्यम से पानी के अंदर से रेत निकलवाई जा रही है यहां रात या दिन का कोई फर्क नहीं पड़ता 24 घंटे और सातों दिन रेत की खेप निकाली जा रही है और भारी मात्रा में हाईवा व डाला के माध्यम से रेत इलाहाबाद व रीवा भेजी जा रही है जिस पर जिम्मेदारों की चुप्पी जिम्मेदारों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करने का कार्य कर रही है।
टिहकी वाला लाला गजब कर डाला...
टीवी वाले लाला महाराज इस काम में कोई नया नहीं है पूर्व में भी वे इस काम में शामिल रहे हैं इतना ही नहीं लाला महाराज की फ़ोटो भी शहडोल के लोकप्रिय समाचारो में सुर्खियां बटोर चुकी है उसके बाद भी लाला महाराज बेरोकटोक अपने खनन के कार्य को अंजाम दे रहे हैं जो की शहडोल खनिज विभाग के निरीक्षकों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह का कार्य कर रही है। जनचर्चाओं की माने तो साथी इमानदार खनिज निरीक्षक और अधिकारी के एवज में हर माह नजराने का लिफाफा निरीक्षक कुलस्ते तक पहुच रहा है।
काम आई चरण वंदना...
सूत्रों की माने तो कथित दोनों कारोबारी राजेश और लाला महाराज पर भाजपा के स्थानीय प्रतिनिधि क्षेत्र के विधायक की मेहरबानियां बरस रही है इतना ही नहीं विधायक जी तो स्वयं अपने साथ लाला महाराज को लेकर ठेकेदार के खास बताएं जाने वाले सुधीर भैया के पास पहुंचे थे। पर उस वक्त नेताजी की दाल नहीं गल पाई पर मानसून सत्र में मुलाकात और घंटों की चरण वंदना के फल स्वरुप झापर की कमान विधायक जी को सौंपी गई थी और विधायक जी ने अवैध खनन की कमान लाला और राजेश को सौप दी। और नतीजा यह निकला कि 24 घंटे सातों दिन सैकड़ों वाहन झापर नदी से रेत लेकर रीवा इलाहाबाद की ओर रवाना हो रहे हैं।
निरीक्षकों की कार्यशैली पर सवालिया निशान...
जिले में विभिन्न स्थानों पर बेरोकटोक मानसून सत्र में खनन जारी है,कंही जीजा जी के रसूख के आड़ में उपेंद्र धृतराष्ट्र बंद कर संजय के साथ मिलकर अवैध खनन को अंजाम दे रहा है तो दूसरी ओर टिहकी वाले लाला महाराज अवैध खनन व परिवहन को अंजाम दे रहे हैं । ऐसे में खनिज विभाग के निरीक्षकों की चुप्पी खनिज विभाग के कार्य शैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है। इतना ही नहीं मंत्री जी की मौजूदगी में सत्ताधारी दल के नेता के आरोपों का बेबाकी से खंडन करने वाली खनिज अधिकारी की साख पर भी खनिज निरीक्षकों की कार्यशैली बट्टा लगाने का कार्य कर रही है। ऐसी अधिकारी जिसने कुछ ही समय में शहडोल में लेडी सिंघम का खिताब मिला हो उसकी मौजूदगी में निचले स्तर पर बृहद पैमाने में अवैध उत्खनन निरक्षको की मिलीभगत उजागर कर रहा है।
क्या है वंशिका कंपनी की भूमिका
बड़े पैमाने पर जिले में बेरोकटोक चल रहे अवैध खनन पर रेत ठेका कंपनी वंशिका की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं। सूत्रों की माने तो वंशिका कंपनी के स्थानीय जिम्मेदार सुधीर शर्मा ने जिले में स्वीकृत तमाम भण्डारणों पर अलग-अलग जगह बतौर पेटी कांट्रेक्टर स्थानीय माफियाओं को नियुक्त किया है, तो वहीं स्थानीय मैनेजमेंट हेतु बहुचर्चित ब्रोकर चंदन की नियुक्ति की गई है जिसे शासकीय दफ्तरों के आगे पीछे आसानी से देखा जा सकता है तो उदित का कमान अब नवागत कर्मचारी मुरारी को सौंप दी गई है जिनका काम है इन सब मामलों में प्रशासन कि मुख सहमति प्रदान कराना। प्रशासनिक कार्यशैली पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि नियमानुसार भंडारण की समय-समय पर नाप जोक क्यों नहीं हो रही।



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