नोटिस तक सीमित पीसीबी की कार्यवाही, कैसे मिली NOC जांच का विषय....
क्रेशर संचालक पर मेहरबान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, नियमों को ताक पर रखकर संचालित क्रेशर
इंट्रो: जिले के अंतिम छोर पर क्रेशर के नाम पर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और प्रशासन की रहमत जमकर क्रेता संचालकों पर बरस रही है, इतना ही नहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की कार्यवाही सिर्फ नोटिस तक ही सीमित है। खनिज विभाग में गोयनका ब्रदर्स के मैनेजमेंट के चर्चे आम हो रहे हैं तो पीसीबी में बैगा जी के स्वयं को उपकृत करने के चर्चे भी अब जोर पकड़ने लगे हैं ऐसे में क्रेशर संचालक पर कार्यवाही का लंबित होना अधिकारियो की कार्यशैली पर प्रश्नचिंह तो जन चर्चाओं को यथार्थ रूप देने का कार्य कर रहा है।
अनूपपुर (कोबरा) : जिले के अंतिम छोर बिजुरी थाना क्षेत्र अंतर्गत डोंगरिया में हो रहे हैवी ब्लास्टिंग की जिस पर खनिज विभाग का अमला एक अरसे से मेहरबान है। दिन रात बराबर डूंगरिया के घने जंगलों में हैवी ब्लास्टिंग के धमाकों की आवाज गूंज रही है मगर यह आवाज अब तक जिले के खनिज विभाग के जिम्मेदारों के कान तक नहीं पहुंची है। हालांकि हैवी ब्लास्टिंग के मामले में चर्चा तो यह है कि कान बंद करने के एवज में अधिकारियों के दफ्तर में हर महीने नजराना समय पर पेश कर दिया जाता है।
यह है मामला
ग्राम डोंगरिया में एक अर्से से लगातार हैवी ब्लास्टिंग अवैध पत्थर खनन नियम विरुद्ध क्रेसर का संचालन स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है जिस पर प्रशासन ने मुख सहमति दे रखी है, ताजा तरीन मामला पल्लू नामक एक स्थानीय कारोबारी का है जो कि खनिज ही नहीं पर्यावरण के कार्यों को भी आड़े हाथ ले कर नियम विरुद्ध तरीके से हैवी ब्लास्टिंग करा कर सैकड़ों मजदूरों की जान जोखिम में डालते हुए पत्थर खनन का कार्य कराया जा रहा है। इतना ही नहीं कथित कारोबारी द्वारा एक मशीन/मोटर की अनुमति में दोनों मशीनें चलवा कर दिन रात खनन का कार्य करवाया जा रहा है, बिना सुरक्षा उपकरणों के गैर कानूनी तरीके से बारूद मंगवा कर इस प्रकार हैवी ब्लास्टिंग कराना भविष्य में किसी बड़ी घटना दुर्घटना का जन्मदायक साबित हो सकता है फिर भी जिम्मेदारों की रहमत कथित कारोबारी पर जमकर बरस रही है।
पर्यावरण को भी क्षति
वृक्षारोपण तो बहुत दूर की बात है दिखावे के लिए कथित कारोबारी द्वारा भले ही टेंपरेरी बाउंड्री वॉल का निर्माण करा लिया गया है किंतु यह महज खानापूर्ति ही है। जिस खानापूर्ति से पर्यावरण विभाग के जिम्मेदार भी खुद को संतुष्ट बता रहे हैं पर मौके का वीडियो इस बात की पुष्टि करता है कि जमीनी हकीकत क्या है। इतना ही नहीं एक मशीन की अनुमति पर दो-दो मशीन लगाने के मामले पर भी पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।अब सवाल ये उठता है कि-
1. आखिर बाउंड्री न होने पर भी पर्यावरण विभाग कैसे दे दी क्रेसर संचालित करने की परमीसन ?
2. एक कि जमीन में दो क्रेसर संचालित करने की कैसे मिली परमीसन?
3. वृक्ष न होने पर भी कैसे पर्यावरण विभाग ने क्रेसर चलाने की अनुमति दे दी?
इधर खनिज विभाग ने क्रेशर को किया जप्त- खनिज निरीक्षक राहुल शांडिल ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में ग्राम- गढ़ी तहसील- कोतमा में स्वीकृत खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति स्थल की जांच खनि अधिकारी, खनि निरीक्षक एवं खनि सर्वेक्षक द्वारा की गई। जांच के दौरान अनुज्ञप्ति की शर्तों में पाई गई, अनियमितताओं के फलस्वरूप क्रेशर स्थल में मौजूद समस्त खनिज/खनिज उत्पाद तथा क्रेशर मशीन को आगामी आदेश के लिए जब्त किया गया है। इसी दौरान विभाग द्वारा ग्राम-गढ़ी में ही अवैध रूप से खनिज बोल्डर का परिवहन कर रहे दो वाहनों को भी जब्त किया जाकर प्रकरण दर्ज किया गया।वाहन ट्रेक्टर क्रमांक MP 18 AA 5840 बोल्डर 03 घ.मी., एक मेटाडोर को 5 घनमीटर तक अवैध बोल्डर ले जाते हैं खनिज विभाग ने जप्त कर खनिज एक्ट के तहत कार्रवाई की है !
इनका कहना है
क्रेशर को ढकने के साथ अगल-बगल दीवाल भी होनी चाहिए क्रेशर के आसपास वृक्ष भी लगे होने चाहिए तभी हम क्रेशर संचालक को एनओसी देते हैं अगर इन सब नियमों को दरकिनार कर क्रेशर संचालित किया जा रहा है तो निश्चित ही गलत है जांच कर कार्यवाही की जाएगी !
जीके बैगा
प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अनूपपुर
शिकायत मिली थी कोतमा स्थित गढ़ी जाकर क्रेशर को जप्त किया गया है, मौके से दो वाहन भी पकड़े गए हैं जिस पर खनिज एक्ट की कार्यवाही की गई है आगे भी यह कार्यवाही जारी रहेगी !
राहुल शांडिल्य
खनिज निरीक्षक अनूपपुर
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