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शहडोल(कोबरा तफ्तीश ) इधर शहडोल में माफ़ियाया मुक्त अभियान चल रहा जो निश्चित ही प्रशंशनीय है। पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी की शहडोल पदस्थापना के बाद से कारोबारी की चद्दर ओढ़ के माफिया बन अवैध कार्य को अंजाम देने वाले माफ़ियाओं पर काल बन के कहर बरसाया है। लेकिन इत्तफाकन इस कार्यवाही से बचा अनीष इन दिनों गली-गली राजधानी में दद्दा के पहुँच की दुहाई देता फिर रहा है हालांकि पड़ताल में यह बात जानकारों ने बताया की राजधानी और कजूस के किस्से महज खोखले दावों के सिवा कुछ नही है। यही नही बाकायदा दिमाक लगा कर कथित कबाड़ माफ़िया ने अपने गुर्गों को बड्डे नाम की माला जपवा कर संभाग भर के कबाड़ का ठीकरा बड्डे के सर पर फोड़ा यही नही खुद को तीन महीने पहले पाक साफ साबित कर नौरोजाबाद में पप्पू को आगे कर और शहडोल के कोयलांचल में बाया खैरहा,सिंहपुर माल पहुंचाना शुरू कर दिया और फिर चरितार्थ हुई कथरी ओढ़कर घी खाने की कहावत। पुलिस अधीक्षक का डर के बावजूद कार्य जारी रखने का नायाब तरीका कथित माफ़ियाया ने निकाला की गाड़ी या गुर्गा कंही भी पकड़ा जाए नाम सिर्फ बड्डे का लेना है।
हर हफ्ते बदलता है ठीहा
कहते हैं चोर चोरी से जाए हेरा फेरी से ना जाये सिर दर्द भर का चित्र माफिया ने भी अपना काम शहडोल जिला मुख्यालय बा उमरिया में जारी रखा, इतना ही नहीं कोतमा के कारोबारियों से भी संपर्क बनाकर माल लगातार शहडोल अनीश के कल्याणपुर, फतेहपुर सहित अन्य स्थानों पर बनाए गए अस्थाई ठीहे पर पलटा जाने लगा और कबाड़ का काम धड़ल्ले से जारी रहा। यही नहीं इस बीच गाड़ी उमरिया में पकड़ी भी गई तो जोड़ जतन और जुगाड़ लगाकर गाड़ी छुड़वाने में कामयाब हुआ आलम यह है कि अस्थाई कैम्प बना कर अब सिंहपुर रॉड के स्थान पर अलग अलग जगहों पर अस्थाई कैम्प लगा कर काम कर रहा।
टूटा सिंडिकेट तो बागी हुआ अनीस..
जानकारी के अनुसार लगभग 6 माह पूर्व अनीश,बड्डे और एक अन्य कबाड़ी साथ में सिंडिकेट बनाकर कार्य कर रहे थे, लेकिन जब बात माफियाओं के काल बने पुलिस अधीक्षक के शहडोल कार्यकाल में काम ना करने की आई तो बाकी दोनों कबाड़ माफिया तो सहमत हुए लेकिन जिला मुख्यालय के कथित कबाड़ माफिया को यह बात नागवार गुजरी और उमरिया और शहडोल से उसने सिंडिकेट को तोड़कर अलग काम शुरू किया। बात यहीं खत्म नहीं हुई विधिवत दिमाग लगाकर अपनी लग्जरी गाड़ी से कोतमा व उमरिया में लग्जरी कार में घूम घूम कर कथित कबाङ माफिया ने गुर्गे लगाकर सेट किया। और सब गुर्गों को हिदायत दी पकड़े जाओ तो नाम बड्डे का ही लेना। और फिर माफिया मुक्त अभियान जब उन्हें प्रारंभ हुआ माफिया मुक्त अभियान में रास्ते के सभी रोड़े हटाने में अनीस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

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