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पढ़े बहुचर्चित खनिज माफिया का कैसा मैनेजमेंट की DGMS और खनिज के कायदे शिथिल


खनिज विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल, मुँहदेखी और मैनेजमेंट की चर्चा आम 

 रात के अंधेरे में हाईवा से डोया जा रहा बोल्डर, मीटर रीडिंग से खुलेंगे कई राज 
इंट्रो:- संभाग के अनूपपुर जिले में खनिज विभाग द्वारा हाल ही मैं पत्थर खनन क्रेशर व अन्य मामलों में कार्यवाही की गई है लेकिन कई मामलों में खनिज विभाग की चुप्पी विभाग की कार्यशैली पर ही प्रश्नचिन्ह का कार्य कर रही चर्चा यह भी है  कि वायरल वीडियो स्टार माफिया पर लगातार विभाग की रहमत क्यों बरस रही है।

अनूपपुर:- जिले के अंतिम छोर पर स्थित कोतमा जनपद अंतर्गत ग्राम बस्खला खसरा नंबर 128/1 रकवा 4.765 हेक्टेयर विनय पुरोहित द्वारा पत्थर खदान लीज में 2018 से 20028 तक लीज मे ली गई है खदान संचालक द्वारा वर्षों तक यहां पत्थर का उत्खनन तो किया, पर जब लालच बड़ी तो खनिज अधिनियम के नियमों को दरकिनार करते हुए पत्थर उत्खनन कर मिट्टी का ढेर दूसरी जगह लगा डाला गया!रोजाना पोखलेन मशीनों के माध्यम से बोल्डर का उत्खनन तो किया जा रहा है लेकिन बात यह खड़ी हो रही है कि यह बोल्डर की खपत कहां की जा रही है हमारी टीम द्वारा मौके पर देखा गया कि उत्खनन पट्टे के पास किसी भी प्रकार का क्रेशर नहीं लगाया गया है वहां लगे मजदूरों द्वारा यह भी बताया गया कि यह उत्खनन कार्य कोतमा के सफेदपोश नेता के संरक्षण मे रात मे अंधेरे का फायदा उठाकर हाईवा के जरिए पैरीचुआ स्थित क्रेशर में भेजा जाता है  यह भी जांच का विषय है!
 खदान से क्रेसर गायब 

 ग्राम बसखली में पत्थर खदान की लीज मिलने के बाद विनय के द्वारा लगातार उत्खनन किया जा रहा है मौके पर हमारी टीम द्वारा पहुंच कर देखा तो वहां पर किसी भी प्रकार का क्रेसर मशीन लगा नहीं मिला लेकिन टीपी के माध्यम से गिट्टी की बिक्री की जा रही है बात यह खड़ी हो रही है कि बिना क्रेशर लगाए किस प्रकार खदान से टीपी के माध्यम से गिट्टी की बिक्री की जा रही है यह एक जांच का विषय है खनिज विभाग द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच किया जाए तो पर्दे के पीछे छिपे खनिज माफिया पूरे संरक्षण में बोल्डर का उत्खनन कर अपने क्रेशरो में बिना टीपी रात के अंधेरे का फायदा उठाकर हाईवा के माध्यम से ट्रांसपोर्ट कर बेचा जा रहा है जिससे राजस्व को भारी क्षति पहुंच रही है! 

मौके पर मुनारा भी नहीं उपलब्ध 

 खदान की बाउंड्री के लिए मुनारा का भी निर्माण किया जाना था लेकिन संचालक विनय पुरोहित द्वारा कभी भी नियम और शर्तों का पालन नहीं किया गया, पत्थर का उत्खनन कर महज अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति की गई है खदान को देखकर जाना जा सकता है की संचालक द्वारा किस मनमानी तरीके से खनन किया गया, कुछ जगहों पर मशीन के माध्यम से खनन नहीं हुआ तो रात के अंधेरे का फायदा उठाकर विस्फोट लगाकर उत्खनन किया गया!

 पिलर व फेसिंग से नहीं घेराव 

 खनिज विभाग द्वारा किसी भी खदान की लीज दी जाती है तो नियम शर्तों के अनुसार कार्य करने की बात कही जाती है लेकिन बिना पुरोहित द्वारा संचालित खसरा नंबर 128/1 मे सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खदान का संचालन किया जा रहा है लीज में ली गई शर्तों के अनुसार न तो पिलर लगाया गया और न ही फेसिंग की गई सिर्फ कमाने के उद्देश्य से विभाग व आस-पास के भूमि को नुकसान पहुंचा कर अपने कार्यों से इतिश्री कर लिया!

 हजारों घन मीटर गिट्टी का किया विक्रय 

 संचालक द्वारा   2 वर्ष पूर्व भी लगातार बिना क्रेशर  स्थापित किए  एवं पर्यावरण विभाग की अनुमति के बिना हजारों घन मीटर गिट्टी का वितरण किया गया है लेकिन बात यह खड़ी हो रही की नई खनिज अधिकारी की पदस्थापना के बाद लगातार खनिज विभाग में अवैध कार्य करने वालों की खैर नहीं की तर्ज पर कार्यवाही की जा रही है लेकिन इन कारवाही के बीच विनय पुरोहित के खदान की क्यों नहीं की गई जांच...?  सूत्र बताते हैं कि बीते 2 वर्षों से पुरोहित के आड़ में कोतमा का बहुचर्चित टॉप लिस्टेड खनिज माफिया  एक्टिव है! यही कारण है कि अधिकारियों की नजर इस पर नहीं पड़ती हालाकी उल्लेखित पत्थर खदान से जुड़े कई राज अभी खुले नहीं है जो परत दर परत खुलेंगे।

इनका कहना है
इस संबंध में जानकारी के लिए जिला खनिज अधिकारी सुश्री आशालता वैध से फोन में संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन  फोन रिसीव नहीं हुआ।

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