अजब प्रत्याषीः बच्चों के पार्क पर कब्जा, युवाओं को सट्टे की लत, अधेड़ो को सूद के बोझ तले दबाया
इन्ट्रोः मरहूम मसहूर शायर की शायरी ‘‘चोर उचक्को की करो कद्र, की मालूम नहीं कौन, कब, कौन सी सरकार में आजाएगा ....‘‘यह अब धनाडय नगर पालिका के चुनाव में सार्थक हो सकती है क्योंकि अब धनाडय नगर पालिका से मसहूर सट्टा किंग लुभावने लालच देकर अध्यक्ष की कुर्सी का सपना देख रहा है और यदि बिल्ली के भाग से छीका टूटा तो यह बात तय है कि नगर में किसी का विकास हो या न हो हर युवक के हाथ में सट्टे की पर्ची और कालरी श्रमिक कथित सट्टा किंग के भाई के सूद के बोझ तले दबा होगा बाकि जनता की मर्जी।
शहडोलः यह लोकतंत्र है साहब यहां चुनाव हर कोई लड सकता है जीतना ना जीतना उसकी किस्मत। कहते है पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुदा से कम भी नहीं यह कहावत कथित सट्टा किंग के लिए चरितार्थ हो रही है कथित सट्टा किंग सट्टा से कमाई गई अकूत काली कमाई को पानी की तरह बहाकर नगर का प्रथम नागरिक बनने का सपना देख रहा है बडा सवाल यह है कि जनता इसके सपने को साकार करती है या नहीं कालरी श्रमिक जो हर महीने कथित सट्टा किंग के आलीषान दफतर चक्कर काटते है कभी सट्टा किंग के भाई को सूद की रकम चुकाने तो कभी उधारी का चुकारा उतारा करने फिर भी जनता वोर्ट देकर अपने पैर में कुल्हाडी मारती है या नहीं यह तो काउटिंग के दिन ही पता चल सकेगा।
हर युवा के हाथ में सट्टा पर्ची
अब जिसको जिस चीज में महारथ हासिल है वह जनता को वही सीख देगा तो कथित सट्टा किंग यदि पैसे के दम पर कुर्सी तक पहुच जाता है तो निश्चित ही हर हाथ तक सट्टा पर्ची पहुंचेगी अब कालरी के श्रमवीर कथित सट्टा किंग के सपने को साकार करते है या नहीं यह दो वक्त ही बताएगा। एक अर्से से कथित सट्टा किंग चौरसिया के कधे में बन्दूक रख पुरे नगर का उतारा चुकारा कर रहा है, युवाओं को एक के बदले अस्सी का लालच देकर उन्हें बरबाद करने का ठेका मानो कथित सट्टा किंग ने उठा रखा है।
चिल्ड्रेन पार्क पर अवैध कब्जा
एक जमाना था जब कथित सट्टा किंग का रसुक चरम पर था बडे़-बडे़ नेताओं मंत्रियो के साथ सट्टा किंग का उठना बैठना था इसी रसुक का फायदा उठाकर कथित सट्टा किंग ने संजय उद्यान की भूमि पर कब्जा कर लिया और आज उसी भूमि से प्रति वर्ष करोडो की कमाई भी कथित सट्टा किंग कर रहा है और एक बार फिर यदि कथित सट्टा किंग का रसूक कायम होता है तो नगर पालिका की हर बेष कीमती जमीन पर फिर से सट्टा किंग का राज होगा और विकास की धारा नगर पालिका भवन से बहकर कथित सट्टा माफिया के बंगले तक ही सीमित रह जायेगी।
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कथित सट्टा किंग ने सट्टे में अपना पैठ बखूबी जमा लिया है अब साथ में सूद का कारोबार वह स्वंय तो कर नहीं सकता था इस लिए इस कारोबार में अपने भाई को उतार दिया। कथित सट्टा किंग का भाई भोले-भाले कालरी श्रमिकों को सट्टा, जुआ और शराब की लत में फसाकर कर्ज देने के बाद उनका पासबुक, एटीएम, चेकबुक आदि जप्त कर लेता है और फिर वह श्रमिक सूद के बोझ तले दबकर जीवन भर इन दोनों भाईयों के पाट में पिसता रहता है यह वही सूदखोर भाई है जो एसपी गोस्वामी के कार्यकाल में सूदखोरी के खिलाफ चल रहे अभियान में जिले की सीमा छोड फरार था।


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