भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी जो हो गया चीनी जरूरी, 12 मामले में आरोपी की पार्टी से उम्मीदवारी
अब तकआपने हमने महानगरों के राजनीतिक दलो के नेताओं को कहते सुना था वो कहते हैं सिर्फ एक पार्टी है जिसके पास ऐसा जादुई सर्फ एक्सेल है जिससे उम्मीदवारी करने वाले दागियों के सारे दांग धुल जाते हैं लेकिन आदिवासी बहुल इलाकों में यह दिखाई दे रहे हैं दांव पर साख है लेकिन दांग अच्छे हैं पढ़ें पूरी खबर....
शहडोल। वैसे तो भारतीय जनता पार्टी में जनादेश प्राप्त (उम्मीदवारी) करने के पहले चाल चरित्र और चेहरा को लेकर बेहद गंभीरता बरती जाती है धरातल पर पार्टी की छवि बिगाड़ती जा रही देखने को मिल रही हैं जिसमें साफतौर पर देखा जा रहा है कि दुनिया भर में सबसे मजबूत पार्टी असल मे बेहद कमजोर होती जा रही है और अब नगर परिषद चुनाव में अपराधियों के बलबूते ही सही। पार्टी सत्ता के शिखर तक पहुंचने को आतुर दिखाई दे रही है। हम ऐसा इसलिए भी कह रहे हैं चूंकि पार्टी के पास स्थानीय स्तर पर ईमानदार कर्मठ कार्यकर्ताओं लंबी फेहरिस्त है बावजूद इन सबको दरकिनार हुए लगातार एक दो नहीं बारह तेरह दर्ज मामले में आपराधिक इतिहास में सुर्खियां बटोरने वाले लोगों की उम्मीदवारी को तरजीह देकर अपनी ही पार्टी के लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम कर रही है जिससे लाज़िमी है चुनाव में वर्षों की ईमानदारी बनाम अपराध की दुनिया के कर्णधार में द्वंद्व और अंतर्कलह होना तय है।
जाने कैसे पार्टी की निष्ठा और प्रतिष्ठा....
शहडोल संभाग के अनूपपुर जिला अंतर्गत बरगवां अमलाई ऐसा नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी में धुरंधर नेताओं की कमी है लेकिन जिले के दिग्गज नेताओं एवं संगठन की ऐसी क्या मजबूरी हो सकती कि नवगठित नगर परिषद बरगवां अमलाई में चीनी नामक अपराधी पर पार्टी दाव लगाने पर मजबूर है राजनैतिक आकाओं के कृपा पात्र चीनी के ऊपर जिला बदर की कार्यवाही पुलिस अधीक्षक कार्यालय अनूपपुर में आज भी नेताओं के रहमों करम पर लंबित है 13 संगीन मामलों के आरोपी चीनी जिसके ठगी के शिकार भी कई भोले-भाले ग्रामीण हो चुके हैं जिसकी चरित्र हीनता के चर्चे नगर भर के अंदर आम हो चले हैं जिसके द्वारा 12 महीनों जुए के फड़ संचालित किए जाते हैं ऐसे योग्य उम्मीदवार वार्ड क्रमांक 07 से पार्टी में उम्मीदवारी जता रहे हैं व पार्टी भी ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व को टिकट देने की फिराक में एड़ी चोटी का जोर लगा रही है जनचर्चा यह भी है कि मंत्री जी के चहेते होने की वजह से संगठन इस पर दांव लगाने कोई गुरेज नहीं है। भले ही चेहरा चेहेता हो मगर लेकिन संगठन की यह मजबूरी क्या गुल खिलाती है। परिणाम विश्लेषक ही बता सकते हैं। बहरहाल आज का मतदाता जागरूक हैं अब तो भाजपा में जमीनी कार्यकर्ताओं की हो रही अनदेखी की जनचर्चा चौक चौराहों पर होने लगी है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि चुनावी मैदान में आपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवार पर दांव लगाना कहीं भारी न पड़ जाए।
प्रतिक्रिया.....
भाईसाहब उम्मीदवारी कोई भी कर सकता है पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को उम्मीदवार के गुण, दोष को देखते हुए निर्णय लेना है।
राजेश मिश्रा, जिला चुनाव प्रभारी अनूपपुर



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