शर्तो के उल्लंघन के बावजूद, परिवहन रोकने के स्थान पर निजी कम्पनी को लाभ दिलाने के प्रयास में जुटा जिला प्रशासन
नियम विरुद्ध शासकीय सड़कों से निजी कंपनी के कोल परिवहन पर प्रतिबंध लगाने में छूट रहा जिला प्रशासन को पसीना
इंट्रो : प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों को तनख्वाह अब अल्ट्राटेक से प्राप्त हो रही है यही कारण है कि शासकीय सुविधाएं जो आमजन के राहत के लिए होती हैं उनका नियम के विरुद्ध जिला प्रशासन के आला अधिकारी लाभ अल्ट्राटेक विचारपुर माइंस को दिला रहे हैं, अधिकारियों को जिला ठीक से चलाना था नियुक्ति के पहले सीएम शिवराज की मनसा भी यही रही होगी लेकिन इसके विपरीत लग रहा है कि जिला प्प्रशासन के अधिकारी मय कलेक्टर यह समझ बैठे हैं कि सरकार जिला अथवा आमजन का जीवन ठीक से चले या न चले अल्ट्राटेक विचारपुर माइंस ठीक से चलनी चाहिए, परिवहन बंद नहीं होना चाहिए कंपनी मुनाफे में रहनी चाहिए!! शायद इसीलिए जिम्मेदार अधिकारी कंपनी पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो जैसे वे सरकार के नहीं प्रशासन के नहीं अल्ट्राटेक के कर्मचारी हो उनकी तनख्वाह अल्ट्राटेक से आ रही हो।
शहडोल: सड़क बनवाये कोल परिवहन करने का मामला अभी ठंडा नही हुआ था जिला प्रशासन द्वारा नपा की शासकीय सड़क प्रायवेट कंपनी को ठेके पर देने की चर्चा आम हो रही थी तो इसी बीच कान घुमाकर पकड़ने की पुरानी कहावत की तर्ज पर अधूरी सड़क का शुभारम्भ कलेक्टर के करकमलों से शुक्रवार की दोपहर को हुआ जनसंपर्क से समाचार जारी हुआ लेकिन परिवहन अभी भी नगरपालिका की सड़क अर्थात सिंहपुर रोड और पोंडा नाला से होकर ही होगा। ना जाने अल्ट्राटेक के जिम्मेदारों ने प्रशासन को कौन सी घुट्टी पिला दी है की पुरा जिला प्रशासन अल्ट्राटेक का प्रोडक्शन और परिवहन न रुके इसलिए शासकीय सड़कों का बंटाधार कराने केा तत्पर है हलाकि इस संबंध में कलेक्टर शहडोल से हुई आंशिक वार्तालाप में सड़क उपयोंग हेतु कोई अनुमति नही, थोड़ा पोर्सन कंपनी ने बनवाया है सक्त निर्देष जैसे जबाब हमारी टीम को दिये खैर दूरभाष के इन सवाल जबावों को अगले अंक में आप तक पहुचायेगें अभी मामला आधी अधूरी सड़क का आनन - फानन में किये गये शुभारम्भ और कान घुमाकर पकड़ने का है।
घुमाकर पकड़ा गया कान...
लगातार कई महिनों से अल्ट्राटेक विचारपुर से कोयला परिवहन करने वाले वाहन व्हाया स्टेडियम शहडोल से होकर गुजर रहे थें जिस पर शासकीय सड़कों का उपयोग खस्ताहाल होती सड़कों और संभावित दुर्घटनाओं को मद्दे नजर रखते हुये हमारे द्वारा मुहीम चलाई गई थी लेकिन परिवहन पर रोक लगाने के स्थान पर कान घुमाकर पकड़ते हुये अब वही कोल परिवहन शहडोल नगरपालिका क्षेत्रअंन्तर्गत पोंडा नाला वार्ड नं. 27 से होकर जारी रहेगा कम शब्दों में कहे तो नपा के इस कोने की रोड टूटने लगी है और अब उस कोने की रोड भी टूटेगी लेकिन इतना जरुर है कि कोल परिवहन कर रहे भारी वाहनों को अब खस्ताहाल सड़क से निजात मिलेगा और नई सड़कों को खस्ताहाल करने का मौका भी।
सड़क के अंश भाग का शुभारम्भ....
शुक्रवार की शाम लगभग 5 बजे जनसंम्पर्क विभाग के आफीशियल ग्रुप में जिसे कलेक्टर ने स्वयं स्वीकारा था की अंश भाग उसी का शुभारम्भ कलेक्टर के कर कमलों से कराये जाने का समाचार प्रकाशन हेतु प्रेशित किया गया कि - ‘‘केलमनिया से पोंडा नाला तक कंक्रीट सड़क का कलेक्टर ने किया लोकार्पण कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य ने अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड द्वारा निर्मित लगभग सवा तीन करोड़ रूपये की लागत से बनाई गई केलमनिया से पोंडा नाला तक डेढ़ किलोमीटर की कंक्रीट सड़क का आज लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस सड़क के बन जाने से भारी वाहनों की आवाजाही नगर के मध्य नही होगी जिससे शहर की सड़कों में भार कम होगा। साथ ही इससे जुड़े ईलाकों को आवागमन में सुविधा भी मिलेगी’’।
पोंडा नाला और ओवर ब्रिज का क्या..
वर्ष के चार महीने बरसात के दिनों में पोंडा नाला रेलवे ब्रिज के नीचे घुटनो तक पानी भरा रहता है जिसमें न सिर्फ वाहन जाम में फसते है बल्कि पैदल चलने वालों का भी आना-जाना दूभर हो जाता है ऐसे में अब इसी रेलवे ब्रिज के अस्तित्व और भविष्य को लेकर सवाल उठना वाजिफ है जब यहा से प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहन कोल परिवहन करेगें और यहा से गुजरने के बाद बारी आयेगी नगरपालिका सिंहपुर मार्ग की जहा दिन के समय सेंटज्यूस स्कूल के बच्चे सड़क के इर्द गिर्द नजर आते है तो वही शाम के समय सड़क किनारे बसी कालोनी और दुकानों पर भी लोगो का मजमा लगा रहता है।
कब बनेगी बाकी रोड मैडम..
सवाल जिला प्रशासन से मात्र इतना सा है कि जिस रोड का शुभारंभ किया गया है उसको बनने में ही लगभग 1 वर्ष का समय लग गया तो आगे की रोड तो वैसे भी भगवान भरोसे है पर इतना जरूर है कि चार-पांच सालों में एक पूरा रूट कोल परिवहन के लिए अल्ट्राटेक कंपनी तैयार कर लेगी। क्योंकि कंपनी पर जिला प्रशासन के अधिकारी मेहरबान जो हैं, लेकिन लोकप्रिय संवेदनशील कलेक्टर मैडम यदि चाह लें तो यह रोड 1 महीने में तैयार भी हो सकती है। लेकिन उसके लिए मैडम को शासकीय आमजन हेतु बने रोड से कोल परिवहन पर प्रतिबंध लगाना होगा। जो कि साहबान के लिए लगभग नामुमकिन है भले ही उस के चक्कर में टूटी हुई सड़कों से Cm शिवराज सिंह चौहान की साख पर बट्टा ही क्यों ना लग जाए वो साहबान को मंजूर होगा। सवाल यह भी उठता है कि जिला प्रशासन की कंपनी में मेहरबानी कंपनी का शहडोल जिले के संसाधनों का भरपूर नियम विरुद्ध उपभोग के बावजूद भी शहडोल जिले के जनप्रतिनिधि खामोश क्यों हैं । खैर अब देखना यह भी होगा कि जिला प्रशासन कोई कदम उठाता है या इस पर भी आमजन को ही सड़क पर उतर कर विरोध करना होगा। और मामला जब मुख्यालय की गलियारों से राजधानी की गलियों तक गुलजार होगा तब प्रशासन क्या कदम उठाएगा।
इनका कहना है
जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है इस संबंध में शहडोल रेल प्रबंधन के स्थानीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये जायेगें।
अंबिकेश साहू
जनसंम्पर्क अधिकारी, एसईसीआर बिलासपुर रेलवे जोन
सड़क के अंश भाग के निर्माण व शुभारंभ जानकारी है, निश्चित तौर पर जब तक अन्य सड़क का निर्माण नही होगा तब तक वाहन नपा की सड़क से होकर गुजरेगें इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों एवं परिषद् से चर्चा उपरांत ही मै कुछ बता पाउगा।
अमित तिवारी
सीएमओं नगरपालिका शहडोल
अगले अंक में पढ़ें....
मैडम बनी कम्पनी पीआरओ,अनुमति नहीं लेकिन रोक भी नहीं.....सख्त हिदायत तक सीमित मामला
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