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नाबालिग से दुष्कर्म का एक वर्ष से फरार आरोपी गिरफ्तार





गजेन्द्र परिहार

शहडोलः कुमार प्रतीक, पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा महिला संबंधी अपराधों की समीक्षा के अंतर्गत प्रकरण की लगातार समीक्षा की जा रही थी तथा फरार आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करके प्रकरण के निकाल हेतु थाना प्रभारी को निर्देश दिए गए थे। जिसके तारतम्य में नाबालिग से दुष्कर्म के 1 वर्ष से फरार आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।  घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 10/04/2022 को थाना देवलोंद में फरियादी द्वारा सूचना दी गई थी कि उसकी 14 वर्षीय पुत्री विगत दो दिनों से अपने घर से लापता है। थाना देवलोंद पुलिस द्वारा फरियादी की सूचना पर तत्काल मामला पंजीबद्ध कर लड़की की तलाश हेतु प्रयास प्रारंभ किये गए। पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए 5000 रूपये का ईनाम उद्घोषित किया गया था। पुलिस द्वारा लगातार प्रयास करते हुए अपहृता को दिनांक 28/02/2023 को आरोपी किशन सिंह गौड़ (बादी) के पास ललितपुर (उ.प्र.) से दस्तयाब किया गया। अपहृता से पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि दिनांक 08/04/2022 को राधे उर्फ विकास उर्फ राधेलाल गौड़ (बादी) निवासी ग्राम मौहार थाना कोठी जिला सतना (म.प्र.) का शादी करने का प्रलोभन देकर अपने साथ ग्वालियर लेकर गया था, जहां पर वह उसके साथ कुछ दिनों तक साथ रही। इस दौरान आरोपी उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म करता था। इसके बाद अपहृता किशन बादी के साथ चली गई थी जो किशन बादी उसे पत्नी बनाकर रखा था। अपहृता के कथन के आधार पर प्रकरण में पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध बलात्कार एवं पॉक्सो एक्ट की धाराओं का ईजाफा किया गया एवं आरोपी किशन सिंह गौड़ (बादी) निवासी सितपुरा थाना नागौद जिला सतना (म.प्र.) को दिनांक 01/03/2023 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया था। मामले में मुख्य आरोपी राधे उर्फ विकाश उर्फ राधेलाल बादी घटना के बाद से लगातार फरार चल रहा था। उक्त फरार आरोपी की पता तलाश एवं शीघ्र गिरफ्तार हेतु पुलिस अधीक्षक शहडोल कुमार प्रतीक द्वारा निर्देश दिये गए थे। इन्हीं प्रयासों के दौरान दिनांक 06/06/2023 को फरार आरोपी राधे उर्फ विकाश उर्फ राधेलाल बादी के अपनी रिश्तेदारी में ग्राम नादो तरफ जाने की गोपनीय सूचना प्राप्त हुई। सूचना के आधार पर पुलिस ने बाणसागर बस स्टैंड के पास में नाकाबंदी की गई एवं आरोपी को पकड़ लिया गया। आरोपी से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर उसने जुर्म करना स्वीकार किया। आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। 



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