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स्वतंत्रता दिवस शुष्क दिवस घोषित फिर भी शराब ठेकेदार कर रहा बिक्री, कलेक्टर के आदेश का नहीं चल रहा जोर

 

मानवता शर्मशार, स्वतंत्रता दिवस के दिन भी रिक्शा में ले जाना पड़ा रिक्शे में ले जाना पड़ा बेटे को मृत मां का शव 



निजी कंपनी को फायदा दिलाने बंटाधार हुई शहडोल की सड़कें, नियम विरुद्ध परिवहन को अधिकार क्षेत्र के बाहर मिली अनुमति



जनसंपर्क के समाचारों तक सीमित विकाश, तो क्या अधिकारी  विहीन हुआ शहडोल नहीं कोई माई बाप

शराब बेचता कथित सेल्स मैन 



कमरे में कैद हुआ शुष्क दिवस के दिन शराब बेचने का पूरा मामला,



इंट्रो :जिला प्रशासन के आदेश निष्क्रिय, भू माफियाओं का बोलबाला, निजी कंपनियों को फायदा दिलाने आम जनता की सुविधाओं पर डाका, दंडात्मक मामलों में निर्णय से पूर्व ही मिठाई बटना, शहडोल से महाकौशल तक की चर्चाएं.. स्वास्थ्य एवं अन्य व्यवस्थाओं का टोटा मानवता का शर्मसार होना, शासकीय स्कूलों का जर्जर होना, खनिज माफियाओं का बेलगाम होना जैसे कई सवालों का जवाब शहडोल ढूंढ रहा है। कम शब्दों में कहें तो जिले के स्थिति अंधेर नगरी चौपट राजा से प्रतीत हो रही है।





रिक्शे में शव ले जाता मजबूर बेटा


शहडोल: जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाए तो ऐसा प्रतीत होता है की शहडोल सक्षम अधिकारी विहीन हो गया है या फिर अधिकारियों की कोई सुन ही नहीं रहा है या कह ऐसा भी सकते हैं की जो जैसा चल रहा सब चाह रहें चलता रहे कोई चाहता ही नही की व्यवस्थाएं सुधरे या आम जन के हित में व्यवस्थाओं का विस्तार हो..!! खैर हम आज गौरवशाली स्वंत्रता दिवस आज 15 अगस्त की बात कर रहें थे जिसे जिला प्रशासन द्वारा शुष्क दिवस घोषित किया गया। लेकिन बेचारी कलेक्टर मैडम उनका आदेश उन्ही के अधीनस्थ विभाग प्रभावशील नहीं करा पाया और लाइसेंस धारी शराब ठेकेदार दुकान के बगल से शराब दुकान संचालित करा दी और सेल्स मैन ने शराब की बिक्री शुरू कर दी। हालांकि मीडिया को जब तक जानकारी मिलती तब तक कथित ठेकेदार के गुर्गे भी सतर्क हो गए  लेकिन फिर भी हमारी टीम के साथ बातचीत करने का और शराब बेचने का पूरा वाक्य कमरे में कैद हो गया। बेचारे सेल्स मैन ने कैमरा भापने के बाद बात संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन शराब बेचने का जो वीडियो हमारे कैमरे में हमारे रिपोर्टर को शराब बेचते हुए कैद हुआ उसने विभाग और कलेक्टर दोनों के आदेश की पोल खोल कर रख दी है। और दूसरी ओर जहां देश 77 वा गौरवशाली स्वतंत्रता दिवस मना रहा है एक बेटा अपनी बुजुर्ग मृत मां के शव को रिक्शे में ले जाने को मजबूर है। हालांकि कुछ समय पूर्व में एक घटना प्रकाश में आई थी जिसमें बाइक पर सोने जाने का मामला प्रकाश में आया था तब व्यवस्था करने की बात जिला प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा की गई थी लेकिन व्यवस्था नहीं सुधरी आलम जस के तस है। 

रिक्शे में मां का शव ले जाता मजबूर बेटा


शुष्क दिवस का आदेश सुस्त 

स्वतंत्रता दिवस की सुबह हमारी टीम को गोहपारू खान नदी के स्थानीय लोगों द्वारा दूरभाष में सूचना दी जाती है कि खाना भी शराब दुकान के ठेकेदार द्वारा शुष्क दिवस के बाद दिन दुकान के बाहर से शराब बेची जा रही है। भारी मात्रा में शराब भंडारण कर विक्रय किया जा रहा। प्रमाण स्वरूप स्थानीय लोग शराब बिक्री का वीडियो हमें भेजते हैं। शहडोल से हमारी टीम मामले की हकीकत जानने वहां पहुंचती है । तब तक हमारी टीम पर लाइसेंसी शराब दुकान के सेल्समैन कर्मचारियों को शक हो जाता है सर आपका पूरा जखीरा जो दुकान के बाहर रखा हुआ होता है उसे शराब दुकान के बगल में ही एक कमरे में शिफ्ट कर दिया जाता है। हमारी टीम के लोग जब खुफिया कैमरा लेकर कथित सेल्समैन से ठंडी बीयर की मांग करते हैं तो सेल्समैन सफाई देते हुए कहता है कि दुकान सील है तो आज बियर नहीं मिल पाएगी, क्योंकि फ्रीजिंग मशीन अंदर है, शराब में कई वैरायटी उपलब्ध है जैसे गोवा मैक डावल इंपीरियल ब्लू एवं अन्य... कुछ थोड़ी बहुत बातचीत के बाद खुफिया कैमरे के सामने ही कथित सेल्समैन  इंपीरियल ब्लू का क्वार्टर लाकर हमारी टीम को₹250 में विक्रय करता है। कार में रखी माइक आईडी देख एक व्यक्ति सेल्समैन को इशारा करता है तो सेल्समैन बात बदलते हुए बहाने बनाने की कोशिश करता है। बातचीत करने पर खुफिया कैमरे के सामने ही ठेकेदार का नंबर और नाम हमें बताता है। और इस मामले की सूचना हम दूरभाष में आबकारी विभाग के आलाकमान को देते हैं बाद स्थानीय आबकारी विभाग के अमले को भी सूचना दी जाती है। अब बताया यह जाता है कि ठेकेदार के गुर्गे आसपास के लोगों पर गाली गलौज करते हैं की सूचना तुमने दी। दोपहर की सूचना पर शाम को आबकारी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं और शाम 7:00 बजे बताया जाता है कि कुछ भी बरामद नहीं हुआ। जिला आबकारी का अधिकारी कहते हैं मैं कल देखता हूं। जबकि हमारे सूत्र बताते हैं कि विभाग के मैनेजमेंट से ही यह पूरा खेल चल रहा था और कलेक्टर के आदेश को धता बताया गया क्योंकि विभाग के अधिकारी जो कार्यवाही करने पहुंचे थे वह जी लाइसेंसी दुकान के बगल में शराब का जखीरा रखा था वहां न जाकर लाइसेंसी शराब दुकान के सामने बनी एक गुमटी में जांच कर कुछ न मिलने का पंचनामा पूर्ण कर खानापूर्ति कर लौट आए। सूत्र बताते हैं कि इस बीच लगातार विभाग के अधिकारी और ठेकेदार आपस में फोन पर संपर्क में रहें ठेकेदार के इशारे पर ही इस संदेह  पर कि सामने के दुकानदार ने मुखबिरी की है वही दबिश दे दी गई।

फिर नही मिला शव वाहन,मानवता शर्मशार 


भले ही देश को आजाद हुए 76 साल हो गए लेकिन आज भी लोगो को आज भी आजादी नही मिली, और लोग गुलामी की जिंदगी जीने को विवश है। सरकार के दावों की पोल खोलती यह तस्वीर मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के बुढार ब्लाक से सामने आई है। जंहा माँ की मौत के बाद शव वाहन नही मिलने से विवश आज एक आदिवासी बेटा अपने माँ के शव को रिक्से में लेकर 5 किलो मीटर का सफर तंय कर बुढार अस्पताल से पीएम करा घर लाया और ले गया, इस दौरान आजादी का जश्न मना रहे लोग इस तस्वीर को देख सरकार को कोसते नजर है।  मामला जिले के बुढार ब्लाक के चिटुहला ग्राम के रहने वाले आदिवासी समुदाय के कैलास कोल की 70 वर्षीय माँ की कुए में डूबने से मौत हो गई थी, जिसका पीएम कराने के लिए  बेटा कैलास शव वाहन के लिए यहां वहां भटकता रहा, जब वाहन उपलब्ध नही हुआ तो विवश बेटे ने माँ के शव को एक रिक्सा में रखकर 5 किलो मीटर का सफर तंय कर आबादी के बीच बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर शव का पीएम करा वापस रिक्से में घर ले गया, शव वाहन नही मिलने से नारजा बेटा सराकर को कोसते नाजार आया ...।



प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल

जिला प्रशासन के आदेश को धता बताने का मामला हो या फिर मामला हो मानवता को शर्मसार होने का यह मामले कोई नए नहीं है। लगभग 2 माह पूर्व भी मजबूर बाप द्वारा बेटी का शव मोटरसाइकिल में ले जाने का एक्सक्लूसिव वीडियो हमने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से आधे घंटे की स्टोरी के माध्यम से आप सबके सामने प्रकाश में लाई थी। बड़े-बड़े दावे हुए थे लेकिन दावे की पोल कुछ ही महीना में खुल गई। इतना ही नहीं शहडोल नगर व जिले की प्रमुख सड़कें बीते एक माह में सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हुई हैं। और जो सड़के अच्छी थी उसे भी शहडोल के आल अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर होने के बावजूद नियम विरुद्ध परिवहन की अनुमति दी अब उन सड़कों की स्थिति भी देखने लायक है। खैर कम शब्दों में कहें तो अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर शहडोल है। प्रशासनिक अधिकारी कुछ करते नहीं या फिर कोई उनकी सुनता ही नहीं यह एक बड़ा सवाल है। लेकिन चांदी काट रहें तो शहडोल में कार्यरत निजी कंपनियां जिनका जनसरोकार  और सेवा से कोई लेना देना नही। और उनकी शिकायतों से मानो अधिकारियों का कोई लेना देना नहीं। कुछ विचारणीय पहलू है जैसे की  दंडात्मक फैसलों के निर्णय से पूर्व ही मिठाई बट जाना, कोल प्लांट अनुमति में 20 लाख की चर्चा, महाकौशल से विराटनगर का संचालन..सहित अन्य जिन पर समय रहते विचार नहीं किया गया तो शहडोल प्रशासनिक व्यवस्थाओं का यह कार्यकाल शहडोल के इतिहास में काला  कार्यकाल बन सकता है। खैर पूर्व की भांति ही इन मामलों में हम जनसरोकार और शहडोल हित,निजी कंपनी की मनमानी के खिलाफ कलम की जंग जारी रखेंगे। शेष...

इनका कहना है...

शुष्क दिवस घोषित है ,शराब ठेकेदार द्वारा शराब बिक्री करने का मामला प्रकाश में आया है। मैं इस संबध में आबकारी विभाग से बात करती हूं। 

वंदना वैध

कलेक्टर,शहडोल 

आप के माध्यम से जानकारी संज्ञान में आई थी टीम भेजी गई थी मौके पर जांच हेतु, वहा मौके में कुछ नही मिला हम क्या कर सकते हैं कल मैं जा के देखता हूं।  

सतीश कश्यप 

आबकारी अधिकारी शहडोल







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