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तो क्या सच है मैनेजमेंट की चर्चा, टल गया रहीम का जिला बदर मिल गया खर्चा

क्या दोहरी कानून व्यवस्था, अनीष जिला बदर रहीम की अटक रही बार-बार फाइल 

राम जायसवाल


ये अंधा कानून तो फिल्मों में सुन रखा था लेकिन दोहरा कानून शहडोल में जिलाबदर के लंबित प्रकरणों में देखने को मिल रहा है। जहां एक कबाड माफिया पर जिलाबदर की कार्यवाही हुये कई महीने बीत चुके है तो दुसरे माफिया की फाइल किसी न किसी कारण से बार-बार अटक रही है। हम यह नहीं कहते कि अधिकारी फाइल अटका रहें है पर तो कोई तो है जो रहीम को बचा रहा है हालाकि जबलपुरिया मैनेजमेन्ट की चर्चा जमकर आम है।

शहडोलः शहडोल कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्रीमती वंदना वैद्य पर जिले में निष्पक्ष निर्वाचन की जिम्मेदारी है, मैडम जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुये ताबडतोड आदतन अपराधियों को जिले की सीमाओं से खदेड़ रही हैं अर्थात जिलाबदर की कार्यवाही कर रही है लेकिन अखबार की सुर्खिया बटोर रहा बहुचर्चित कबाड़ माफिया रहीम की फाइल न जाने क्यों बहुचर्चा के बाद भी बार-बार अटक जा रही है। और यदि फाइल ऐसे ही अटकती रही और किसी दिन माफिया की रंगदारी आर्दष आचार संहिता के आडे़ आ गई तो गंेहू के साथ घुन की तर्ज पर बचाने वाले भी हाथ मलते न रह जाये।


क्या फिर बडे हादसे का है इंतजार

हाल ही में संभाग मुख्यालय के समीपी ग्राम बंधवा बड़ा से घर के आंगन में खड़ा ट्रैक्टर चोरी कर कबाड़ ठीहे में काट डाला गया, इसके पहले धनपुरी में बंद खदानों से कबाड़ की चोरी के प्रयास में आधा दर्जन बेरोजगार युवाओं की जान चली गई, ऐसे कितने ही मामले हैं जब बेशकीमती मशीनों के कल पुर्जे कबाड़ के रूप में चोरी कर ट्रकों में बाहर भेजते पकड़े गए। यह सब कुछ एक लंबे अरसे से चल रहा है जिस पर न तो पुलिस अब तक नियंत्रण स्थापित कर पाई और न ही प्रशासन इस अवैध कारोबार में जुड़े लोगों के विरुद्ध कोई कार्यवाही कर पाया है। ऐसे हालात में रहीम कबाड़ी जैसे नामचीन कबाड़ माफिया अपना वर्चस्व नहीं बनाएंगे तो और क्या होगा....? यहां तक कि जिला बदर की कार्यवाही प्रस्तावित होने के बाद भी निर्णय के अभाव में ऐसे तमाम अवांछित गतिविधियां चलाने वाले कथित अपराधी सरेआम प्रशासन का मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं।


कौन है रहीम का आका 

शहडोल जिला व संभाग के विभिन्न नगरों कस्बों तथा रेलवे, कोलमाइंस एरिया में अपनी जड़े जमा चुके कबाड़ कारोबारी रहीम इन दिनों टॉप पर चल रहा और कबाड़ माफियाओं का बॉस बना हुआ है। बाकी अन्य कबाड़ी रहीम के पीछे चल रहे हैं और उसका साथ दे रहे हैं। बुढार व धनपुरी कोयलांचल क्षेत्र में भी पुराने सारे कबाड़ कारोबारी अब एक ही झंडा के नीचे आने को मजबूर देखे जाने लगे हैं और उसकी मुख्य वजह यह बताई जाती है कि कथित माफिया की ऊपर तक अच्छी और जबरदस्त सेटिंग बन चुकी है। लोगों का तो यहां तक कहना है जिले का कबाड़ माफिया अब जिला प्रशासन के बस की बात नहीं रह गया है क्योंकि यदि उस पर कार्यवाही हुई तो इसका असर ऊपर तक पड़ सकता है।


स्थापित है बड़ा साम्राज्य

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त कथित कबाड़ कारोबारी का नेटवर्क उमरिया और अनूपपुर जिले के उन सभी स्थानों पर चल रहा है जहां कबाड़ के रूप में बेशकीमती लोहे और मशीनरी कल पुर्जों की आमद हो सकती है। इसके अलावा एक और धंधा भी चल रहा है जिसमें उक्त कारोबारी द्वारा पुरानी क्रेशर मशीन खरीद कर उन्हें कबाड़ में बेचा जा रहा है। कबाड़ कारोबार की बात अगर यही तक होती तो एक बार ठीक भी माना जा सकता था लेकिन हाल ही में चोरी हुए ट्रैक्टर को कटी अवस्था में कबाड़ ठीहे पर पाया जाना कुछ और भी कहानी बयां करता नजर आता है। इन्हीं कथित माफियाओं के इशारे पर चोरों ने चोरी करके ट्रैक्टर को कबाड़ी के हवाले किया और कबाड़ियों ने उसे काट डाला। यह भी नहीं सोचा कि उस ट्रैक्टर मालिक पर क्या गुजरेगी और जब पुलिस को इस बात की जानकारी होगी तो इसका परिणाम क्या होगा। 


इनका कहना है

सोहागपुर में बढते अवैध कबाड कारोबार के संबंध में जानकारी हेतु थाना प्रभारी सोहागपुर को उनके दूरभाष में सम्पर्क किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।

भूपेन्द्रमणि पाण्डेय

थानाप्रभारी, सोहागपुर


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