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कोयलांचल में सक्रिय फर्जी चिटफंड गिरोह, मुकेश ने संभाली सुखनंदन के धोखाधड़ी की कमान

 

चेहरा बदल पर्दे के पीछे से सरगना इन्वेस्टमेंट के नाम पर कर रहा कोल श्रमिको से ठगी 

बड़ी कंपनी के बैनर तले पहले कोल श्रमिक की एफडी खुलवाए जाने बाद  ओवरड्राफ्ट से पैसे निकालकर उसके साथ धोखाधड़ी करने वाला ग्रुप शहडोल जिले के कोयलांचल,बुढार, धनपुरी, अमलाई क्षेत्र में सक्रिय है, हाल ही में पुलिस ने ऐसे ही कुछ लोगों पर कार्यवाही की थी जिसमें मुख्य सरगना अभी भी फरार है लेकिन परदे के पीछे से नाम बदलकर वही मुख्य सरगना अब फिर से मकड़ जाल फैला कर इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों के साथ ठगी कर रहा है। जिस पर जांच और कार्यवाही की आवश्यकता है । 

शहडोलः धन संपदा से परिपूर्ण जिले के धन की नगरी धनपुरी में धन के लुटेरों ने अपना कब्जा जमा लिया है, और इन धन के लुटेरे के सहायक बने शहडोल के तथाकथित दलाल एक तो धनपुरी का चाचा और उसके कुछ सहयोगी फिर सबने मिलकर ऐसा मकर जाल फैलाया की लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा लोग ठगे गए ठगे जाने के बाद इस बाद की भक और शिकायत पुलिस पुलिस तक पहुंची तो पुलिस ने इस आशा में कार्यवाही करते हुए कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया बताया जाता है कि इस पूरे मामले में फर्जी कंपनी के मुख्य सरगना सुखनंदन पर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया जिसके बाद सुखनंदन फरार हो गया। इसके बाद कुछ समय के लिए यह फर्जीवाड़ा रुक गया लेकिन अब चर्चा फिर आ रही है कि कथित सरगना अपने गुर्गे मुकेश के नाम से अपने पुराने गुर्गों के समूह को एक्टिव कर फर्जी वाला के काम में फिर से लगा दिया है।


फिर शुरू धोखाधडी का सिलसिला 

पुलिसिया कार्यवाही के बाद धोखाधडी का यह सिलसिला लगभग थमसा गया था लेकिन समय के साथ गिरोह फिर सक्रिय हुआ बताया जाता है कि गिरोह का मास्टर माइंड इन दिनांे अपने खास गुर्गे मुकेष को निवेष सलाहकार के रूप में प्रस्तुत कर निवेष के नाम पर पुराना खेल फिर से गुलजार कर रहा है। गौरतलब है कि पूर्व में धोखाधडी के मामले सामने आये थे जिसके बाद करीब चार माह तक काम या यू कहे फर्जी वाडा बंद था अब कार्यालय और नाम बदलकर बड़ी नामचीन इंष्योंरेस कम्पनी के नाम से एफडी फिर खुलने लगी और सिलसिला फिर शुरू हुआ। 


ऐसे होती है श्रमिकों के साथ ठगी

तफ्तीस में सामने आया कि कथित मास्टर माइंड सरगना द्वारा कोयलांचल में नामचीन कम्पनी के अभिकर्ताओं के नाम पर एक फौज तैयार की गई है। सुबह 10 बजे से सूट-बुट में लग्जरी गाडी लेकर ये कथित अभिकर्ता अपना षिकार ढूड़ने निकल जाते है। सेवानिवृत कोल श्रमिक इनका पहला निषाना है तो रामपुर प्रोजेक्ट में मुआवजा प्राप्त किसानों को भी ये अपना निषाना बना रहे है। एफडी के नाम पर पहले कथित किसानों अथवा श्रमवीरों से लाखों का इनवेस्टमेंट प्रतिमाह फायदे का लालच दिखाकर लिया जाता है एफडी खुलवाने के बाद ओव्हर ड्राफ्ट लिमिट बनाकर कथित अभिकर्ताओं का सरगना एफडी की लगभग 90 प्रतिषत राषि निकाल लेता है। एफडी धारक को संका न हो इस हेतु प्रतिमाह 10 से 20 हजार रूपये नगद का रिर्टन दिया जाता है। 


कैसे काम करता है सरगना

प्राप्त जानकारी के अनुसार कथित बेरोजगारों की फौज बनाकर प्रतिमाह 25 से 30 ग्राहकों की एफडी खोली जाती है। बाद इसके ओवर ड्राफ्ट की पूरी रकम सरगना कुछ बेनामी खातों में ट्रान्सपर कर लेता है। बाद इसके कुछ रकम डिमेट एकाउंट के सहारे शेयर बाजार में इंवेस्ट किये जाते है। गौरतलब है कि कथित सरगना मान्यता प्राप्त शेयर मार्केंट ब्रोकिंग संस्था का कर्मचारी भी दिखावे के लिये है। यही नहीं कई व्यापारियों, नेताओं, पत्रकारों को भी शेयर बाजार की टिप नगद लेकर पास करने की चर्चा भी है। बताया जाता है कि धनपुरी के कथित नेताजी नामक चाचा और मुकेष सहित कुछ अन्य गुर्गे कथित सरगना के खास बताये जाते है और इन्ही के सहारे नाम बदलकर फर्जी वाडा का यह धंधा फिर गुलजार हुआ है।


इनका कहना है

इस संबंध में जानकारी के लिये धनपुरी अनुभाग के एसडीओपी से दूरभाष में सम्पर्क साधा गया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।


अभिनव मिश्रा

एसडीओपी, धनपुरी  


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