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दलाल से दादा बना माफिया डेविड, पटवारी हत्याकांड मामले में जांच से जद से बाहर...

आधी रात बिना फोर्स पटवारियों को भेजने के मामले में तहसीलदार पर उठ रहे है सवाल 


पटवारी हत्याकांड मामले में समय के साथ नया मोड आ रहा है। पहले तो मृतक पटवारी के परिजनों और पटवारी संघ ने स्थानीय प्रषासन की कार्यषैली पर सवालिया निषान लगाए बाद इसके सतना से शहडोल स्थानांतरित होकर पहुचे नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा प्रति गाडी वसूली को लेकर चर्चाे में आये तो वही मामले में दलाल से दादाभाई तक का सफर करने वाले माफिया या यू कहे की पंजा छाप माफिया और फूल छाप कथित विधायक दावेदार के जुगलबंदी से अवैध खदान संचालन की चर्चाए भी आम हुई इस बीच गिरफ्तार टेªक्टर चालक के परिजनों ने झूठा केष ठोकने का आरोप भी लगाया, कम शब्दों में कहें तो उक्त हत्याकांड मामले में तहसीलदार और जिलाप्रषासन की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है और नामचीन ख्याति प्राप्त डेविड जैसे माफियाओं पर जिलाप्रषासन द्वारा संरक्षण के आरोप लग रहे है।

शहडोलः पटवारी हत्याकांड मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये फिल्मी तर्ज पर मानों बडे रसूखदार माफियाओं और वसूली में संदिग्ध अधिकारियों को बचाने छुट-पुट रेत कारोबारियों की बली दी जा रही है। जबकि लगभग 96 घण्टे बीतने के बाद या यू कहंे कि मृतक पटवारी के परिजनों द्वारा लगाये गये आरोपो एवं पटवारी संघ द्वारा ज्ञापन में किये गये मांग कि दोषी अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर कार्यवाही हो के बाद स्थानीय राजस्व अमला कटघरे में प्रतीत हो रहा है। राजस्व अमले में कथित अधिकारी नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा जमकर चर्चो में बने हुये है। तो वहीं सोषल मीडिया चौक चौराहो पर चर्चा है कि कथित अधिकारी द्वारा अवैध रूप से खदान का संचालन पुराने कर्म स्थल के खादीदारी माफिया से मिलकर सीधी के माफिया के साथ कराया जा रहा था।


चर्चा का केन्द्र बना नायब तहसीलदार 

पटवारी हत्याकांड में नया-नया मोड और तथ्य निकलकर सामने आ रहे है तो वहीं वारदात के चार दिन बाद हाल ही में सतना से शहडोल ट्रांसफर होकर पहुचे नायब तहसीलदार कि कार्यषैली को लेकर विभिन्न प्रकार की चर्चाए आम है, चर्चाओं की माने तो जुगाड जमाने में एक्सपर्ट कथित तहसीलदार ने जोड-तंगोड के जिले के अधिकारी से अपना संबंध निकाले और फिर देवलोद क्षेत्रअंतर्गत बडे पैमाने में अवैध रेत का कारोबार प्रारंभ हुआ। हालाकि हम जनचर्चाओं की पुष्टि नहीं करते लेकिन चर्चा तो यहां तक है कि मउ के एक पंडित जी के माध्यम से ब्यौहारी के चार-पाच वाहन स्वामी लाल साहबों एवं अन्य वाहन स्वामियों से वारदात के तीन दिन पूर्व तक कथित पंडितजी ने वसूली कर साहब तक पहुंचाई थी और साहब अपनी लालच को साकार रूप देने नियम विरूद्ध शासकीय सेवकों से अवैध खदान से चल रहे थे एवं वाहनों का लेखा-जोखा रखवाते थे तो आये दिन जिन गाडियों का नजराना साहब तक नहीं पहुंचता था उनपर दवाब बनाने कि जिम्मेदारी साहब ने अपने अधिनस्त शासकीय सेवको तक दे रखी थी। जिसको लेकर विवाद की स्थिति भी उत्पन्न होती थी।


सतना सीधी से जुड़ रहे तार 

तो वहीं ब्यौहारी में पहले अवैध रेत उत्खनन के सामाज्य के तार सीधी और सतना से जुडे हुये बताये जा रहे है, बताया जाता है कि लगभग तीन वर्ष पूर्व सीधी के कथित रेत के दलाल या यूं कहंे पंजा छाप माफिया और सतना के मैहर क्षेत्र के कथित फूल छाप खद्दर धारी माफिया के बीच जिले के एक घाट को लेकर पार्टनषिप तय हुई फिर कथित माफिया बंधुओं की जोडी ब्यौहारी से लेकर रीवा तक मसहूर हुई और जब शहडोल में रेत का नया टेन्डर नहीं हुआ तो यूपी के पुराने ठीहों पर रेत आपूर्ति के लिए कथित माफिया बंधुओं ने क्षेत्र में बडे पैमाने पर अवैध रेत का कारोबार प्रारंभ किया। हालाकि इस बार कथित दोनों माफिया बंधु फूल और पंजे की अनूठी जोडी ने चल रहे निर्वाचन को मद्देनजर रखते हुये पर्दे के पीछे से कारोबार संचालित करने का निष्चय किया। और मैनेजमेंट की पूरी कमान अदने से अधिकारी को सौप दी गई।


आरोपो का सिलसिला जारी

पटवारी हत्या कांड मामले में आरोपो का सिलसिला लगातार जारी है एक ओर जहां पटवारी संघ ने दोषी अधिकारियो और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर स्थानीय अधिकारियों की रेत माफियाओं से संलिप्तता पर अप्रत्यक्ष रूप से पुष्टि की मोहर लगा दी तो दूसरी ओर गिरफ्तार टैªक्टर चालक के परिजनो ने बड़ माफियाओ के संरक्षण हेतु गरीब ट्रैक्टर चालक जोकि घर में सोया हुआ था को मोहरा बनाते हुये झूठे केष में फसाने एवं प्रमाण के तौर पर सीडीआर खंगालने की षिकायत मुख्यालय पहुंच अधिकारियों से दर्ज कराई। कम शब्दों में कहे तो पूरे मामले में यह प्रतीत हो रहा है कि संलिप्त राजस्व अधिकारियों व अवैध खदान के अघोषित ठेकेदारो को बचाने मामला ठंडे बस्ते के हवाले करने का प्रयास जारी है। 


इनका कहना है

पटवारियों को एसडीएम के आदेष पर भेजा गया था बेहतर जानकारी के लिये आप उन्हीं से बात करें, मउ के पंडितजी के माध्यम से वसूली के संबंध में आप उन्हीं से बात करें तो ठीक रहेगा।

दीपक डकटे

प्रभारी तहसीलदार, ब्यौहारी


कलेक्टर मैडम का आदेष था कि कार्यवाही करनी है, लेकिन पटवारियों को कार्यवाही करने नहीं निरीक्षण करने भेजा गया था कि यदि आपको अनियमितता दिखती है तो सूचित करें। दीलीप शर्मा द्वारा वसूली के संबंध में चर्चाएं मुझे सत्य नहीं लगती, ऐसा नहीं है।

नरेन्द्र सिंह धुर्वे 

एसडीएम, ब्यौहारी


(वहीं इस संबंध में नायब तहसीलदार दिलीप शर्मा से उनके दूरभाष में संपर्क साधने का प्रयास किया गया दो बार पूरी रिंग जाने के बाद भी उनका फोन नहीं उठा संभवतः साहब...)


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