13 दिसंबर आधी रात से फिर मुख्यालय में हुआ गुलजार,अवैध रेत का काला कारोबार..!!
पयासी ने संभाला मोर्चा, माफ़ियावार बांटी गई मुख्यालय की तमाम अवैध खदाने..!!
शहडोल जिला मुख्यालय में रेत का टेंडर ना होने की वजह से विकास एवं निर्माण कार्य रुके हुए थे, ऐसे में फरिस्ता बनकर पयासी जी ने मोर्चा संभालते हुए जिला मुख्यालय के सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत तमाम रेत खदानों का बटनवार स्थानीय माफियाओ में किया, हालांकि यह एक मुश्किल कार्य था लेकिन पयासी जी ने हार नहीं मानी और 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अंतत नरवार पटासी श्यामडीह और नवलपुर धनगवा घाट हेतु सिर्फ चहेते चुनिंदा माफियाओं को 12-13 दिसंबर मध्यरात्रि से हरी झंडी दिखाई गई।
शहडोल। किसी शायर ने क्या खूब कहा है बर्बाद गुलिस्ता करने को बस एक ही उल्लू काफी है हर साख पर उल्लू बैठा है अंजाम गुलिस्ता क्या होगा.... शेर की इन दो पंक्तियों का सीधा तात्पर्य आप निकल सकते हैं उन भ्रष्ट कर्मचारियों से जो जिले के ईमानदार अधिकारियों की साख पर बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं..!! जिले के बहुचर्चित पटवारी हत्याकांड को कुछ ही में दिन बीते हैं बावजूद इसके जिला मुख्यालय के स्थानीय थाने में पदस्थ बहुचर्चित पुलिस कर्मचारी एक बार फिर थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न खदानों के अवैध रूप से संचालन को लेकर चर्चा में आया। कथित कर्मचारी के हौसले इस कदर बुलंद रहे की अपनी लालच को परिपूर्ण करने स्थानीय प्रभारी से मिलकर उसने काली रात में सुनहरे रेत के काले कारोबार को फिर से हरी झंडी दिखाई गौरतलब है कि ब्यौहारी के गोपालपुर में पटवारी की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या के बाद मुख्यालय में भी लगभग रेत का अवैध उत्खनन परिवहन बंद हो चुका था जो 12 और 13 दिसंबर की दरमियानी रात से विधिवत प्रारंभ हुआ और चर्चा में आया सोहागपुर में पदस्थ बहुचर्चित पुलिसकर्मी।
कम गाड़िया ज्यादा घाट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईमानदार पुलिस कप्तान की नजरों में यह अवैध कारोबार ना आए इसलिए पटवारी हत्याकांड के बाद जो अवैध उत्खनन लगभग थम गया था उसे पयासी नामक व्यक्ति द्वारा मोर्चा संभालते हुए पुनः सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुलजार किया गया लेकिन इस बार पद्धति यह अपनी गई की गाड़ियों की संख्या कम करने घाटों की संख्या बढ़ा दी गई। जिसमें विधिवत यह तय हुआ कि सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न खदानों में अलग-अलग घाटों से महज 5 से 6 मिनी ट्रक एवं कुछ ट्रैक्टर ही रात भर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन करेंगे जिनका वाहन क्रमांक पयासी जी के विशेष डायरी में दर्ज होगा.. तो वही डायरी के अलावा कोई अन्य वाहन घाट में ना भटके इसके लिए विभिन्न घाटों में एक-एक माफिया विशेष की तैनाती भी की गई तो इसी माफिया-विशेष की जिम्मेदारी यह भी होगी की विभिन्न वाहनों से तय किए गए शुल्क की वसूली प्रतिदिन के अनुसार कर पयासी जी के पास तक पहुंचाना..!! इतना ही नहीं यदि तय किए गए अवैध घाटों के अलावा किसी अन्य घाट से कोई रेत का परिवहन करता है तो उस पर प्रभारी द्वारा गठित विशेष टीम द्वारा तत्काल प्रभाव से कार्यवाही का भी प्रावधान है।
इन्हें मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुभवी बहुचर्चित वसूली किंग कहे जाने वाले पयासी जी ने विभिन्न अवैध रेट की खदानों पर अपने विशेष नुमाइंदों की तैनाती की है इसमें नरवर अवैधृत खदान की जिम्मेदारी चुम्मन को दी गई है.. तो चुम्मन के मिनी ट्रक के अलावा अन्य 5-6 मिनीट्रक संचालक छेकपाल,राहुल खटीक,सोनु महाराज, मोनू सिंह व एक अन्य लाल साहब का नाम शामिल है इसके अलावा कोई भी ट्रेक्टर संचालक नियमानुसार चुम्मन की अनुमति से अवैध खनन ओर परिवहन में भागीदार बन पाएगा..। तो इसी तर्ज पर पटासी और शायमडीह की जिम्मेदारी पयासी जी के खास और पूरे खेल का मास्टर माइंड बताये जाने वाले रहमान को मिली है तो पटासी ओर श्यामडीह से इश्लाम, नावेद, उवैश, बृजेन्द्र कोटमा व कुछ अन्य लोग काम कर सकेंगे ट्रैक्टरों के लिए नियम नरवार की भांति ही लागू होगा। एवं इसी तर्ज पर नवलपुर के धनगवा घाट की जिम्मेदारी लक्की को सौंपी गई है यहां से भूरा सोनू व अन्य काम करेंगे। ट्रैक्टर के रेट अन्य के भांति ही लागू होंगे।
ऐसी है पयासी की रेट सूची..
सूत्रों के अनुसार 12 दिसंबर की देर शाम जिला मुख्यालय के तमाम डग्गी एवं ट्रैक्टर संचालकों तक पायासी जी की नई रेट सूची रहमान व अन्य विभिन्न माध्यमों से पहुंचाई गई जिसमें यह बात निकल कर सामने आई की उल्लेखित विभिन्न अवैध घाटों से प्रति डग्गी प्रतिदिन 24 घंटे के हिसाब से ₹5000 रुपये तय बताये गए। तो वहीं यदि कोई महीने में पयासी जी से तय करता है तो उसे भारी डिस्काउंट अर्थात मात्र ₹50000 महीने में खुली छूट दी जाएगी। तो महीने की स्कीम का लुफ्त उठाने वालों में रहमान, चुंबन,फेक लाल एवं एक अन्य लाल साहब बताये जा रहे हैं। तो इसके अलावा ट्रैक्टरों से प्रतिदिन ₹2000 की बात निकाल कर सामने आई ट्रैक्टरों के लिए महीने की कोई स्कीम नहीं बताई जा रही है। बताया यह भी जा रहा है की पयासी जी द्वारा ट्रैक्टर और डाग्गियों में इस प्रकार का भेदभाव की ट्रैक्टरों के लिए महीने का हिसाब ना होना से ट्रैक्टर मालिकों में हताशा और निराशा है।
थानाप्रभारी की कार्यशैली पर सवाल
कुछ माह पूर्व सोहागपुर थाने की कमान थाना प्रभारी भूपेंद्रमणि पांडे द्वारा संभाली गई तब से अब तक सुहागपुर पुलिस विभिन्न मामलों में कार्यवाही न करने व साठगांठ से अवैध कारोबार संचालित करने को लेकर जनचर्चाओं से घिरी रही, हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि जिस प्रकार से दलाल और कथित माफिया सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मैनेजमेंट और कार्यवाही न होने का दाम बढ़ते नजर आ रहे हैं वह कहीं ना कहीं थाना प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल प्रतीत हो रहा है क्यों की कथित मैनेजमेंट किंग सोहागपुर थाने की गारंटी तो माफियाओं को दे रहा है लेकिन साथ ही कोतवाली थाना प्रभारी की ईमानदारी की जिम्मेदारी न लेने की बात कह रहा कि वहां साहब ईमानदार है जिम्मेदारी वाहन स्वामी की होगी। वहीं सूत्रों की माने तो कथित मैनेजमेंट किंग पयासी और उसके साहब के इस घटना क्रम की जानकारी लोकप्रिय संवेदनशील कप्तान को नही है फिर भी पयासी आल इस वेल का दम्भ भर रहा।
खाकी की छवि हो रही बदनाम
इस प्रकार से सिस्टम बैठाकर अवैध उत्खनन से कहीं ना कहीं स्थानीय पुलिसकर्मियों की वजह से खाकी की छवि धूमिल होती नजर आ रही है। अक्सर होता यही है कि इसी प्रकार से अलग-अलग घाटों में गिनती की गाड़ियां तैनात कर स्थानीय कर्मी मैनेजमेंट का सिस्टम बैठाते हैं और धूमिल पूरी खाकी होती है। हालांकि अवैध उत्खनन रोकना पुलिस का प्राथमिक दायित्व ना होकर खनिज विभाग का दायित्व है लेकिन शराब हो या रेत या फिर कोयला क्योंकि एक्टिव सिर्फ पुलिस विभाग है इसलिए बात हर बार विभाग की ओर ही आती है। ऐसे में जरूरी है कि ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर पुलिस कप्तान इन्हें अन्यत्र पदस्थापित करें ताकि इस प्रकार के अवैध कारोबार पर अंकुश लग सके और कोई भी पुलिस की ईमानदारी पर सवाल ना खड़ा कर सके।




.jpeg)
0 Comments