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क्या भाजपा सरकार तोड पायेगी कांग्रेस समर्थक माफिया डेविड का मकड़ जाल

पूर्ण हुई मतगणना आखिर कब पटवारी हत्याकांड मामले में बडे माफियाओं पर होगी कार्यवाही 


जिले के ब्यौहारी अंतर्गत पटवारी प्रसन्न सिंह हत्याकांड मामले में छुट-पुट आरोपियों पर तो कार्यवाही हुई लेकिन बडे आरोपियों पर कार्यवाही की गाज नहीं गिरी कांग्रेस के दिग्गज उल्लेखित हत्याकांड मामले को लेकर भाजपा सरकार को घेरते नजर आये और चुनाव जीतने के बाद वे ही माफिया कांग्रेस दिग्गजों के जीत का जष्न मनाते आभार प्रकट नजर आये। अब भाजपा को प्रदेष में पूर्ण बहुमत मिल चुका है तो फिर माफिया मुक्त अभियान के तहत नामचीन माफिया का फन कब कुचला जायेगा यह बडा सवाल है। 




शहडोलः शहडोल जिले के ब्यौहारी में माफियाअेां के हौसले कुछ इस कदर बुलंद थे कि कथित माफियाओं का संरक्षण पाकर उनके गुर्गो ने आन डयूटी पटवारी को ट्रैक्टर से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया और जिलाप्रषासन अपनी इस असफलता या कथित मिली भगत को छुपाते हुये बडे माफियाओं के स्थान पर छुट-पुट ट्रैक्टर चालकों तक कार्यवाही करते हुये मतगणना की दुसाला ओढकर मामले को ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया। अब देखना यह होगा कि जिलाप्रषासन के आला अधिकारी कलेक्टर एसडीएम के लम्बे हाथ अवैध उत्खनन के सरगना माफिया डेविड रोहित, संजय तक पहुंच पाते है या नहीं और चर्चित तहसीलदार आखिर कब तक मामले में जांच कि जद से बाहर रहेंगा।


तमाम माफियाओं का सरगना डेविड 


चर्चाओं की माने तो बीते तीन वर्षों में शहडोल के ब्यौहारी में कई माफियाओं का उदय हुआ जिसमें संजय, षिब्बू, रोहित, दीपू जैसे कई नाम चर्चे में आये लेकिन इनमें से एक नाम डेविड काफी मसहूर हुआ जिसके चर्चे विध्य के तमाम जिले तक गुंजे शहडोल, उमरिया,सीधी, सतना, सिंगरौली तक माफिया ने अपना रसुख फैलाया जिसमें सहायक बने कुर्सी सीन मामा जिन्होंने शहडोल संभाग के कार्यकाल में डेविड का नाम दबाने या यू कहे कि सुर्खियों में न आये अपने मीडिया संबंधों का भरपूर फायदा उठाया चूकि अनूपपुर दूर था तो वहां अपने साथी माफिया मानवेन्द्र की तैनाती डेविड द्वारा की गई और अब माफिया के मामा के अथक प्रयास से विध्य में डेविड की तूती बोल रही है।




प्राप्त है राजनीतिक संरक्षण 


लगभग दो वर्षो में विध्य के तमाम जिलों में माफिया डेविड का नाम चलने लगा हालाकि चेहरे से डेविड को कम ही लोग पहचानते है, कभी गाडियों की दलाली करते-करते जिस डेविड पर यूपी में मामला दर्ज हुआ था आज वो डेविड स्वयं को कानून व्यवस्था से उपर समझ बैठा है। आष्चर्य की बात तो यह है कि सोषल मीडिया में जो साहब उल्लेखित हत्याकांड की जमकर निंदा कर रहे थे उस हत्याकांड अथवा अवैध उत्खनन का मुख्य सरगना कथित साहब की गोद में ही दुबक कर बैठा है कम शब्दों में कहें तो कथित माफिया ने सीधी से कांग्रेस की ढाल तो सतना-मैहर से भाजपा का सुरक्षा कवच ओढ़ रखा है। हालाकि विज्ञापन और होडिंग ने माफिया और नेता गठजोड़ की पुष्टि तो कर ही दी है।



बडे़ माफियाओं पर कार्यवाही कब 


मतगणना पूर्ण हो चुकी है भाजपा को बहुमत भी मिल चुका है भाजपा सरकार तो शुरू से माफिया विरोधी रही है ऐसे में इस प्रकार से माफियाओं का हौसला बुलंद होना एवं तहसीलदार से मिलीभगत की चर्चा आम होना और कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है। चर्चाओं की माने तेा ब्यौहारी में तमाम अवैध खदानों का संचालन कथित माफिया डेविड द्वारा अपने गुर्गे रोहित के माध्यम से कराया जा रहा था बडे पैमाने में अवैध उत्खनन चल रहा था लेकिन कार्यवाही सिर्फ ट्रैक्टर चालको तक ही सीमित है बताया यह भी जाता है कि भाजपा सरकार में कथित माफिया पर कार्यवाही न हो इस लिए माफिया ने अपने पुराने पार्टनर नवनिर्वाचित विधायक को इसकी जिम्मेदारी सौप रखी है।





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