जाने- अनजाने में आप भी तो नहीं दे रहे पशु तस्कर को संरक्षण, कहीं बन न जाए गौ हत्या पाप की भागीदार..!!
खादी के संरक्षण का पशु तस्कर भर रहा दंभ, पशु तस्करी से तौबा की दुशाला ओढ़ कर रहा टेलीफोनिक अनैतिक कारोबार
इंट्रो : मध्य प्रदेश की सीमा से लगे कोतमा केशवाही एवं छत्तीसगढ़ से भारी तादाद में उत्तर प्रदेश के रास्ते बांग्लादेश पशु तस्करी एक लंबे समय से चल रही है ऐसे में पशु तस्करी गोवंश परिवहन कर रहे वाहनों को शहडोल जिला भी क्रॉस करना होता है, जिस पर लगातार ताबड़तोड़ शहडोल संवेदनशील कप्तान कुमार प्रतीक द्वारा कार्यवाही की गई है, बावजूद इसके पशु तस्कर के हौसले बुलंद है बताया जाता है कि दर्जनों पशु तस्करी के मामलों में आरोपी पशु तस्कर करण सिंह अब हाईटेक होकर शहडोल जिला मुख्यालय के पटेल नगर से लेकर इधर बाणसागर तक तो उधर कोतमा तक अपना नेटवर्क फैलाया है और मोबाइल के माध्यम से ही गुर्गो के माध्यम से पुलिस से बचते बचाते इस अवैध कारोबार को अंजाम दिला रहा है।
शहडोल : केंद्र व राज्य सरकार जहां गौवंश के संरक्षण व संवर्धन पर जोर दे रही है, वहीं पशु तस्कर सरकार की इस मंशा पर पानी फेरने पर आमादा हैं। हाल यह कि मध्यप्रदेश की सीमा से लगे कोतमा,केशवाही,राजेन्द्रग्राम,झीकबिजुरी,जैतपुर,छोटी सीधी,बाणसागर ,जिगना अमरपाटन,पशु तस्करी के गढ़ में तब्दील हो चुका है। जानकारी के मुताबिक प्रतिमाह हजारों की संख्या में गौवंश अनूपपुर, शहडोल, सतना, प्रयागराज होते हुए पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं। वह भी चोरी छिपे नहीं बल्कि पुलिस की नजरों के सामने से। थानों के सामने से ही पशुओं के झुंड जाते हैं, लेकिन इसे रोकने की कौन कहे, पुलिस संज्ञान तक लेना भी मुनासिब नहीं समझती। हालांकि शहडोल पुलिस ने इस संबंध में कई कार्यवाहियां की है लेकिन अन्य जिलो की पुलिस मामलो में चुप्पी साधे बैठी है। तो वही शहडोल अनूपपुर सतना और इलाहाबाद तक के तमाम छोटे बड़े पशु तस्करों का मास्टरमाइंड कथित पशु तस्कर करण बन बैठा है, हालांकि इन दोनों पशु तस्करी से तौबा की दुशाला करण ने उड़ रखी है लेकिन सूत्रों के अनुसार मास्टरमाइंड अभी भी करण ही है।
राजनीतिक संरक्षण का भर रहा दंभ
पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुद से काम भी नहीं यह कहावत चरितार्थ कर रहा मुख्यालय में बैठा एक पशु तस्कर मास्टर माइंड, जिस पर पशु तस्करी के लगभग दर्जनों अपराध पंजीबद्ध बताये जा रहे हैं लेकिन इन दोनों वही अपराधी फिर खादी और भगवा का संरक्षण लेकर पशु तस्करी के नेटवर्क को शहडोल में बैठकर संचालित कर रहा है, हालांकि कथित पशु तस्कर करण ने ख्याति प्राप्त बेदाग, ईमानदार नेताओं को इस बात का पूरा यकीन दिला दिया है कि उसने पशु तस्करी से तौबा कर ली है लेकिन सूत्र बताते हैं कि करण अभी भी फर्जी सिम, हाईटेक टेक्नोलॉजी,व्हाट्सएप कॉल और अन्य माध्यम से घर बैठे ही पशु तस्करी के पूरे सिंडिकेट और नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है जिसकी जानकारी उसके अकाउंट को नहीं है, कम शब्दों में कहे तो कथरी ओढ़ कर घी खाने की तर्ज पर कथित माफिया कारोबार बदलने का ढोंग करते हुए बड़े पैमाने पर पशु तस्करी को अंजाम दे रहा है और जाने अनजाने में खादी और भगवाधारी नेता इस अवैध कारोबार में करण के साझेदार बन रहे हैं।
फिर हाईटेक हो गुलजार किया कारोबार
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी द्वारा पशु तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्यवाही और इस तर्क में वर्तमान एसपी द्वारा भी कार्यवाही किए जाने के बाद अब हाईटेक होकर कथित मास्टरमाइंड थाना बार सेटिंग जमा कर इस अवैध कारोबार को घर बैठे अंजाम दे रहा है। सूत्रों के अनुसार कोतमा से नेशनल हाईवे 43 से होते हुए शहडोल की ओर आने वाले वाहन के चालक कथित पशु तस्कर के निर्देश पर बुढार धनपुरी में आल क्लियर का सिग्नल न मिलने पर बटुरा के समीप से बाया गिरवा, जैतपुर होते हुए सीधी अमजोर का रास्ता इख्तियार करते हैं ऐसे में थाने से किसी एक प्यादे से सेटिंग कर गाड़ियों को पास करने की जिम्मेदारी मुख्यालय में बैठे पशु तस्कर करण की होती है, इसी प्रकार से जैतपुर रूट ब्लॉक होने पर करपा-घुनघुटी होते हुए उमरिया से सतना की ओर रवाना होते है, इन सब में कथित मास्टरमाइंड तस्कर का मात्र एक काम होता है स्थानीय थाना स्तर पर किसी कर्मचारी से सेटिंग बनाकर गाड़ियों को पास करना सेटिंग न बनने पर गाड़ियों का रूट बदल दिया जाता है।
ऐसे हो रही बड़े पैमाने पर पशु तस्करी
पशु तस्करों को शहडोल जिले से गुजरने के लिए शहडोल कप्तान की कार्यवाही से बचने के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित कर रखे हैं इन रूटों पर बेरोजगार युवाओं को रेकी के लिए तैनात किया जाता है तो वहीं मुख्यालय में बैठा मास्टरमाइंड अपने एक पुराने सहयोगी पशु तस्कर खाकीदारी आरक्षक के माध्यम से थाने में कोई ना कोई लिंक तलाश करता है। यदि जैतपुर में लिंक ना मिले तो सुहागपुर ओर बुढार की लिंक भिड़ा कर बाया नेशनल हाईवे गाड़ियां सतना के लिए रवाना होती हैं, ऐसे में कटनी उमरिया के रास्तों के थानों को भी मैनेजमेंट कथित मास्टरमाइंड देखता है , तो वही उल्लेखित रूट क्लियर ना होने पर जैतपुर, गोहपारु,जयसिंह नगर,ब्यौहारी के रूट को महत्व दिया जाता है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की सड़कों के माध्यम से भी चोरी छुपे भारी तादाद पर पशु तस्करी को अंजाम दिया जाता है।
पशु तस्करों पर हो बुलडोजर कार्यवाही
प्रतिवर्ष लगभग आधा सैकड़ा अपराध पशु तस्करी के जिले में पंजीबद्ध किये जाते हैं, जिम कहीं ना कहीं पशु तस्करों की अपराध में पुनरावृत्ति पाई जाती है, लेकिन कार्यवाही के बाद भी इन पशु तस्करों के हौसले बुलंद नहीं होते जिसकी वजह से पशु तस्करी पर विराम नहीं लग पा रहा है, बताया जाता है कि शहडोल से बाणसागर तक धीरज,राजेश,आशु,कोतमा राजेश,गोलू,वसीम, नबी जैसे कई नाम चर्चे में रहते हैं। जिन पर कई अपराध पंजी बात बताए जाते हैं ऐसे पर यदि इन आरोपियों को शॉर्टलिस्ट कर उनके खिलाफ जिला बदर रासुका जैसी कार्यवाही की जाए तो निश्चित तौर पर पशु तस्करी पर विराम लग सकता है, तो वही पशु तस्करी के मास्टरमाइंड शहडोल मुख्यालय में बैठे करण पर भी तस्करी के दर्जनों अपराध पंजीबद्ध बताए जाते हैं जिस पर उचित कदम न उठाने की वजह से पशु तस्करी का अनैतिक कारोबार एक बार फिर गुलजार हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मास्टरमाइंड पशुतस्करों को चिन्हित कर रासुका जिला बदर और बुलडोजर जैसी कार्यवाही को अंजाम दें ताकि गोवंश का कत्लेआम बंद हो सके ।
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