Ticker

6/recent/ticker-posts

सावधान! कोटमा की कच्ची शराब के नशे में धुत युवक आपको दिन भर झुलाता रहा झूला, फिर हुआ हादसे का शिकार


हाथ में टूटे दांत लेकर जिला अस्पताल पहुंचा शराब के नशे में  मस्त झूला ऑपरेटर.. !! झूला संचालक ने हजारों जिंदगी को डाला खतरे में


सावधान! यदि आप भी अपने परिवार के साथ एतिहासिक बाणगंगा मेले का आनंद लेने जा रहे है तो यह खबर आपके लिये है क्योंकि एतिहासिक बाणगंगा मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर बडा सवालिया निषान खडा हुआ, जब कोटमा की देषी शराब के नषे में धुत्त ऑपरेटर मंगलवार के पुरे दिन नषे की हालत में लोगो को झूला झुलाता रहा गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ लेकिन नषे में आपरेटर अनिल कोल खुद झूले से गिर गया जिसे आनन-फानन में जिला अस्पताल शहडोल लाया गया। ऐसे में अब बाणगंगा मेला में संचालित झूलो की सुरक्षा व्यवस्था और विष्वनियता पर लाजमी है। 


शहडोल। बाणगंगा मेला मैदान में मकर संक्राति के उपलक्ष्य में लगने वाला सात दिवसीय ऐतिहासिक मेला जिले ही नहीं विध्य क्षेत्र में मसहूर है लेकिन चंद्र रूपयों के लालच में झूला संचालक सैकडो लोगों की जान जोखिम में डालकर झूले का संचालन करा रहा था वो भी तब एक दिन पूर्व में ही शहडोल पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं प्रषासन के अधिकारियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था सुनिष्चित करने हेतु दिषा-निर्देष जारी किये गये थे। बावजूद इसके झूला संचालक राजकुमार द्विवेदी द्वारा शराब के नषे में धुत्त ऑपरेटर द्वारा मंगलवार के पूरे दिन लोगों के जान जोखिम में डालकर झूला के संचालन किया जा रहा था। 


नशे में धुत्त था झूला ऑपरेटर

मंगलवार की शाम करीब 7ः00 बजे नशे में धुत्त जख्मी हालत में एक युवक को कुछ अन्य युवकों द्वारा जिला अस्पताल लाया गया जहां गंभीर रूप से जख्मी युवक ने अपने आप को बाणगंगा मेला मैदान के बड़े झूले का ऑपरेटर बताया, और मीडिया के कैमरे में यह भी स्वीकार किया कि वह कई वर्षों से झूला ऑपरेटर के रूप में झूला संचालक राजकुमार द्विवेदी के साथ कार्यरत है एवं उसने बताया कि वह सुबह से ही ग्राम कोटमा से देसी शराब पीकर आया था,और वह हमेशा पीकर आता है जिसकी जानकारी झूला संचालक को है, दोपहर से लेकर शाम तक वह नशे में धुत होकर झूला का संचालन करता रहा बाद उसके वह स्वयं दुर्घटना का शिकार हो गया, इस पर झूला संचालक राजकुमार द्विवेदी द्वारा स्वीकार भी किया गया कि घायल अनिल कोल झूले का ऑपरेटर है और बीते 22 वर्षों से उसके साथ सेवाएं दे रहा है। तो वही बातचीत के दौरान झूला संचालक मामले से पल्ला झाड़ता नजर आया लेकिन सौ बात की एक बात ऑपरेटर यदि नशे में था तो उसे झूले के समीप आने ही क्यों दिया गया इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी झूला संचालक की है।



हादसे का कौन होता जिम्मेदार 

लोकप्रिय पुलिस कप्तान कुमार प्रतीक के मार्गदर्शन में शहडोल पुलिस द्वारा मेला सुरक्षा को लेकर 1 दिन पूर्व भी निर्देश जारी किए गए थे, बावजूद इसके झूला संचालक की मनमानी का आलम यह रहा कि नशे की हालत में धुत्त ऑपरेटर दिन भर झूला का संचालन करता रहा इस दौरान यदि ऑपरेटर के नशे में होने से कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता, नशे में धुत ऑपरेटर यह बताता रहा की मलिक को शराब पीने की जानकारी है इसके बाद भी यदि शराबी ऑपरेटर से झूला ऑपरेट कराया जा रहा था तो कहीं ना कहीं इसकी पूरी जिम्मेदारी झूला संचालक राजकुमार द्विवेदी को होती, गनीमत है कि कोई बड़ा हादसा नहीं घटा नशे में धुत ऑपरेटर को ही सिर्फ चोट आई अन्यथा सैकड़ो लोगों ने मंगलवार को मेला मैदान पहुंचकर झूले का आनंद उठाया। कम शब्दों में कहे तो इस प्रकार से शराब के नशे में धुत्त ऑपरेटर से झूला संचालन करवाने में आमजन के जीवन को खतरे में डालने के लिए प्रमुख जिम्मेदार झूला संचालक राजकुमार द्विवेदी बताया जा रहा है।


दर्ज हो संचालक पर आपराधिक प्रकरण 

कानूनी जानकार एडवोकेट ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस प्रकार के घटनाक्रम पर संपूर्ण लापरवाही प्रथम दृष्टि या झूला संचालक की प्रतीत हो रही है कानून में इस प्रकार से मानव जीवन को लापरवाही अथवा अन्य कर्म से खतरे में डालने के लिए दंड एवं जमाने का प्रावधान है भारतीय दंड संहिता के अनुसार कोई भी उतावलापन या लापरवाही भरा कार्य जो मानव जीवन को खतरे में डालता है या लोगों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, धारा 336 के तहत दंडनीय है। इसके लिए 3 महीने तक की कैद हो सकती है और 250 रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है। इसी प्रकार से मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न करना अन्य कई धाराओं के तहत भी दंडनीय अपराध है,जब कोई अपराधी इस तरह के उतावलेपन या लापरवाही से काम करके साधारण चोट पहुंचाता है, तो वह धारा 337 के तहत दंडनीय है। यहां, कारावास की सजा 6 महीने तक बढ़ जाती है और जुर्माना 500 रुपये तक होता है।इसी प्रकार, धारा 338 ऐसे कृत्यों को दंडनीय बनाती है यदि वे गंभीर चोट पहुंचाते हैं। कारावास की सज़ा बढ़कर 2 साल और जुर्माना राशि 1,000 रुपये हो जाती है।


इनका कहना है

जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है ऐसा है तो गलत है इस संबंध में जांच कर कर उचित कार्यवाही कराई जाएगी,आमजन के जीवन के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा।

आईपीएस कुमार प्रतीक 

पुलिस अधीक्षक, शहडोल


समस्त झूले इंश्योरेंस के बाद ही लगाने की अनुमति दी गई है, अगर ऐसा है तो बिल्कुल गलत है आज ही बैठक ली गई थी पुनः बैठक लेकर सभी को समझाइश दी जाएगी।

अक्षत बुंदेला

सीएमओ,नपा शहडोल 


जो युवक घायल हुआ है वह 22 वर्षों से मेरे साथ काम कर रहा है, झूला मेरे बड़े भाई साहब चला रहे थे मैं जिला अस्पताल उसके इलाज के लिए जा रहा हूं, बाकी बातें बाद में बताऊंगा।

राजकुमार द्विवेदी 

झुला संचालक, मेला मैदान शहडोल

Post a Comment

0 Comments