टीआई से लेकर एसपी तक सब को मैनेज करने के नाम पर ट्रेक्टर और डग्गी से वसूली की चर्चा हो रही आम
उमरिया पुलिस कप्तान निवेदिता नायडू की बेदाग छवि पर दाग लगाने घुनघुटी और पाली की पुलिस उतारू है.. ऐसा हम नहीं कहते रहती है चर्चाएं और रेत माफियाओं के बुलंद हौसले जी हां उमरिया जिले के अंतिम छोर स्थित घुनघुटी चैकी अंतर्गत शहडोल उमरिया की सीमा बलवई में रेत माफिया को सरक्षण देने और माफियाओं द्वारा कथित सिपाही और प्रभारी के माध्यम से टीई एसपी तक के मैनेजमेंट का दम्भ भरना कहीं ना कहीं बड़े सवालों को जन्म दे रहा है। हालांकि ईमानदार कप्तान की कार्यशैली पर हम सवालिया निशान नहीं लग रहे लेकिन यह संभव अवश्य है कि ईमानदार कप्तान के नाम से स्थानीय स्तर पर वसूली की जा रही हो क्योंकि धुंआ तभी उठता है जब कही न कही आग लगी होती है।
गजेंद्र सिंह परिहार (मीडिया हब)
शहडोल/उमरिया। किसी शायर ने क्या खूब कहा है बर्बाद गुलिस्ता करने को बस एक ही उल्लू काफी है हर काठ पर उल्लू बैठा है अंजाम में गुलिस्ता क्या होगा यह कहावत कथित शायरी इन दोनों घुनघुटी क्षेत्र में जमकर चरितार्थ हो रही है जहां रेत माफिया हाई लेवल के मैनेजमेंट का दम्भ भरते नजर आ रहे हैं जबकि यह बात किसी छुपी नहीं है कि ईमानदार पुलिस कप्तान की ईमानदारी खरा सोना है फिर सवाल यह उठता है कि अदना सा ट्रैक्टर से रेत चोरी करने वाला माफिया यह कैसे कह सकता है कि हम यसिर के माध्यम से प्रभारी टीआई और एसपी तक मैनेजमेंट करके रखे हैं हमें कोई कुछ नहीं कह सकता इतना ही नहीं कथित माफिया के हौसले इस कदर बुलंद है कि वह यह भी कहता है कि आप ही देखिए दिन में एक सैकड़ा से अधिक वाहन चोरी की रेत लेकर निकलते हैं मजाल है कि किसी पर कार्यवाही हो जाए कार्यवाही होगी तो भी उस पर जो हमारे सिस्टम में नहीं होगा उस पर कार्यवाही भी हम ही कराएंगे ऐसा दंभ बलबई के रेत माफिया और रेत माफिया के गुर्गे भर रहे हैं।
यह बताया गया बलवई में
बुधवार की शाम जब हमारी टीम चीयर सागर सुहागपुर मार्ग से सोन मुड़ना के घाट बलबई आम आदमी ( पिकनिक बनाने के बहाने से ) पहुंची तो कथित घाट पर लगभग आधा दर्जन से अधिक डग्गी और एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर लोड हो रहे थे, थोड़ी देर में जब रेत माफियाओं के गुरु को और स्थानीय कार्यरत मजदूरों को यह यकीन हो गया कि हमारा रेट से कोई वास्ता नहीं हम मात्र पिकनिक मनाने पहुंचे हैं तब हमारे सवालों के जवाब में उन्होंने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि उल्लिखित घाट का संचालन पुलिस और खनिज विभाग के साथ मिलकर होता है इन दोनों रेत का नया ठेका होने के बाद नई ठेका कंपनी के कर्मचारी ( फ्लाइंग स्कॉट) थोड़ा दिक्कत पैदा कर रही है बाकी टी एसपी तक हमने मैनेजमेंट बना रखा है आज ही एक आदमी जो हमारी सेटिंग में नहीं था उसकी ट्रैक्टर हमने पकड़वा दी।
ऐसे रहे कुछ सवाल-जबाव
रेट लोड करवा रहे एक व्यक्ति से जब हमारे द्वारा पूछा गया कि क्या आपको पुलिस परेशान नहीं करती तो उसने धड़ल्ले से बताया कि हमारी सेटिंग ऊपर तक है हम यहां से यासिर के माध्यम से चैकी प्रभारी तक पैसा पहुंचते हैं चैकी प्रभारी टीआई एसपी सब मैनेज करते हैं..!! नादान बनते हुए जब हमारी टीम द्वारा अगला सवाल कि पैसा अकाउंट में देते हो या नगद पूंछा गया तो कथित व्यक्ति द्वारा बताया गया कि पैसे का लेनदेन हमारे आका दो-तीन लोग यासिर नामक व्यक्ति को ट्रैक्टर के नाम पर 5000 डग्गी के नाम पर 10000 के हिसाब से देते हैं पूरी वसूली की जिम्मेदारी तीन-चार लोगों को मिली है जो वसूली करके पैसा सिपाही तक पहुंचा देते हैं। इसी क्रम में अगला सवाल की उमरिया एसपी मैडम तो ईमानदार है पर जवाब देते हुए कथित व्यक्ति द्वारा बताया गया कि सुने तो हम भी हैं कि मैडम ईमानदार है लेकिन अब सब लोग ही बता रहे हैं कि सबको देना पड़ता है तो हम कैसे कहे कि ईमानदार हैं यह भी हो सकता है कि उनके नाम से पैसा लेकर यह लोग ही खा जाते हो।
खनिज विभाग पर भी सवालिया निशान
सवालों के क्रम में बात घूमर जब हमारे द्वारा पूछा गया कि क्या खनिज और वन विभाग की टीम परेशान नहीं करती तो बताया गया कि उमरिया जिला की सीमा में शहडोल वन विभाग की टीम नहीं आती और उमरिया खनिज विभाग के इंस्पेक्टर साहब कभी-कभी आते हैं तो सब ट्रैक्टर और डग्गी वाले मिलकर चंदा करके उनकी व्यवस्था कर देते हैं और वह चले जाते हैं। माफिया के कथित गुर्गे ने दम्भ भरते हुए यह भी कहा कि पुलिस और खनिज हमने मैनेज कर रखा है पत्रकार यदि आते हैं तो हम उन्हें खदेड़ देते हैं गोरे और अज्जु भैया की सेटिंग ऊपर तक है। अभी शहडोल में वन विभाग कार्यवाही कर रही है तो वहां की भी कुछ गाड़ियां हमारे पास ही आने लगी हैं हमारे यहां किसी बात का कोई टेंशन नहीं है ऐसा कुछ जवाब देकर बातचीत समाप्त करते हुए कथित व्यक्ति अपने काम मे लौट गया। जिज्ञासा वस कार्यरत मजदूरों से भी कई सवाल हमारी टीम द्वारा पूछे गए तो उन्होंने बताया कि कभी कभार पटेल और कोई भाई जान साहब वर्दी पहन कर आते हैं बाकी यहां कोई नहीं आता वह भी आते हैं तो कुछ कहते नहीं।
कौन लग रहा साख पर बट्टा
कहते हैं धुंआ तभी उठता है जब आग लगी हो ऐसे में रेत माफियाओं के गुर्गो के इतने बड़े-बड़े बयान कहीं ना कहीं स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल लगा रहे हैं बड़े पैमाने पर रेत की चोरी हो रही है और स्थानीय पुलिस सिर्फ नाम मात्र के लिए कार्यवाही कर रही है जो कि कई सवालों को जन्म दे रहा है, पूर्व में भी कई बार ऐसे मामले प्रकाश में आते रहे हैं जब विभाग के जमीनी कर्मचारी ऊपर के अधिकारी का नाम बता कर अवैध वसूली करते हैं प्रतीत हो रहा है कि बलवई में भी मामला कुछ ऐसा ही है की अपना नजराना बढ़ाने के फिराक में निचले तपके जे कर्मचारियों द्वारा बड़े अधिकारियों को बदनाम करने उनकी साख पर बट्टा लगाने का कार्य किया जा रहा है अन्यथा मजाल इनकी कि छूटभैया रेत माफिया बड़ी बोल बोले और बड़े अधिकारियों को बदनाम करें। कथित रेत माफियाओं के गुर्गो के बयान के आधार पर कप्तान की ईमानदारी पर शक करना महज मूर्खता ही होगी लेकिन यह आवश्य प्रतीत हो रहा है कि निचले अधिकारी बड़े अधिकारियों का नाम डुबोने पर उतारू है।
जांच से खुल सकती है पोल
जिस हिसाब से रेत माफियाओं द्वारा मैनेजमेंट का दम भरा जा रहा है उससे कई सवाल जन्म ले रहे हैं ऐसे में यदि व्हाट्सएप और नॉर्मल काल की कॉल डिटेल निकाली जाए तो कुछ हद तक कर्मचारी अपने जाल में स्वयं फस सकते हैं बताएं अनुसार बुधवार की दोपहर से लेकर शाम तक अज्जू नमक सक्स का अवैध परिवहन कर रहा है ट्रक कथित यासिर और पटेल नामक पुलिस कर्मियों द्वारा रोका गया था जिस पर बाद में लेनदेन कर छोड़ देने के आरोप लग रहे हैं ऐसे में दोनों कर्मचारियों का सीडीआर लोकेशन से यह स्पष्ट हो सकता है कि वह उसे वक्त पर कहां थे।
इनका कहना है
जानकारी आपके माध्यम से सज्ञान में आई है आरोप प्रत्यारोप लगते रहते है कोई किसी से पैसा नहीं लेता सब अफवाह है पहले भी कार्यवाही हुई है आगे भी होगी । बाकी हम जांच करवाते हैं।
भूपेंद्र पंत
चैकी प्रभारी, घुनघुटी
जानकरी आपके माध्यम से सज्ञान में आई है हैम दिखवाते है, अगर ऐसा आरोप लगे है तो कौन लगा रहा मैं बात करता हूँ ये बड़े आरोप है।
शिव चरण बोहित
एसडीओपी, पाली क्षेत्र
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