पार्टनरशिप और मैनेजमेंट की मियाद पर टिकी उमरिया में अवैध उत्खन की इबारत...
रेत की कीमत आसमान छू रही है माफियाओं और ठेकेदारों के हौसले बुलंद है नियम विरूद्ध उमरिया में रेत के अवैध खदान का संचालन किया जा रहा है और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को तिलांजली दे चुके हो मानों एक जानवर और हड्डी की कहावत की तर्ज पर नोटो के बन्डल जिम्मेदारों के मुह में ठूसे गये हो यही कारण है कि खनिज अधिकारी और उनका अमला वर्जन देने फोन उठाने तक से कतरा रहा है फिर सवाल यह उठता है कि क्या विभाग के साथ-साथ जिला प्रषासन के अधिकारियों का हाल भी ऐसा ही है, और क्या नये कलेक्टर भी ज्वाइन करने के बाद इसी रंग में रंग जायेगें खैर रेत के इस अवैध खेल में नोट, पूर्व मंत्री का नाम, ऊंची पहुंच और मैनेजमेन्ट संबंधित कई चर्चाए आम है।
गजेन्द्र परिहार (मीडिया हब शहडोल)
शहडोल/उमरिया: कटनी की तर्ज पर उमरिया में खेल खेलने को ठेका कम्पनी के कारिन्दे उतारू है और जिम्मेदार मानों ठेका कंपनी की हां में हां मिला रहें हो जैसे उनकी भी करोड़ो के इस रेत की ठेके में हिस्सेदारी हो, आलम उमरिया जिले में यह है कि बे लगाम ठेका कंपनी के कारिन्दे मनमानी पर उतारू है और उन्हें किसी का रत्ती भर भय नहीं क्योंकि नियमों का पालन न करने तक तो ठीक था पर अब ठेका कंपनी प्रषासन कायदों को ठेगा दिखाने में उतारू है ताजा तरीन मामला उमरिया जिले के मझौली खदान का है जहां जोरों पर पोकलेन लगाकर अवैध खनन किया जा रहा है और टीपी लगभग 50 कि.मी दूर दूसरी छोर में स्थित खदान अमिलिहा की काटी जा रही है और प्रषासन सबकुछ जानकार भी अंजान बना हुआ है।
कही की टीपी कही की रेत
अंधेर नगरी चैपट राजा की तर्ज पर उमरिया खनिज विभाग और जिला प्रषासन और रेत ठेका कंपनी काम कर रही है बताया जाता है कि मानपुर अंतर्गत मझौली रेत खदान जिसको अब तक प्रषासनिक हरी झंडी नहीं मिली है वहां धड़ल्ले से ठेका कम्पनी द्वारा खनन परिवहन कराया जा रहा है, तो खनन उपरांत वाहनों को अमिलिहा की टीपी काटी जा रही है और प्रतिदिन सैकड़ो गाड़ी रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। तो वहीं स्थानीय लोगों और जन प्रतिनिधियों को कथित कम्पनी द्वारा पूर्व मंत्री के नाम का खौफ दिखाकर चुप कर देना बताया जाता है। बताया जाता है कि प्रषासनिक स्वीकृत न होने के वजह से आन रिकार्ड मझौली खदान प्रारंभ नहीं हुई और कंपनी ने बीते शुक्रवार से अमिलिहा की टीपी के आधार पर यहां अवैध उत्खनन प्रारंभ कर दिया।
नियमों को भी बता रहें धता
बताया जाता है कि बाबा महाकाल मिनिरल्स प्राईवेट लिमिटेड चैन सिंह शेखावत कंपनी को उमरिया में रेत खनन का ठेका मिला हुआ है और ठेका मिलने के बाद से ही कंपनी मनमानी पर उतारू है पहले तो बताया गया कि बिना प्रषासनिक मंजूरी के ही कंपनी ने बलौढ़ पोडी की सीमा में खनन प्रारंभ कर दिया बाद इसके हौसले इस कदर बुलंद है कि इसी तर्ज पर मझौली का संचालन भी प्रारंभ किया गया। इसके अलावा विभाग से साठ-गाठ कर एनजीटी और पर्यावरण कायदों कि धज्जियां उड़ाने का सिलसिला भी जारी बताया जा रहा है। इसके अलावा पानी के भीतर से रेत निकालना, लीज से हटकर खनन, औवर लोड परिवहन सहित अन्य चर्चाऐ भी है।
फरहत जहां अवैध उत्खनन वहां
खनिज अधिकारी उमरिया फरहत जहां का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा है पूर्व में शहडोल जिले में इस आषय की चर्चा आम रही कि फरहत जहां के कार्यकाल में माफियाओं के हौसले बुलंद रहते है शहडोल में तो एक कहावत ही चरितार्थ हो चली थी कि फरहत जहां अवैध उत्खनन वहां..., इसके अलावा भी कई किस्से कई मामले है खैर इनकी चर्चा हम अन्य अंको में करेंगे। मझौली में अवैध उत्खनन की जानकारी देने हमारी टीम द्वारा सोमवार की शाम खनिज अधिकारी सुश्री फरहत जहां से दूरभाष में कई बार सम्पर्क किया गया इसके पूर्व भी अवैध उत्खनन की जानकारी देने कई फोन लगाये गये लेकिन मैडम ने फोन उठाना वाजिफ नहीं समझा। मानों मैडम इस अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करना ही ना चाहती हो, जबकि मैसेज के माध्यम से भी सूचना दी गई।
तो क्या बिक गये जिम्मेदार अधिकारी
दिन के उंजाले में जिस प्रकार से बढ़े मनोबल के साथ ठेका कंपनी द्वारा अवैध उत्खनन को अंजाम दिया जा रहा है उससे एक बात तो स्पष्ट है कि या तो प्रषासन भारी दवाब में है या फिर ठेका कंपनी ने जिम्मेदारों की बोलती नोटो के बंडल से बंद करा रखी है। खनिज अधिकारी के फोन न उठाने के बाद खनिज निरीक्षक दिवाकर चतुर्वेदी उमरिया से दूरभाष में सम्पर्क साधा गया तो फोन तो उठा लेकिन मझौली खदान सुनते ही साहब न नुकुर करने लगे और फिर दो मीनट में काल रिर्टन का बोल साहब ने फोन काट दिया और फिर कई बार पूरी घंटी जाने के बाद भी साहब का फोन नहीं उठा तो वही जन चर्चाओं की माने तो कार्यवाही न करने के एवज में खनिज विभाग ने लाखों में नजराना कम्पनी से बंध रखा है तो सवाल यह उठता है कि प्रषासन के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार भी क्या इसी प्रकार लाखों के नजराने में बंधे हुये है और नये कलेक्टर भी क्या आकर इसी रंग में रंग जायेगें।
इनका कहना है
(इस संबंध में जानकारी के लिये खनिज अधिकारी उमरिया को दूरभाष में सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा)।
मुझे आपकी आवाज क्लीयर नहीं आ रही है मैं फोन काटकर रिर्टन करता हूँ (अवाज आना मझौली नाम सुनने के बाद बंद हुआ और रिर्टन काल तो दूर कई फोन लगाये गये साहब ने फोन नहीं उठाया)।
दिवाकर चतुर्वेदी
खनिज निरीक्षक, उमरिया
मुझे मझौली खदान के संबंध में कुछ नहीं पता मैं परिवार के साथ टूर पर आया हूँ। आप खनिज विभाग से वर्जन लीजिये मैं कुछ नहीं कह पाउंगा।
शरद सिंह
बाबा महाकाल मिनिरल्स प्रा.लि.,
ठेका कम्पनी उमरिया
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