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तो इन विकास कार्यों पर कौन लगा रहा ग्रहण,आमजनता परेशान





अधूरे पड़े लगभग एक दर्जन से अधिक पुल और ब्रिज निर्माण.. निर्माण एजेंसियों की मिली भगत कार्यवाही की दरकार

यह संभाग है शहडोल और गजब की अंधेरगर्दी है साहब वर्षों से विकास कार्य अधूरे पड़े हैं आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ठेकेदार मस्त, विभाग कमीशन के नसे में लस्त और जनता त्रस्त..!! इसी तर्ज पर विकास कार्य मानो हाथ जोड़कर वरिष्ठ अधिकारियों से कह रहे हो कि हमारा भी कुछ उद्धार करिए श्याम डीह में 9 वर्षों से ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ और सेतु निर्माण विभाग के अधिकारी सोते रहे ऐसा ही हाल शहडोल से मानपुर रोड की 6 ब्रिजों का है कहीं ब्रिज का निर्माण पूरा नहीं हुआ तो कहीं अप्रोच इसी प्रकार शहडोल से जैतपुर  मार्ग के ब्रिज भी अप्रोच की बाट जोह रहे हैं।





शहडोल। करोड़ों की लागत से शहडोल के 15 किलोमीटर दूर श्याम डीह में बन रहे ब्रिज का निर्माण कार्य 9 वर्षों में पूर्ण नहीं हो पाया और विभाग के जिम्मेदारों ने ठेकेदार पर किसी प्रकार के ठोस कदम उठाना वाजिब नहीं समझा और तो और शहडोल के इंजीनियर और एसडीओ सेतु निर्माण की तर्ज पर रीवा और भोपाल में बैठे अधिकारी फिर चाहे बात वसीम खान की की जाए या इंजीनियर मेहरा की किसी ने भी इस संबंध में ठोस कदम नहीं उठाए और देखते ही देखते विभाग और ठेकेदार ने मिलकर मौत की खाई रच डाली हालांकि संवेदनशील कमिश्नर ने मामले में संज्ञान लेकर तत्काल प्रभाव से आवागमन बंद कराया लेकिन इस प्रकार मौत की खाई खोद देने और गंभीर लापरवाही के मामले पर विभाग द्वारा काफी दोषियों पर कोई कार्रवाई न किया जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।



सेतु निर्माण विभाग लगा रहा बट्टा


शहडोल जिले और संभाग के विकास पर सेतु निर्माण विभाग के एसडीओ डी एस मरकाम और उनके इंजीनियरों की टीम इन दोनों बट्टा लगाने का काम कर रही है आश्चर्य की बात यह है कि चार-चार कलेक्टर शहडोल में बदल चुके किसी की नजर आखिर क्यों अधूरे पड़े इन विकास कार्यों में नहीं पड़ी क्या रंगीन कागजों तक मैनेजमेंट सिमट कर रह जा रहा है या फिर विभाग ठेकेदारों से मिली भगत कर मेरी मर्जी के तर्ज पर विकास कार्यों में पलीता लगाने का कार्य कर रहा है गौरतलब है की  कि 9 वर्षों से श्याम डीह में बन रहे ब्रिज का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।




दर्जनों ब्रिज और पुलिया अधूरे


निर्माण एजेंसियों की लापरवाही इस कदर हावी है कि ठेकेदार ने निर्माण कार्य वर्षों से न सिर्फ लंबित रखे हैं अपितु उन्होंने निर्माण कार्य संबंधी बोर्ड भी निर्माण स्थल पर लगाना वाजिफ़ नहीं समझा पुरानी कहावत है चोर चोर मौसेरे भाई के तर्ज पर विभाग और ठेकेदार निर्माण कार्यों में पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। कमीशन के फेर में विभाग किस प्रकार सुस्त हो जाता है कि उसे निर्माण स्थल पर ठेकेदार द्वारा बोर्ड ना लगने से भी कोई आपत्ति नहीं होती और इसी प्रकार से शहडोल से मानपुर मार्ग में कोनी तिराहे से महज 3 किलोमीटर दूर से ही मानपुर मार्ग तक पैकेज अनुसार 6 पुलिया का निर्माण कार्य होना था जिसकी पैकेज की कीमत 55 करोड़ बताई जा रही है  लेकिन 6 में से कई अब तक अधूरे पड़े हुए हैं कहीं निर्माण कार्य पूरा हो गया है तो कुछ का अप्रोच बचा है तो कहीं कार्य कछुआ चाल से चल रहा है।




भ्रष्ट अधिकारी हो निलंबित


बुधवार की दोपहर जब हमारी टीम शहडोल से मानपुर मार्ग में निर्माण अधिनियम 6 पुल ब्रिज का निरीक्षण अर्थात कवरेज करने पहुंची तो मौके में ना कोई ठेकेदार का जिम्मेदार कर्मचारियों मिला नही विभाग अथवा ठेकेदार द्वारा लगवाए गए किसी प्रकार के कोई भी निर्माण कार्य की जानकारी संबंधी बोर्ड.. जो कि विभाग और अधिकारियों की मिली भगत की परिचायक है स्थानीय लोगों की माने तो लगभग 5 वर्षों से पैकेज के तहत शहडोल से मानपुर मार्ग में स्वीकृत ब्रिज निर्माण कार्य लंबित है और ठेकेदार पर विभाग इस कदर मेहरबान है की कार्यवाही की जहमत नहीं उठा रहा है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों पर यदि समय रहते लगाम नहीं कसी गई और अनुशासन संबंधी कार्यवाही नहीं की गई तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में भी विकास कार्य इसी प्रकार से प्रभावित होंगे।

निरीक्षण से खुलेगी विभाग की पोल


बुधवार की दोपहर जब हमारी टीम मानपुर मार्ग में वर्षों से अधूरे पड़े पुल का निरीक्षण करने पहुंची तो उसके बाद मीडिया में खबर प्रकाशन के डर से ठेकेदार के गुर्गों ने आनन  फानन में टाल मटोल करना जिससे यह प्रतीत हो की निर्माण कार्य प्रगति में है दिखाना शुरू कर दिया लेकिन किसी भी ब्रिज निर्माण के कार्य में किसी प्रकार का बोर्ड ना लगाना साथ ही वर्षों से कार्यलंबित होना विभाग की शैली पर सवालिया निशान है,ऐसे में लोकप्रिय कलेक्टर शहडोल व संवेदनशील कमिश्नर शहडोल संभाग यदि शहडोल से मानपुर मार्ग अथवा शहडोल से जैतपुर  मार्ग में निर्माणधीन बीजों का निरीक्षण करते हैं तो उन्हें गंभीर अनियमिता मिलेगी, हालांकि आशंका है की फोटो खींचे जाने के बाद निर्माण स्थलों में बोर्ड जल्द ही लगाया जाए लेकिन बरसों से लंबित पड़े निर्माण कार्य अथवा अप्रोच रातों-रात नहीं हो सकते तो वहीं स्थानीय लोगों द्वारा मीडिया के माध्यम से संवेदनशील कलेक्टर एवं कमिश्नर से अपील की गई कि जल्द से जल्द लंबित निर्माण कार्यों को पूर्ण कराया जाए।

तो क्या नीदं में जनप्रतिनिधि


कुर्ते में क्रीज चढ़कर फोटो खिंचवाने वाले तो टोकरा भर नेता शहडोल संभाग में है लेकिन किसी भी नेता अथवा जनप्रतिनिधि ने लंबित पड़े निर्माण कार्यों के लिए किसी विभाग को एक भी पत्राचार किया होता तो शायद आज जनता की समस्या का समाधान हो गया होता, कयास तो यह भी लगाई जा रही है कि जिन जनप्रतिनिधियों ने कभी लंबित पड़े विकास कार्यों की सुध नहीं ली वह कथित भ्रष्टाचार में लिफ्ट अधिकारियों को बचाने के लिए सिफारिश का फोन अवश्य कर सकते हैं, खैर पुरानी कहावत है नाक दूर ना हसिया विकास कार्यों पर लग रहे पलीते पर जनपद जिला और विधानसभा स्तर व संसदीय क्षेत्र  स्तर के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर चर्चा अगले अंक में करेंगे। लेकिन यह अहम सवाल है कि आखिर जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी क्यों साध रखी है।

इनका कहना है 

(इस संबंध में जानकारी के लिए सेतु निर्माण विभाग शहडोल के एसडीओ दस मरकाम से उनके दुसभास में संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन उनका का फोन नहीं उठा,संभव है की उनके पास अब कहने को कुछ शेष नहीं है।)


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