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सेतु निर्माण विभाग का एक और कारनामा.... सात वर्षाे से अधूरा नवलपुर ब्रिज, दो वर्ष से कार्य बंद


बारिश में थम जाता है आवागमन, 8 वर्षों में नहीं पूरा हुआ निर्माण,श्यामडीह के बाद नवलपुर का एक सा हाल


भ्रष्टाचार लापरवाही एवं मनमानी की जो पटकथा अपने कार्यकाल में सेतु निर्माण विभाग के शहडोल एसडीओ डीएस मरकाम और उनकी टीम ने लिखी है वह पूरे शहडोल संभाग के विकास कार्यों पर बट्टा लगाने का कार्य कर रहा है। और जिम्मेदार अधिकारी इस कदर मेहरबान है की कार्यवाही की जहमत उठाने कोई भी तैयार नहीं.. श्याम डीह में बन रहा पुल तो 9 वर्षों से अधर में अटका ही है ऐसा ही हाल नवलपुर का है जहां लगभग 7 वर्षों से पुल निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है तो 2 वर्षों से ठेकेदार ने निर्माण स्थल पर निर्माण कार्य करना ही बंद कर दिया है और विभाग सिर्फ बैठे-बैठे ताली बजाने का कार्य करता  प्रतीत हो रहा है। अब सवाल यह भी उठना है कि एसडीओ की मनमानी पर ई वसीम खान लगाम लगाने की जहमत क्यों नहीं उठा रहे हैं क्या इस भ्रष्टाचार में उनकी भी हिस्सेदारी तय है??  या फिर मरकाम को सामने रख ई साहब भी पूरा खेल कर रहें हैं।


 (मीडिया हब शहडोल)

शहडोल। बारिश का मौसम और एक भारी बारिश और फिर क्या शहडोल नवलपुर से होकर धनगवा सहित दो दर्जन ग्रामों का पहुंच मार्ग बंद हो जाता है और आम आदमी को 25 किलोमीटर दूर घूम कर बुढार मार्ग से यात्रा करनी पड़ती है यह सिलसिला लगभग 9 वर्षों से जारी है जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ सेतु निर्माण विभाग के अधिकारी ठेकेदार की मनमानी ही है बताया जाता है कि सेतु निर्माण विभाग में जब से बतौर एसडीओ मरकाम की पोस्टिंग हुई है तब से मरकाम साहब मेरी मर्जी की तर्ज पर हिटलर शाही चलाकर शासकीय कार्यों पर तवज्जो देने के स्थान पर निजी लाभ और जेब भरने को तवज्जों देते हैं यह हम नहीं कहते कहती है जन चर्चाएं और शायद यही कारण है कि चाहे बात नवलपुर सोन नदी ब्रिज की करें या फिर ब्यौहारी सोन नदी पुल की या फिर शहडोल मानपुर मार्ग में बन रहेइ ब्रिजो की बात और हाल एक सा है अधिकारी मस्त जनता त्रस्त।




जाने क्या है पूरा मामला

शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर नवलपुर सोन नदी पर वर्षो बना पुल जो भारी बारिश के बाद बंद हो जाता था उस पर स्थानीय लोगों द्वारा आपत्ति जताने पर नए ब्रिज का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया निर्माण एजेंसी रही शहडोल सेतु निर्माण विभाग, काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा था आम आदमी की समस्याएं बढ़ रही थी देरी से चल रहे काम पर मानसून सत्र पर काम न करने की हिदायत रीवा के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी थी बावजूद इसके जून 2022 में निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब होने व मानसून सत्र में स्लैब ढलाई जिसकी वजह ठेकेदार और एसडीओ की मिलीभगत बताई जा रही है की वजह से लगभग 60 टन का स्लैब धराशाई हो गया और वह दिन था और आज का दिन लगभग 2 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं ठेकेदार द्वारा अब तक पुनः निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया जबकि उस दौरान विभाग द्वारा बयान दिया गया था कि ठेकेदार अपने खर्चे पर जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण करेगा लेकिन फिर एक माह बाद मानसून आने को है और काम ठप्प पड़ा है।

एसडीओ की भूमिका संदिग्ध

जन चर्चा है कि सेतु निर्माण विभाग के वर्तमान एसडीओ डीएस मरकाम जो लगभग 6 वर्षों से अधिक समय से शहडोल में पदस्थ है वह निर्माण कार्य विकास कार्य के स्थान पर निजी स्वार्थ 2 से 5 प्रतिषत कमिशन को महत्व देते हैं और इस महत्व की वजह से निर्माण कार्य अधर में अटके हुए हैं फिर चाहे बात सोन नदी पर बन रहे पुल की जाए या फिर श्याम डीह में 9 वर्षों से लंबित निर्माण कार्य या फिर निर्माण कार्य के नाम पर खोद दी गई मौत की खाई हर मामले में दोषी प्रथम दृष्टया या सिर्फ और सिर्फ सेतु निर्माण विभाग शहडोल के एसडीओ श्री मरकाम ही प्रतीत हो रहे हैं लेकिन न जाने क्यों ई वसीम खान सहित ईएनसी तक सब मरकाम पर मेहरबान है मानो मरकाम भी उनकी कमाई का जरिया बना हुआ है और आम जनता से इन्हें कोई लगाव नहीं, चर्चाओं की माने तो मरकाम को सामने कर रीवा कार्यपालन यंत्री वसीम खान खुद इस पूरे खेल को सजा रहे हैं जिसका प्यादा महेज मरकाम बताया जा रहा है।




बोर्ड और ठेका कंपनी दोनों लापता

श्याम डीह सोन नदी पर बन रहे पुल का हाल तो हम आपको बता ही चुके हैं कि 9 वर्षों से ब्रिज बन रहा है पूरा नहीं हुआ अप्रोच के नाम पर मौत की खाई खोद दी गई अब बात करते हैं नवलपुर सोन नदी पुल का, जो 2 वर्ष पहले धराशाई हुआ था विभाग ने कहा था जल्दी बनेगा 2 वर्ष बीत चुके मानसून सत्र फिर आने को है लेकिन ठेकेदार और ठेका कंपनी तो दूर पुल निर्माण स्थल पर बोर्ड भी लापता हो गया है बोर्ड जिसमें साफ तौर पर यह लिखा जाता है कि उक्त निर्माण कार्य की निर्माण अवधि निर्माण कार्य की लागत और कब से कब तक कितने समय में पूरा करना है एवं निर्माण एजेंसी कौन है आदि चीज उल्लेखित की जाती है वह बोर्ड भी लापता है दो वर्षों में यह ब्रिज चाहे तो कंपनी पूरा कर सकती थी लेकिन मरकाम जी ने लगता है इस और अपनी सहमत नहीं दिखाई या सिर्फ ठेकेदार से अपनी जेब गर्म करते रह गए। हालांकि बिजुरी की श्रीराम कंस्ट्रक्शन कंपनी एक नाम चीन ख्याति प्राप्त कंपनी है लेकिन निर्माण एजेंसी की लापरवाही से विकास कार्यों पर बट्टा लगता प्रतीत हो रहा हैं।

इनका कहना है

(इस संबंध में जानकारी के लिए सेतु निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री वसीम खान को उनके दूरभाष क्रमांक 9301329366 एवं सेतु निर्माण विभाग शहडोल एसडीओ डीएस मरकाम को उनके दूरभाष क्रमांक 7354496335 में संपर्क किया गया लेकिन श्याम डीह समाचार के बाद दोनो ही अधिकारी फोन उठाने और मीडिया को जवाब देने से बचते नजर आए।)


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