रेत की कीमतों का शिकार हो रहा आम आदमी, 1 हाइवा रेत को 10 डग्गी में कर कन्वर्ट कर महंगे दाम में बेच रहे माफिया
बड़ी कीमती है सोने की सुनहरी रेत और इस सुनहरी रेत पर है माफियाओं की नजर, बड़े ट्रांसपोर्टर ने अपने हाईवा में रिब लगवा रखी है जिससे लगभग 1 डग्गी (मिनी ट्रक रेत) हाइवा में ज्यादा आती है तो छोटे व्यापारी और स्थानीय रेत माफियाओं ने शासन प्रशासन को चूना लगाने का नया तरीका इजाद किया है जिसमें हाईवे से रेट लाकर शहडोल के अलग-अलग कोनों में डंप कर उसे फिर डग्गी में भरकर शहर में महंगी कीमत पर बेचा जा रहा है। इन छोटी लड़कियों में रेत की कोई वेद अनुज्ञप्ति या टीपी नहीं होती यह स्थानीय पुलिस के सहयोग से बेधड़क होकर सड़कों पर दौड़ते हैं। तो कुछ माफिया स्वयं को बचाने के लिए अनूपपुर की एक टीपी का इस्तेमाल दिन भर करते हैं।
शाहडोल। मानसून के साथ ही निर्माण कार्य 4 माह के लिए लगभग बंद हो जाएंगे तो मानसून के पूर्व रेत का कारोबार इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है जिसका फायदा उठा रहे हैं माफिया माफिया मनमाने दाम पर शहडोल में रेत की बिक्री कर रहे हैं.. और पीस रहा बेचारा आम आदमी। इतना ही नहीं कथित माफिया राजस्व और पुलिस विभाग को और खनिज विभाग के साथ भी आंख बिचोली का खेल खेल रहे हैं आलम यह है कि आम आदमी ₹9000 प्रति डग्गी की रेट से रेत खरीदने को मजबूर है और शासन प्रशासन को भी वाजिफ़ राजस्व नहीं मिल रहा है।
ऐसे हो रहा है पूरा खेल
जिला मुख्यालय में 5 से 6 रेत कारोबारी कम रेट माफिया ने रेत बेचने का नया जुगाड़ निकला है जिसमें कथित माफियाओं द्वारा हाईवे से रेत लाकर शहडोल जिला मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में डंप की जाती है डंप करने के बाद रेत को मैन्युअल मजदूरों के माध्यम से डग्गी में भरवा कर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सप्लाई का काम किया जाता है बताया जाता है कि कुछ रेत माफिया इन डग्गी के लिए एक टीपी अनूपपुर से नरोजाबाद अथवा उमरिया या डिंडोरी की कटवाते हैं और बाद उसके इस एक टीपी के आड़ में पूरे दिन रेत शहडोल जिला मुख्यालय में स्थानीय भंडारण से खफाई जाती है।
इन स्थानों पर होता है भंडारण
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहडोल नगर जिला मुख्यालय के विभिन्न कोनों में स्थानीय माफिया द्वारा अपने-अपने भंडारण अवैध भंडारण बनाए गए हैं बताया जाता है कि लकी नमक रेत कारोबारी द्वारा ग्राम कोटमा में बल्लू द्वारा ग्राम गोरतरा में, सोनू द्वारा विशनदसानी पेट्रोल पंप के पीछे, नुमान द्वारा मेडिकल कालेज के आगे अवैध रूप से रेत का भंडारण कर छोटे वाहनों के माध्यम से बिक्री किया जाता है कुछ व्यापारी सुबह पहले ट्रिप के लिए अपनी डग्गी अनूपपुर भेज देते हैं और वहां से उमरिया अर्थात 7 से 8 घंटे का समय परिवहन के लिए ले आते हैं और इसके बाद छोटे वाहनों में दिनभर रेत की बिक्री शहडोल मुख्यालय में होती है।
हाइवा और ओवरलोड का खेल
शहडोल में भंडारण कर छोटे वाहनों से रेत बेचने वाले रेत कारोबारी कम माफिया जिनके पास स्वयं का वाहन है उन्होंने अपने हाईवा में लगभग दो फीट की एक्स्ट्रा रिब लगा रखी है जिससे लगभग एक डग्गी ओवरलोड माल कथित माफियाओं को मिलता है, तो ऐसे ही कुछ बुढार और शहडोल के ट्रांसपोर्टर भी इसी राह पर अपने हाईवा में परिवहन विभाग और शासन के दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए हाईवे की बॉडी ने छेड़छाड़ कर क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से बॉडी के ऊपर लकड़ी अथवा लोहे का पटरा (रिब) जुड़वाते हैं जिसकी वजह से हमारी सडके खस्ताहाल हो रही और यह बेधड़क ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं।
यातायात पुलिस की भूमिका संदिग्ध
बिना टीपी के कथित माफियाओं के वाहन शहडोल मुख्य मार्गाे से होकर निकलते हैं कहने को तो लगभग प्रतिदिन यातायात अथवा अन्य स्थानीय पुलिस द्वारा हाईवे में चेकिंग लगाई जाती है लेकिन इन चेकिंग में फसता गरीब दो पहिया चालक ही है सूत्रों के अनुसार बिना टीपी या फर्जी टीपी के आधार पर रेत परिवहन करने वाले इन माफियाओं ने यातायात से ₹4000 मासिक नजराना बांध रखा है, बताया जाता है कि नुमान, लकी, सोनू जैसे इन कथित व्यापारियों से स्थानीय पुलिस के सीधे संबंध है इसके अलावा सोहागपुर के कुछ कर्मियों की भी सेटिंग कथित लोकल भंडारण करने वाले कारोबारी से बताए जाते हैं।
इनका कहना है
ओवरलोड रेत वाहनों पर कार्यवाही करने के निर्देश हमे ऊपर से नहीं मिला है, डीएसपी साहब या वरिष्ठ अधिकारी आदेश करेंगे तो कार्यवाही की जाएगी, अभी सिर्फ दो पहिया हेलमेट और सीटबेल्ट की कार्यवाही की जा रही है।
एस आर भगत
यातायात प्रभारी, शहडोल




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