20 जून को बुढ़ार में सजेगा मंच कुमार विश्वास, सुदीप भोला, सहित कई कई काव्य कलाकार करेंगे शिरकत
शहडोल : सस्ती लोकप्रियता के इस दौर में बड़े आयोजन का श्रेय लेने की होड़ में भांडाफोड़ अथवा खींचतान करने की संभावनाएं प्रबल होती है..!! खैर नाक दूर ना हसिया की तर्ज पर कार्यक्रम को दो ही दिन शेष है और यही दो दिन विशेष है कुमार विश्वास की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है गूगल देव की माने तो अकेले कुमार विश्वास 1 शो का 5 से 10 लाख रुपए चार्ज करते हैं यह हम इसलिए बता रहे हैं कि आप समझ सकेंगे कार्यक्रम कितना विशाल है, बड़ा आयोजन बड़ा खर्चा बड़ा चंदा गुड़ के साथ चीटियां और आयोजन के साथ चर्चा यह आम बात है ऐसे में चंदे को लेकर बाजार गर्म होने लगा है, चर्चाओं का बाजार जमकर गर्म है कि कार्यक्रम पर नाम पर अब तक 36 लख रुपए का चंदा हो चुका है खैर हुआ भी होगा उससे हमें क्या... आयोजन बड़े हैं तो खर्च भी बड़े होंगे पर सवाल सिर्फ यह है कि इस बड़े खर्चे के चर्चे किसके नाम होंगे इस बड़े व्यापारी को इस सफल आयोजन का श्रेय मिलेगा या फिर खेल एवं साहित्य अकादमी के पाले में पूरी गेंद रहेगी, खैर खबरी चाचा बताते हैं कि अभी तक पूरी गेंद दो लोगों के इर्द-गिर्द घूम रही है चहेतो को आमंत्रण भेजा गया है vip पास की व्यवस्था भी की गई है प्रतीत होता है कि अंधा बांटें रेवड़ी चीन्ह चीन्ह के तर्ज पर सारे काम हो रहे हैं। खैर सौ बातों की एक बात आयोजन विशाल है इस बड़े आयोजन को आयोजित करने वाले आयोजन प्रशंसा के काबिल हैं बाकी सफलता समय के गर्त में है।
बड़ा आयोजन, बड़ी चुनौती
आयोजन जितना बड़ा होता है चुनौती उतनी ज्यादा होती है निश्चित तौर पर नामचीन शख्सियत कुमार विश्वास को देखने और सुनने हजारों लाखों लोग कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित होंगे ऐसे में यातायात बैठक भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल, कूलर ,पंखे की व्यवस्था निश्चित तौर पर आयोजन कमेटी ने मजबूत कंधों के हवाले की होगी, बड़े आयोजन में छोटे-बड़े हर सामाजिक व्यक्ति को उसके कद अनुसार स्थान मिले इसका ध्यान रखना भी आयोजन कमेटी का ही उत्तरदायित्व होता है ऐसे में बारात के भांति तथा कथित दूल्हे के जीजा और फूफा का रूठना भी वजीफ होगा.. जन चर्चा के अनुसार अपने खास को आयोजन कमेटी खास व्यवस्था उपलब्ध कराएगी साथ ही जी आयोजक कमेटी के सदस्य का जिस प्रशासनिक अधिकारी से जितनी जरूरत होगी उतना तवज्जो दिया जाएगा। जिसको लेकर रसाकसी का सिलसिला जारी हो गया है। कयाश तो यह भी लगाई जा रही है कि जो रूठेगा वही आयोजक कमेटी से टूटेगा अब इस कयाश पर सत्यता की मोहर लगती है या नहीं यह तो समय के गर्त में है। खैर ऐसे कई अनसुलझे सवाल हैं जिनके जवाब लेकर हम आप तक आते रहेंगे।


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