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कलेक्टर साहब ! बटुरा में खुली हैं मौत की खाई नुमा कोयले की सुरंगे,हो सकता है कभी भी हादसा

 


कलेक्टर साहब ! बटुरा में खुली हैं मौत की खाई नुमा कोयले की सुरंगे,हो सकता है कभी भी हादसा 


कप्तान के निर्देश पर पुलिस ने की थी कार्यवाही, खुली खदानें छोड़ भाग खड़े हुए माफिया




शहडोल : शहडोल जिले के अमलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत बटुरा में लगभग एक दर्जन से अधिक अवैध कोयला खदाने संचालित है जहां से कप्तान के निर्देश पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही से खौफजदा माफिया ने बटुरा से कोयला खनन से तौबा कर ली लेकिन अब यह सुरंग नुमा  खदाने खुली छूट गई हैं जिसकी जानकारी शहडोल खनिज विभाग को दी गई थी गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों  में कई बार खनिज विभाग द्वारा फ्लाई एस से इन खदानों को बंद कराया गया था, फ्लाई ऐसे खदान बंद करने के पूर्व विधिवत कैंप लगाकर मुनादी कराई गई थी की कहीं लगभग तीन एकड़ में फैले सुरंग नुमा इन खदानों में कोई मजदूर छूट न जाए, सुरंग नुमा इन खदानों को सील करने के बाद काफी लंबे अरसे तक इन खदानों से कोयले का खनन बंद था बताया जाता है कि बाद में बुढार निवासी एक माफिया ने अपने गुर्गे तैनात करके इन खदानों को पुनः संचालित किया और कोल खनन का कारोबार प्रारंभ हुआ बाद इसके शहडोल के संवेदनशील पुलिस कप्तान कुमार प्रतीक के निर्देश पर अमलाई थाना प्रभारी द्वारा कार्यवाही करते हुए कोयले खनन से जुड़े कई स्थानीय लोगों पर कार्यवाही की गई, एवं कप्तान के निर्देश पर ही बड़े कोल माफिया पर भी कार्यवाही हुई इसके बाद कथित कोल माफिया के सगे संबंधियों ने इस काम से तौबा कर लिया । बहरहाल बताया जा रहा है कि कोयल का खनन माफियाओं द्वारा पूर्णता बंद है लेकिन कहावत है की लालच का कोई अंत नहीं ऐसे में बताया जाता है कि कभी कभार कथित बुढार निवासी माफिया द्वारा रात के अंधेरे में कुछ मजदूर उतार कर कोयला बेचकर अपनी जेब भरने की प्रयास किया जाता है, इसके अलावा आसपास के ग्रामीण भी रोजी रोटी के लिए काले हीरे की तलाश में कभी-कभी इन सुरंगों पर उतरते हैं, ऐसे में यदि कोई घटना घटती है तो जिला प्रशासन को प्रदेश स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।



मौत की खाई नुमा सुरंगे 

लगभग एक दर्जन से अधिक मौत की खाई नुमा इन खदानों का चित्र जैसा कि आप समाचार में देख सकते हैं इसमें कभी भी कोई बड़ा हादसा कोई मजदूर या गरीब परिवार रोजी-रोटी के फेर में काल की गर्त में समा सकता है ऐसे में कम ही समय में शहडोल में लोकप्रिय हुए कलेक्टर तरुण भटनागर से कयास लगाई जा रही है कि वह समय रहते खनिज विभाग को कार्यवाही और परमानेंट (डीजीएमएस की मिनी ब्लास्टिंग पद्धति से )खदान सीलिंग की प्रक्रिया अमल में लाने के आदेश जारी करेंगे। हालांकि खनिज विभाग को इन गोफ नुमा खदानों के संचालन और खुली पड़ी इन सुरंगों की जानकारी मीडिया द्वारा दी गई लेकिन अब तक ठोस कदम नहीं उठाए गए।


इनका कहना है 

जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है हम दिखवाते हैं।

देवेंद्र पटले

खनिज अधिकारी,शहडोल





आगे पढ़े... 01: कोयले की काली कमाई, भाई का दुश्मन बना भाई..

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