कल्याणपुर लगभग एक सैकड़ा शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा और मकान, चर्चा में कल्याणपुर पटवारी
प्रदेश के मुखिया मोहन यादव एक और राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार को खत्म करने एवं तानशाह घुसखोर पटवारी पर लगाम कसने के लिए मंच से निर्देश जारी कर रहे हैं दूसरी ओर पटवारी है कि अपनी करगुजारियों से बाज नहीं आ रहे हैं शहडोल जिला मुख्यालय से लगे कल्याणपुर में आलम यह है कि कल्याणपुर में बने अधिकांश घर कब्जे की भूमि पर बने हुए हैं इतना ही नहीं भू माफियाओं के लिए चारागाह घोषित हो चुके कल्याणपुर में कई अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया जा चुका है यही नहीं कार्यवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पूंजीपतियों और व्यापारियों के मानो हाथ की कठपुतली बनना बताया जाता है।
शहडोल। शहडोल जिला मुख्यालय से लगे कल्याणपुर क्षेत्र इन दोनों अपराधी गतिविधियों का गढ़ बन चुका है जिसका मुख्य कारण बताया जाता है शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा, शहडोल पुलिस के अनुसार लगभग आधा सैकड़ा से अधिक शासकीय भूमि पर बाहरी लोगों ने कब्जा कर लिया है और घर गोदाम आदि बनाकर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, यही नहीं कल्याणपुर हल्का क्षेत्र के पटवारी प्रद्युमन पयासी भी अपनी गतिविधियों को लेकर जन चर्चा का केंद्र बने हुए हैं जनचर्चाओं के अनुसार प्रद्युमन के साइलेंट पार्टनरशिप से ही बड़े पैमाने पर कल्याणपुर में विंध्या कॉलेज के समीप एवं अन्य स्थानों पर बड़ी अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया गया है, हालांकि हम इन जन चर्चाओं की पुष्टि नहीं करते पर जांच से बड़ा खुलासा हो सकता है।
बिक रहा है जमीनी कब्जा
बताया जाता है कि कल्याणपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में शासकीय भूमि का कब्जा लाखों रुपए में बिक रहा है जिसमें चार से पांच दलाल सक्रिय है जो स्थानीय राजस्व महकमें को मैनेज करते हैं मैनेज करने से तात्पर्य सीधा सा यह है कि भूमि पर कब्जा कब्जा के दौरान होने वाली झूमा झटकी और उसके बाद कई महीनो तक चलने वाले निर्माण कार्य के दौरान पटवारी किसी प्रकार से कब्जे में दखल नहीं देगा और इसके अलावा कब्जे के दौरान यदि किसी प्रकार से उल्लेखित कब्जे की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचती है तो उस पर भी मामला शांत करने की जिम्मेदारी कथित स्थानीय जिम्मेदार की ही होती है इसके एवज में लाखों रुपए की चढ़ौत्री ली जाती है अब यह रुपए पटवारी के पास जाते हैं या दलाल बीच में इन नोटों की गड्डी का भोग लगाते हैं इसकी पुष्टि हम नहीं कर सकते।
अवैध प्लाटिंग का भी गढ़
शासकीय भूमि पर कब्जे के अलावा कल्याणपुर अब अवैध प्लाटिंग का भी गढ़ बन चुका है लड्डू शिवांशु जैसे कई भू माफिया कल्याणपुर में अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे चुके हैं, जिसको लेकर उन दिनों हमारी टीम द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी किंतु मामले में उचित कार्यवाही के स्थान पर पूंजीपति व्यापारियों के फोन सीएम हेल्पलाइन बंद करने हेतु गनगनाने लगे जिससे एक बात तो स्पष्ट है कि कल्याणपुर हल्का में पूंजीपतियों और व्यापारियों का बोलबाला है। कई अवैध प्लाटिंग में सैकड़ो रजिस्ट्री होनी बताई गई इसके बाद भी कार्यवाही सिर्फ प्रतिवेदन तक ही सिमट कर रह गई जो कहीं ना कहीं कल्याणपुर पटवारी प्रद्युम्न पयासी की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान लगा रही है।
अवैध प्लाटिंग में जमकर नामांतरण
एक पल के लिए मान लिया जाए कि पटवारी कर ही क्या सकता है,सिवाय अवैध प्लाटिंग की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के और प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लेकिन इसके बाद भी मामला यह आता है कि हर अवैध प्लाटिंग में की गई रजिस्ट्री के लिए नामांतरण तो पटवारी को ही करना होता है पटवारी चाहे तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुए वह खसरा नंबर जहां अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया जा रहा है वहां नामांतरण पर रोक लगा सकता है। लेकिन ऐसा कुछ देखने कल्याणपुर में नहीं मिला। इसके अलावा जो भी लोग कल्याणपुर में शासकीय भूमि पर काबिज है वह भी माह दर माह अपना कब्जा शासकीय भूमि में बढ़ता जा रहे हैं जिस पर भी लगाम कसने की जिम्मेदारी स्थानीय राजस्व महकमे की थी।
चर्चा का केंद्र बने पटवारी साहेब..
मध्य प्रदेश के नई मुखिया मोहन यादव ने पटवारी भ्रष्टाचार पर रोक लगाने कई ठोस कदम उठाने के निर्देश प्रशासन को जारी किए हैं बावजूद इसके पटवारी है कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं, तो वही कल्याणपुर के पटवारी जिला मुख्यालय में इन दिनों जमकर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं बताया जाता है कि कम उम्र में पटवारी की कुर्सी मिलने के बाद पटवारी साहब इन दिनों चार पहिया वाहन से नीचे कदम भी नहीं रखते खैर यह उनका निजी मामला है लेकिन स्थानीय व्यापारियों अवैध प्लाटिंग के सरगना और भूमाफियाओं से उनके घनिष्ठ संबंध बताए जाते हैं जो कई सवालों को जन्म देता है बताया यह भी जाता है कि छलकते जाम के साथ कई काम आसानी से कल्याणपुर हल्के में हो जाते हैं तो वहीं बड़े व्यापारी बड़े-बड़े प्रोजेक्ट को कथित पटवारी से मिलकर चुटकी बजाते ही निपटा लेते हैं।
इनका कहना है
(इस संबंध में जानकारी के लिए एसडीएम सोहागपुर आई ए एस अरविंद शाह से उनके दूरभाष में संपर्क किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा)


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